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एम्स : मरीजों को निजी अस्पताल भेजने में गार्डों की भूमिका की जांच शुरू
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- इमरजेंसी के बाहर के सीसीटीवी फुटेज की भी होगी जांच, आरोप लगने के बाद एम्स प्रशासन सख्त
संवाद न्यूज़ एजेंसी
गोरखपुर। एम्स में तैनात गार्डों पर मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। एम्स प्रबंधन इमरजेंसी के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की भी जांच करवा रहा है।
एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने कहा था कि मामले की जांच कराई जाएगी और अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो दोषी व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद एम्स प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मरीज के तीमारदारों को यदि लगता है कि कोई उन्हें भ्रमित कर रहा है तो वे इसकी सूचना प्रबंधन को दें।
कार्यकारी निदेशक ने कहा कि सिर्फ कैमरों की जांच ही नहीं बल्कि इमरजेंसी क्षेत्र में तैनात गार्डों की ड्यूटी व्यवस्था की भी विशेष जांच की जाएगी। इमरजेंसी एक अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है, जहां मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।
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संवाद न्यूज़ एजेंसी
गोरखपुर। एम्स में तैनात गार्डों पर मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। एम्स प्रबंधन इमरजेंसी के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की भी जांच करवा रहा है।
एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने कहा था कि मामले की जांच कराई जाएगी और अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो दोषी व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद एम्स प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मरीज के तीमारदारों को यदि लगता है कि कोई उन्हें भ्रमित कर रहा है तो वे इसकी सूचना प्रबंधन को दें।
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कार्यकारी निदेशक ने कहा कि सिर्फ कैमरों की जांच ही नहीं बल्कि इमरजेंसी क्षेत्र में तैनात गार्डों की ड्यूटी व्यवस्था की भी विशेष जांच की जाएगी। इमरजेंसी एक अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है, जहां मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।
