सीएम योगी ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ की समीक्षा बैठक, कहा- जेई, एईएस, डेंगू के साथ कोरोना ने बढ़ाई मुश्किलें
- गोरखपुर और बस्ती मंडल के अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
- बीआरडी के इंसेफेलाइटिस वार्ड का भी किया निरीक्षण

विस्तार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेई, एईएस, डेंगू के साथ कोरोना आ गया है। इसलिए चुनौतियां इस बार ज्यादा है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह से तैयार रहना होगा। गोरखपुर और बस्ती मंडल के जिलों में सबसे अधिक जेई और एईएस के मरीज मिलते हैं। ऐसी स्थिति में यह तय किया जाए कि इंसेफेलाइटिस के मरीज सीधे बीआरडी न पहुंचे। बल्कि उनका इलाज ईटीसी (इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर) पर ही हो जाए।

यह बातें उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सोमवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कहीं। कहा कि अगर बीआरडी में सीधे इंसेफेलाइटिस के मरीज आते हैं, तो यह देखा जाएं कि मरीज किस जिले के हैं और मरीज का इलाज उस जिले के जिला अस्पताल या फिर ईटीसी सेंटर पर हुआ है या नहीं। अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित की जवाबदेही तय करें।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर और बस्ती मंडल की बैठक का मुख्य कारण जेई (जापानी इंसेफलाइटिस) और एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) के व्यापक कार्य योजना को देखना था। इन्हीं मंडलों में ज्यादातार मौतें जेई और एईएस से होती हैं। पिछले साल विभागीय समन्वयक के माध्यम से बीमारी में 60 फीसदी और मौतों में 90 फीसदी कमी आई है। जेई, एईएस और डेंगू के साथ कोरोना है। ऐसे में समस्या गहरा सकती है। इसलिए समीक्षा बैठक करनी पड़ी।
व्यापक कार्य योजना बनी है। पूरे प्रदेश में हर ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर सर्विलांस की टीम सक्रिय की गई हैं। यह टीम दो काम करेगी। एक तरफ कोविड-19 स्क्रीनिंग की जाएगी, तो दूसरी तरफ जेई, एईएस का लक्षण पाया जाता है, तो ऐसे मरीजों की लिस्ट तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। बैकअप के साथ पूरी तैयारी रखी जाए। जेई और एईएस की ट्रेनिंग की व्यवस्था करते हुए जिले स्तर पर मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाए। इस दौरान अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, मंडलायुक्त जयंत नर्लिकर, मंडलायुक्त बस्ती अनिल सागर, डीएम के विजयेंद्र पांडियन, सिद्धार्थनगर डीएम दीपक मीणा, बस्ती डीएम आशुतोष रंजन, महराजगंज डीएम डॉ उज्जवल कुमार आदि मौजूद रहे।
जिले स्तर पर टीम-11 का हो गठन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश स्तर पर टीम-11 का गठन कर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। उस पर डीएम की निगरानी में भी जिले स्तर पर टीम-11 का गठन किया जाए। यह लोग कोरोना संक्रमण के कार्यों की निगरानी करेंगे।
हेल्प डेस्क का किया जाए उपयोग
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर सीएचसी और पीएचसी पर हेल्प डेस्क बनाया जाए और उसका पूरा उपयोग किया जाए। कोविड-19 से बचाव से लेकर अन्य संबंधी जानकारियां हेल्प डेस्क के जरिए मरीजों को दी जाए। इसमें एक डॉक्टर की तैनाती की जाए।
निजी अस्पतालों का भी लें सहयोग
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एंबुलेंस सेवाओं में अगर कोई खामी मिलती है, तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए निजी अस्पतालों का सहारा लिया जाए। जांच की प्रक्रिया के तहत जो मानक तय किए गए हैं, उन्हें निजी अस्पतालों से पूरा कराते हुए कोविड-19 की जांच निजी अस्पतालों में भी कराई जाए। एंटी जन किट का इस्तेमाल अलग-अलग क्षेत्रों में की जाएं। गांव से लेकर शहर के वार्डों में निरीक्षण कर साफ-सफाई व्यवस्था देखे। टीम के लोग ग्रामीणों को बताएं कि पानी उबालकर पीएं।
समीक्षा बैठक के दौरान दो बार गुल हो गई बिजली
सात मिनट तक बजता रहा फायर अलार्म
समीक्षा बैठक के लिए ऑडिटोरियम में सीएम के इंट्री के कुछ देर बाद ही प्राचार्य कार्यालय और ऑडिटोरियम फायर अलार्म बजने लगा। इससे सीएम सुरक्षा से जुड़े लोग परेशान हो गए। आनन-फानन में आग के स्रोत की तलाश शुरू हुई। सात मिनट तक अलार्म बजता रहा। जब कहीं से आग का पता नहीं चला तो कर्मचारियों ने अलार्म को ही बंद करा दिया। जिसके बाद सीएम सुरक्षा से जुड़े कर्मचारियों ने राहत की सांस ली।
मरीजों के परिजनों को देते रहें जानकारी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड और नॉन कोविड अस्पताल अलग-अलग रहे। नॉन कोविड अस्पतालों में स्क्रीनिंग की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। इस दौरान अधिकारी अस्पतालों का निरीक्षण करते रहें। कोविड अस्पताल के इंचार्ज प्रतिदिन भर्ती मरीजों के परिजनों को स्वास्थ्य की जानकारी देते रहें।