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यूपी: जिस शख्स पर पति की हत्या का लगाया आरोप, उसी से शादी करने को तैयार हुई महिला

संवाद न्यूज एजेंसी, पीपीगंज (गोरखपुर)। Published by: vivek shukla Updated Wed, 06 Jan 2021 09:46 AM IST
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सार

  • पीपीगंज थाने में थानेदार की मौजूदगी में दोनों पक्षों में हुई सुलह
  • रेलवे ट्रैक पर मिला था जनार्दन का शव, पत्नी ने दिनेश पर लगाया था हत्या का आरोप

woman ready marry with accused of killing husband in gorakhpur
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Pixabay

विस्तार
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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के पीपीगंज नगर पंचायत के वार्ड संख्या एक की महिला ने जिस युवक पर पति की हत्या का आरोप लगाया था, अब उसी के साथ शादी करने का फैसला किया है। महिला मंगलवार को आरोपी के साथ थाने पहुंच गई। थानेदार की मौजूदगी में सुलहनामा दिया और कहा कि दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं। अब शादी करके साथ रहेंगे। आरोपी ने भी महिला व उसके बच्चों के पालन-पोषण का संकल्प दोहराया। हालांकि इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। तहरीर के आधार पर जांच चल रही थी।   
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जानकारी के मुताबिक, वार्ड संख्या एक निवासी जनार्दन प्रसाद बीते 28 दिसंबर की शाम घर से निकला, लेकिन लौटा नहीं। 29 दिसंबर की सुबह जनार्दन का शव गोलीगंज के पास रेलवे ट्रैक पर मिला। पुलिस घटना की छानबीन कर रही थी। इस बीच जनार्दन की पत्नी माया उर्फ अनिता ने चार जनवरी को एसएसपी को प्रार्थनापत्र दिया और मोहल्ले के दिनेश भारती पर हत्या का आरोप लगा दिया।
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एसएसपी को लिखे पत्र में माया ने कहा कि आरोपी ही पति को बहला-फुसला कर ले गया और हत्या कर शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। एसएसपी ने पीपीगंज थानेदार से मामले की रिपोर्ट तलब कर ली। पुलिस की जांच तेज हुई तो शिकायत दर्ज कराने वाली महिला माया मंगलवार को आरोपी युवक के साथ थाने पहुंच गई। यह देखकर पुलिसकर्मी हैरान रह गए। बाद में पता चला कि महिला आरोपी के साथ शादी करना चाहती है। जांच-पड़ताल से बचने के लिए पुलिस ने भी सुलह कराना ही सही समझकर मामले से पल्ला झाड़ लिया।

जनार्दन की मौत की वजह तलाशने के बजाय पुलिस ने सुलह करा दी

पीपीगंज थानेदार सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि माया देवी के प्रार्थना पत्र के आधार पर मामले की जांच की जा रही थी। इसी बीच दोनों ने थाने पहुंचकर आपस में सुलह होने की जानकारी दी। दोनों के बीच लिखित सुलह कराई गई है।  
 
रेलवे ट्रैक के किनारे शव मिलने के बाद जनार्दन का पोस्टमार्टम कराया गया था। रिपोर्ट में चोट लगने से मौत का तथ्य सामने आया था। इसके बावजूद पुलिस ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि चोट कैसे लगी? अगर जनार्दन ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की थी तो आत्महत्या की असली वजह क्या थी? वजह साफ थी तो संबंधित के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस क्यों नहीं दर्ज किया गया?

पुलिस ने इत्मीनान से मान क्यों लिया कि जनार्दन को आत्महत्या के लिए प्रेरित नहीं किया गया था? अगर छानबीन होती तो असली वजह निकलकर सामने आ सकती थी। थाने में महिला व आरोपी के बीच सुलह कर शादी की चर्चा आसपास के इलाके में भी है। इलाके के लोगों का कहना है कि पुलिस ने सच्चाई उजागर करने का प्रयास ही नहीं किया।

एक महिला जो कल तक किसी व्यक्ति पर अपने पति की हत्या का आरोप लगा रही थी, वह उसी से विवाह करने को तैयार हो गई। सुलह कर ली और पुलिस को दाल में कुछ भी काला नजर नहीं आया। पत्नी के हृदय परिवर्तन में जनार्दन की मौत की वजह तलाशने के बजाय पुलिस ने बड़े आराम से सुलह करा दी।
 
एडवोकेट रत्नाकर मणि त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस में सुलह-समझौते का कोई नियम नहीं है। अगर कोई बालिग शादी करना चाहता है तो उसे कोर्ट जाना होगा। कोर्ट में ही सुलह करके शादी करनी पड़ेगी, तभी शादी कानूनी रूप से मान्य होगी। भविष्य में कोई तहरीर न आए, इसलिए पुलिस समझौता करा लेती है। अगर पुलिस को आरोपों में सच्चाई नजर आती है तो केस दर्ज करके कार्रवाई कर सकती है। 
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