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गोरखपुर: काम का ऐसा पड़ा बोझ, परेशान महिला डॉक्टर ने दिया इस्तीफा

ऐहतेशाम उद्दीन अहमद, गोरखपुर Published by: हरीशचंद सिंह Updated Wed, 12 Feb 2020 01:31 PM IST
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gorakhpur District Women Hospital female doctor resign for hard work
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Social media
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जिला महिला अस्पताल की डॉ. मधुमिता रंगारी ने एक दिन में दस से अधिक मेडिको लीगल केस (एमएलसी) की जांच करने से परेशान होकर इस्तीफा दे दिया। डॉ. रंगारी के जाने के बाद दो अन्य महिला चिकित्सक  भी काम की अधिकता से परेशान होकर लंबी छुट्टी पर जाने की तैयारी कर रही हैं। महिला अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधीक्षक ने सीएमओ और जिलाधिकारी को पत्र लिख कर कम से कम पांच डॉक्टर देने की मांग की है। ऐसा हुआ तो सप्ताह के सातों दिन एमएलसी जांच की जा सकेगी। जिला महिला अस्पताल के अन्य चिकित्सकों का कामकाज भी बाधित नहीं होगा।   
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स्वास्थ्य विभाग की नियमावली के अनुसार मेडिको लीगल केस की जांच केवल सरकारी चिकित्सक ही कर सकते हैं, संविदा चिकित्सक नहीं। 55 वर्ष आयु पूरी होने के बाद सरकारी डॉक्टर भी एमएलसी जांच नहीं कर सकते। एक चिकित्सक एक दिन में अधिकतम तीन एमएलसी जांच कर सकता है। जिले के 28 थानों में महिला संबंधी अपराध की एमएलसी जांच महिला अस्पताल में ही कराई जाती है। अस्पताल आंकड़ों के अनुसार एक दिन में औसतन दस मेडिको लीगल केस आते हैं। जिला महिला अस्पताल में तीन महिला चिकित्सक ही एमएलसी करने के योग्य थीं।
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ये तीनों स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ भी हैं। एक महिला चिकित्सक ने बताया कि एमएलसी एमबीबीएस डॉक्टर कर सकता है, ऐसे में विशेषज्ञ चिकित्सकों को इस काम में लगाना उनकी क्षमता का दुरुपयोग तो है ही जरूरतमंद मरीजों को इलाज से वंचित किया जाना भी है। मेडिको लीगल केस की अधिकता से परेशान होकर डॉ. मधुमिता रंगारी ने इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफा देने के बाद अब दो महिला चिकित्सकों पर एमएलसी की जिम्मेदारी आ गई है। काम की अधिकता से परेशान यह महिला चिकित्सक भी लंबी मेडिकल छुट्टी पर जाने की तैयारी कर रही हैं। किसी तरह से काम चलाया जा रहा है। महिला चिकित्सकों से सहयोग की अपील भी की गई है।

एमएलसी जांच के लिए दो डॉक्टर ही हैं। इन पर ओपीडी, प्रसव, सीजेरियन और इमरजेंसी की भी जिम्मेदारी रहती है। इनमें से एक तो कभी-कभी दोनों डॉक्टरों को एक ही दिन गवाही देने के लिए कोर्ट जाना पड़ता है इससे न सिर्फ एमएलसी जांच बल्कि चिकित्सा सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। सीएमओ को कई बार पत्र लिख कर कम से कम पांच एमबीबीएस डॉक्टरों की मांग की गई है ताकि सभी सेवाएं सुचारु रूप से चलाई जा सकें।
- डॉ. आनंद प्रकाश श्रीवास्तव, प्रधान चिकित्सा अधीक्षक, जिला महिला चिकित्सालय
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