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गोरखपुर: रामगढ़ताल क्षेत्र में टला ग्रीन सेस का मामला, कमिश्नर लेंगे फैसला
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Sat, 03 Jul 2021 01:31 PM IST
सार
प्रेक्षागृह की साफ-सफाई का काम एजेंसी करेगी, जीडीए बुकिंग और बिजली बिल देखेगा। एकीकृत मंडलीय कार्यालय के लिए 50 लाख रुपये देगा जीडीए, बाद में होगा समायोजन।
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बैठक करते कमिश्नर, डीएम व जीडीए सचिव।
- फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
गोरखपुर के रामगढ़ताल क्षेत्र में मानचित्र स्वीकृत कराने के दौरान ग्रीन सेस (हरित अधिभार) वसूले जाने की गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की तैयारी पर फिलहाल के लिए ब्रेक लग गया है। हरित अधिभार के आकलन के लिए प्राधिकरण द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट जीडीए अध्यक्ष व कमिश्नर को भेजी जाएगी। कमिश्नर अध्ययन करने के बाद ही तय करेंगे कि सेस लगाया जाए या नहीं। यह फैसला शुक्रवार को जीडीए बोर्ड बैठक में लिया गया।
प्राधिकरण के अध्यक्ष व कमिश्नर रवि कुमार एनजी की अध्यक्षता में शाम 4.30 बजे से करीब तीन घंटे तक चली बैठक में 19 एजेंडों पर चर्चा की गई। इस दौरान रामगढ़ताल स्थित प्रेक्षागृह के संचालन को लेकर तय हुआ कि वहां की साफ-सफाई के लिए ई-टेंडरिंग के जरिए एजेंसी तय की जाए। जबकि प्रेक्षागृह की बुकिंग और उसके बिजली बिल का काम खुद प्राधिकरण करेगा।
संचालन को लेकर जीडीए ने 96 लाख रुपये का इस्टीमेट तैयार किया था। इसपर मंथन के दौरान बोर्ड ने यह तय किया कि कौन सा काम एजेंसी करेगी और कौन खुद प्राधिकरण। वहीं एकीकृत मंडलीय कार्यालय के लिए अभी शासन से धन नहीं मिलने की वजह से काम प्रभावित होता देख बोर्ड ने निर्णय किया कि प्राधिकरण 50 लाख रुपये अपने पास से देगा।
शासन की तरफ से जब इस मद में धन आएगा तो इस रकम का समायोजन कर लिया जाएगा। बोर्ड बैठक में मानबेला काश्तकारों को मुआवजे की बढ़ी हुई रकम दिए जाने को लेकर जनपद न्यायाधीश न्यायालय 24 दिसंबर को हुए आदेश पर भी चर्चा हुई।
बोर्ड को बताया गया कि न्यायालय ने 69 काश्तकारों के मामले में मुआवजे के तीन करोड़ 60 लाख 83 हजार 711 रुपये जमा करने का अदेश दिया था। न्यायालय मुआवजे का वितरण खुद करेगा। आदेश पर अमल करते हुए 30 जून को यह रकम न्यायालय में जमा करा दी गई है।
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प्राधिकरण के अध्यक्ष व कमिश्नर रवि कुमार एनजी की अध्यक्षता में शाम 4.30 बजे से करीब तीन घंटे तक चली बैठक में 19 एजेंडों पर चर्चा की गई। इस दौरान रामगढ़ताल स्थित प्रेक्षागृह के संचालन को लेकर तय हुआ कि वहां की साफ-सफाई के लिए ई-टेंडरिंग के जरिए एजेंसी तय की जाए। जबकि प्रेक्षागृह की बुकिंग और उसके बिजली बिल का काम खुद प्राधिकरण करेगा।
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संचालन को लेकर जीडीए ने 96 लाख रुपये का इस्टीमेट तैयार किया था। इसपर मंथन के दौरान बोर्ड ने यह तय किया कि कौन सा काम एजेंसी करेगी और कौन खुद प्राधिकरण। वहीं एकीकृत मंडलीय कार्यालय के लिए अभी शासन से धन नहीं मिलने की वजह से काम प्रभावित होता देख बोर्ड ने निर्णय किया कि प्राधिकरण 50 लाख रुपये अपने पास से देगा।
शासन की तरफ से जब इस मद में धन आएगा तो इस रकम का समायोजन कर लिया जाएगा। बोर्ड बैठक में मानबेला काश्तकारों को मुआवजे की बढ़ी हुई रकम दिए जाने को लेकर जनपद न्यायाधीश न्यायालय 24 दिसंबर को हुए आदेश पर भी चर्चा हुई।
बोर्ड को बताया गया कि न्यायालय ने 69 काश्तकारों के मामले में मुआवजे के तीन करोड़ 60 लाख 83 हजार 711 रुपये जमा करने का अदेश दिया था। न्यायालय मुआवजे का वितरण खुद करेगा। आदेश पर अमल करते हुए 30 जून को यह रकम न्यायालय में जमा करा दी गई है।
कमिश्नर को दिखाने के बाद ही इसपर कोई निर्णय
नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) से राहत मिलने एवं वेटलैंड का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद रामगढ़ताल क्षेत्र में 50 मीटर परिधि के बाहर मानचित्र स्वीकृत करने का रास्ता साफ हो गया है। मगर 10 मार्च 2021 को हुई जीडीए की 118वीं बोर्ड बैठक में रामगढ़ताल क्षेत्र में वेटलैंड दायरे के बाहर 50 मीटर से लेकर 500 मीटर तक के क्षेत्र में हाईरिस्क (व्यावसायिक) वाले मानचित्र स्वीकृत करने पर ग्रीन सेस लगाने का प्रस्ताव पास किया गया था। इसपर आपत्ति मांगी गई थी जिसपर विजन यूपी 2030 संस्था ने तमाम दलीलों के साथ कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी है। यही वजह रही कि बोर्ड बैठक में तय हुआ कि रिपोर्ट कमिश्नर को दिखाने के बाद ही इसपर कोई निर्णय हो।
रेवन्यू शेयर मॉडल लागू करने की तैयारी
रामगढ़ताल परियोजना क्षेत्र स्थित वाटर स्पोर्टस कांप्लेक्स के संचालन को लेकर शासन स्तर से एक पत्र जारी कर कहा गया था कि वहां जो भी वाटर एक्टिविटी हो उसे पर्यटन विभाग कराए। बोर्ड बैठक में इसपर भी चर्चा हुई। तय हुआ कि संचालन का अधिकार पर्यटन विभाग को दिया जाए मगर रेवन्यू शेयर मॉडल के तौर पर पर्यटन विभाग जीडीए को भी कुछ राजस्व दे। इस संबंध में जीडीए उपाध्यक्ष को पर्यटन विभाग के एमडी व प्रमुख सचिव से वार्ता कर मामले को अगली बोर्ड बैठक में रखा जाए।
रामगढ़ताल की देखरेख का बकाया 3.10 करोड़ रुपये देगा जीडीए
रामगढ़ताल की देखरेख की जिम्मेदारी पहले जल निगम की थी। उस समय तय हुआ था कि इसपर जो खर्च आएगा उसकी जिम्मेदरी जल निगम के अलावा जीडीए और नगर निगम भी बराबर-बराबर उठाएगा। इस मद में जीडीए के ऊपर 3.10 करोड़ रुपये का बकाया था। बोर्ड ने इस बकाये का भुगतान करने को लेकर अपनी स्वकृति दे दी है।
रेवन्यू शेयर मॉडल लागू करने की तैयारी
रामगढ़ताल परियोजना क्षेत्र स्थित वाटर स्पोर्टस कांप्लेक्स के संचालन को लेकर शासन स्तर से एक पत्र जारी कर कहा गया था कि वहां जो भी वाटर एक्टिविटी हो उसे पर्यटन विभाग कराए। बोर्ड बैठक में इसपर भी चर्चा हुई। तय हुआ कि संचालन का अधिकार पर्यटन विभाग को दिया जाए मगर रेवन्यू शेयर मॉडल के तौर पर पर्यटन विभाग जीडीए को भी कुछ राजस्व दे। इस संबंध में जीडीए उपाध्यक्ष को पर्यटन विभाग के एमडी व प्रमुख सचिव से वार्ता कर मामले को अगली बोर्ड बैठक में रखा जाए।
रामगढ़ताल की देखरेख का बकाया 3.10 करोड़ रुपये देगा जीडीए
रामगढ़ताल की देखरेख की जिम्मेदारी पहले जल निगम की थी। उस समय तय हुआ था कि इसपर जो खर्च आएगा उसकी जिम्मेदरी जल निगम के अलावा जीडीए और नगर निगम भी बराबर-बराबर उठाएगा। इस मद में जीडीए के ऊपर 3.10 करोड़ रुपये का बकाया था। बोर्ड ने इस बकाये का भुगतान करने को लेकर अपनी स्वकृति दे दी है।