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World Alzheimer's Day 2021: बुजुर्गों के साथ युवाओं को भी तनाव दे रहा अल्जाइमर, जानिए इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Tue, 21 Sep 2021 01:28 PM IST
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सार
कोरोना संक्रमण कम होने के बाद भी बढ़ रही ऐसे मरीजों की संख्या। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में सात से आठ मरीज इलाज के लिए रोज पहुंच रहे हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
- फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
अल्जाइमर बुजुर्गों के साथ युवाओं को भी तनाव दे रहा है। कोरोना संक्रमण का असर भले ही कम हो गया है, लेकिन इस महामारी ने लोगों में तनाव को जरूर बढ़ा दिया है। इसकी वजह से लोग अल्जाइमर का शिकार हो रहे हैं। बुजुर्गों के बाद अब 40 से 50 वर्ष के आयु के लोग भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे मरीजों की संख्या कोरोना महामारी के बीच बढ़ी भी है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में सात से आठ मरीज इलाज के लिए रोज पहुंच रहे हैं। मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. तपस कुमार ने बताया कि यह मानसिक रोग है। इसमें लोगों की याददाश्त धीरे-धीरे चली जाती है। ऐसी समस्या बुजुर्गों में होती है लेकिन अब 40 से 50 वर्ष के लोगों में भी यह लक्षण मिल रहे हैं। बताया कि बीमारी में लोग समय, स्थान, लोगों के चेहरे आदि भूलने लगते हैं। हाइपर टेंशन और मधुमेह के रोगियों में अल्जाइमर होने का खतरा ज्यादा रहता है। हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है।
लोगों के व्यवहार में होता है परिवर्तन
डॉ. तपस कुमार ने बताया कि अल्जाइमर बीमारी में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन हो जाता है। इसकी वजह से उन्हें बातचीत करने में दिक्कत हो जाती है। मधुमेह, हाई कोलस्ट्रॉल, सिर की चोट, ब्रेन स्ट्रोक, नशे की लत, एनीमिया और कुपोषण की वजह से यह बीमारी होने की आशंका रहती है।
ये हैं अल्जाइमर के लक्षण
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लोगों के व्यवहार में होता है परिवर्तन
डॉ. तपस कुमार ने बताया कि अल्जाइमर बीमारी में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन हो जाता है। इसकी वजह से उन्हें बातचीत करने में दिक्कत हो जाती है। मधुमेह, हाई कोलस्ट्रॉल, सिर की चोट, ब्रेन स्ट्रोक, नशे की लत, एनीमिया और कुपोषण की वजह से यह बीमारी होने की आशंका रहती है।
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ये हैं अल्जाइमर के लक्षण
- रात में नींद न आना
- रखी हुई चीजों को बहुत जल्दी भूल जाना
- आंखों की रोशनी कम होने लगना
- छोटे-छोटे कामों में भी परेशानी होना
- अपने परिवार के सदस्यों को न पहचान पाना
- डिप्रेशन में रहना, डर जाना
एसिरॉल कोलीन रसायन की कमी से होती है बीमारी
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग के डॉ. आमिल हयात खान ने बताया कि इस बीमारी में दिमाग के कुछ खास हिस्सों में एसिरॉल कोलीन नाम के रसायन का स्राव कम हो जाता है। यह रसायन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में कारगर होता है। यही वजह है कि इस बीमारी से पीड़ित लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। यह बीमारी आनुवांशिक भी होती है। मानसिक रूप से कमजोर लोगों को तो 40 साल की अवस्था में ही यह बीमारी अपने चपेट में ले सकती है।
अल्जाइमर से बचने को ये करें उपाय
अगर किसी व्यक्ति में अल्जाइमर के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। व्यायाम करने के साथ ही उसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए। अधिक से अधिक लोगों से मिलना जुलना चाहिए, ताकि डिप्रेशन न हो। घर के लोगों को ज्यादा संपर्क में रहना चाहिए ताकि उनके चेहरे पहचानने में परेशानी न हो।
अल्जाइमर से बचने को ये करें उपाय
अगर किसी व्यक्ति में अल्जाइमर के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। व्यायाम करने के साथ ही उसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए। अधिक से अधिक लोगों से मिलना जुलना चाहिए, ताकि डिप्रेशन न हो। घर के लोगों को ज्यादा संपर्क में रहना चाहिए ताकि उनके चेहरे पहचानने में परेशानी न हो।