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Ambala News: राजकीय पीजी कॉलेज में करोड़ों की गड़बड़ी की अभी शुरू नहीं हुई जांच
संवाद न्यूज एजेंसी, अंबाला
Updated Thu, 20 Nov 2025 01:39 AM IST
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माई सिटी रिपोर्टर
अंबाला। कैंट के राजकीय पीजी कॉलेज के प्राचार्य, पूर्व प्राचार्यों समेत 10 के खिलाफ करोड़ों रुपये की गड़बड़ी के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने प्राथमिकी तो दर्ज कर ली है, पर अभी तक मामले की जांच शुरू नहीं हुई है।
इस मामले में जांच अधिकारी एसीबी कुरुक्षेत्र की महिला निरीक्षक नन्ही देवी को बनाया गया है। एसीबी ने 14 नवंबर को चीफ सेक्रेटरी से निर्देश आने के बाद एफआईआर दर्ज की थी। पांच दिन बीतने पर अभी तक कॉलेज में एसीबी की टीम नहीं आई है।
वहीं दूसरी तरफ मामले में बुधवार को प्राचार्य डॉ. देसराज बाजवा ने शिकायतकर्ता रमेश सिंह और जांच समिति के प्रभारी ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. अजीत सिंह पर मिलीभगत कर रंजिश के तहत फंसाने के आरोप लगा दिए। यहां तक कि प्राचार्य ने शिकायतकर्ता पर छात्राओं से छेड़खानी के आरोप जड़े हैं। आरोप लगाया है कि इनकी वजह से कुछ छात्राओं ने कॉलेज आना तक छोड़ दिया था। इस कारण से पूर्व के प्राचार्यों ने शिकायतकर्ता का स्थानांतरण कर दिया था। वहीं ज्वाइंट डायरेक्टर की मंशा अंबाला के पीजी कॉलेज में प्रिंसिपल बनने की जताई है।
इन आरोपों पर शिकायतकर्ता रमेश सिंह ने इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि स्थानांतरण गलत तरीके से था, इसको लेकर कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया और मैं अपनी रुचि से मौजूदा पोस्टिंग पर आया। वहीं छात्राओं से कोई विवाद नहीं था इन्होंने प्लांट किया था। उसके साक्ष्य भी मैं जल्द दूंगा।
वहीं एसीबी ने जो कार्रवाई की है उस शिकायत को लेकर भी मैं हाईकोर्ट में गया था, कोर्ट ने आदेश भी दिए। अब अवमानना की याचिका पर सुनवाई चली रही है। एसीबी की जांच बता देगी कि शिकायत सच्ची या झूठी है। वहीं ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. अजीत सिंह को जब आरोपों के बारे में बताया गया तो उनका कहना था कि उन्हें ऐसे किसी आरोप की जानकारी नहीं है।
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अंबाला। कैंट के राजकीय पीजी कॉलेज के प्राचार्य, पूर्व प्राचार्यों समेत 10 के खिलाफ करोड़ों रुपये की गड़बड़ी के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने प्राथमिकी तो दर्ज कर ली है, पर अभी तक मामले की जांच शुरू नहीं हुई है।
इस मामले में जांच अधिकारी एसीबी कुरुक्षेत्र की महिला निरीक्षक नन्ही देवी को बनाया गया है। एसीबी ने 14 नवंबर को चीफ सेक्रेटरी से निर्देश आने के बाद एफआईआर दर्ज की थी। पांच दिन बीतने पर अभी तक कॉलेज में एसीबी की टीम नहीं आई है।
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वहीं दूसरी तरफ मामले में बुधवार को प्राचार्य डॉ. देसराज बाजवा ने शिकायतकर्ता रमेश सिंह और जांच समिति के प्रभारी ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. अजीत सिंह पर मिलीभगत कर रंजिश के तहत फंसाने के आरोप लगा दिए। यहां तक कि प्राचार्य ने शिकायतकर्ता पर छात्राओं से छेड़खानी के आरोप जड़े हैं। आरोप लगाया है कि इनकी वजह से कुछ छात्राओं ने कॉलेज आना तक छोड़ दिया था। इस कारण से पूर्व के प्राचार्यों ने शिकायतकर्ता का स्थानांतरण कर दिया था। वहीं ज्वाइंट डायरेक्टर की मंशा अंबाला के पीजी कॉलेज में प्रिंसिपल बनने की जताई है।
इन आरोपों पर शिकायतकर्ता रमेश सिंह ने इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि स्थानांतरण गलत तरीके से था, इसको लेकर कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया और मैं अपनी रुचि से मौजूदा पोस्टिंग पर आया। वहीं छात्राओं से कोई विवाद नहीं था इन्होंने प्लांट किया था। उसके साक्ष्य भी मैं जल्द दूंगा।
वहीं एसीबी ने जो कार्रवाई की है उस शिकायत को लेकर भी मैं हाईकोर्ट में गया था, कोर्ट ने आदेश भी दिए। अब अवमानना की याचिका पर सुनवाई चली रही है। एसीबी की जांच बता देगी कि शिकायत सच्ची या झूठी है। वहीं ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. अजीत सिंह को जब आरोपों के बारे में बताया गया तो उनका कहना था कि उन्हें ऐसे किसी आरोप की जानकारी नहीं है।