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Ambala News: बॉक्सिंग रिंग के लिए नहीं हॉल, खुले आसमान के नीचे कर रहे अभ्यास
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तरुण सिंह, खिलाड़ी
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- ठंड और तेज धूप और बारिश में झेलनी पड़ती है परेशानी, तीन साल से की जा रही मांग
संवाद न्यूज एजेंसी
अंबाला। बॉक्सिंग खिलाड़ी बिना हॉल के खुले आसमान के नीचे रिंग में कड़ाके की सर्दी व बारिश में अभ्यास करने के लिए मजबूर हैं। यह हाल अंबाला कैंट के वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में बने लड़कों के बॉक्सिंग सेंटर का है। लाखों रुपये की लागत से खरीदे गए बॉक्सिंग रिंग के लिए खेल विभाग के पास एक हॉल तक नहीं है।
तीन साल से बॉक्सिंग रिंग को कभी होस्टल के परिसर तो कभी स्टेडियम में शिफ्ट किया जा रहा है। बार-बार खिलाड़ियों की तरफ से बदहाल हो रहे बॉक्सिंग रिंग को सुरक्षित करने के लिए हॉल की मांग की जा रही है। बावजूद इसे अनदेखा किया जा रहा है। हर बार स्टेडियम में इंडोर हॉल की कमी का बहाना बनाकर खिलाड़ियों को लौटा दिया जाता है।
रिंग में आने से पहले हटानी पड़ती है धूल-मिट्टी
अंबाला कैंट के वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में दो बॉक्सिंग रिंग हैं। एक तो ऑल वेदर स्वीमिंग पूल के ऊपर बने हॉल में लगा है और वहां पर महिला बॉक्सिंग कोच प्रशिक्षण देती हैं। जबकि 2021 में लड़कों के कोच के लिए बॉक्सिंग रिंग आया था। उस समय हॉल न मिलने के कारण उसे होस्टल में ही खुले आसमान के नीचे रख दिया था। तभी से वह खुले आसमान के नीचे ही है। तेज धूप, कभी बरसात व ओस की बूंदों के कारण वह रिंग मजबूती खोता जा रहा है। खेल शुरू करने से पहले आधा घंटा तो रिंग से धूल-मिट्टी हटाई जाती है। सफाई करने के बाद कहीं जाकर प्रशिक्षण लेना शुरू करते हैं। हमेशा रिंग में लगी लकड़ी टूटने व मैट पर फटने का भी डर रहता है। करीब 3 से 4 लाख रुपये में रिंग की खरीद की जाती है।
अभ्यास के लिए रोजाना आते हैं 100 खिलाड़ी
कैंट के स्टेडियम में रखे बॉक्सिंग रिंग में रोजाना करीब 100 खिलाड़ी आकर बॉक्सिंग के गुर सीखते हैं। इनमें से कई खिलाड़ी इसी रिंग पर खेलकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल कर अंबाला व हरियाणा का नाम चमका चुके हैं। कुछ कैंट व सिटी तो कुछ आसपास के गांवों से यहां खेलने के लिए आते हैं। अक्सर खिलाड़ियों को एक बॉक्सिंग हॉल की कमी खलती है।
हॉल बनने पर मिलेगी राहत
बॉक्सिंग खिलाड़ी अरशद ने कहा है कि इस रिंग में खेलकर वह बॉक्सिंग सीखें हैं। लंबे समय से यह ऐसे ही खुले में है। अगर हॉल बन जाए तो खिलाड़ियों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही इस रिंग की मजबूती भी बरकरार रहेगी।
बारिश व तेज धूप में नहीं खेल पाते
बॉक्सिंग खिलाड़ी तरुण सिंह ने बताया कि खुले में रिंग होने के कारण अक्सर बरसात व तेज धूप में खिलाड़ी खेल नहीं पाते हैं। आगे-आगे ठंड काफी बढ़ जाएगी तो थोड़ी परेशानी बढ़ जाती है। हॉल बनने के बाद रिंग पर धूल-मिट्टी नहीं गिरेगी व खिलाड़ी भी हर मौसम में नियमित तौर पर अभ्यास कर सकेंगे।
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संवाद न्यूज एजेंसी
अंबाला। बॉक्सिंग खिलाड़ी बिना हॉल के खुले आसमान के नीचे रिंग में कड़ाके की सर्दी व बारिश में अभ्यास करने के लिए मजबूर हैं। यह हाल अंबाला कैंट के वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में बने लड़कों के बॉक्सिंग सेंटर का है। लाखों रुपये की लागत से खरीदे गए बॉक्सिंग रिंग के लिए खेल विभाग के पास एक हॉल तक नहीं है।
तीन साल से बॉक्सिंग रिंग को कभी होस्टल के परिसर तो कभी स्टेडियम में शिफ्ट किया जा रहा है। बार-बार खिलाड़ियों की तरफ से बदहाल हो रहे बॉक्सिंग रिंग को सुरक्षित करने के लिए हॉल की मांग की जा रही है। बावजूद इसे अनदेखा किया जा रहा है। हर बार स्टेडियम में इंडोर हॉल की कमी का बहाना बनाकर खिलाड़ियों को लौटा दिया जाता है।
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रिंग में आने से पहले हटानी पड़ती है धूल-मिट्टी
अंबाला कैंट के वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में दो बॉक्सिंग रिंग हैं। एक तो ऑल वेदर स्वीमिंग पूल के ऊपर बने हॉल में लगा है और वहां पर महिला बॉक्सिंग कोच प्रशिक्षण देती हैं। जबकि 2021 में लड़कों के कोच के लिए बॉक्सिंग रिंग आया था। उस समय हॉल न मिलने के कारण उसे होस्टल में ही खुले आसमान के नीचे रख दिया था। तभी से वह खुले आसमान के नीचे ही है। तेज धूप, कभी बरसात व ओस की बूंदों के कारण वह रिंग मजबूती खोता जा रहा है। खेल शुरू करने से पहले आधा घंटा तो रिंग से धूल-मिट्टी हटाई जाती है। सफाई करने के बाद कहीं जाकर प्रशिक्षण लेना शुरू करते हैं। हमेशा रिंग में लगी लकड़ी टूटने व मैट पर फटने का भी डर रहता है। करीब 3 से 4 लाख रुपये में रिंग की खरीद की जाती है।
अभ्यास के लिए रोजाना आते हैं 100 खिलाड़ी
कैंट के स्टेडियम में रखे बॉक्सिंग रिंग में रोजाना करीब 100 खिलाड़ी आकर बॉक्सिंग के गुर सीखते हैं। इनमें से कई खिलाड़ी इसी रिंग पर खेलकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल कर अंबाला व हरियाणा का नाम चमका चुके हैं। कुछ कैंट व सिटी तो कुछ आसपास के गांवों से यहां खेलने के लिए आते हैं। अक्सर खिलाड़ियों को एक बॉक्सिंग हॉल की कमी खलती है।
हॉल बनने पर मिलेगी राहत
बॉक्सिंग खिलाड़ी अरशद ने कहा है कि इस रिंग में खेलकर वह बॉक्सिंग सीखें हैं। लंबे समय से यह ऐसे ही खुले में है। अगर हॉल बन जाए तो खिलाड़ियों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही इस रिंग की मजबूती भी बरकरार रहेगी।
बारिश व तेज धूप में नहीं खेल पाते
बॉक्सिंग खिलाड़ी तरुण सिंह ने बताया कि खुले में रिंग होने के कारण अक्सर बरसात व तेज धूप में खिलाड़ी खेल नहीं पाते हैं। आगे-आगे ठंड काफी बढ़ जाएगी तो थोड़ी परेशानी बढ़ जाती है। हॉल बनने के बाद रिंग पर धूल-मिट्टी नहीं गिरेगी व खिलाड़ी भी हर मौसम में नियमित तौर पर अभ्यास कर सकेंगे।

तरुण सिंह, खिलाड़ी

तरुण सिंह, खिलाड़ी

तरुण सिंह, खिलाड़ी