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ऊंचाई पर संदेह तो मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर नियुक्ति से नहीं कर सकते इन्कार : हाईकोर्ट
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-पीजीआई की रिपोर्ट के आधार पर महिला कांस्टेबल पद पर उम्मीदवार को नियुक्ति का आदेश
-याची को केवल 1.1 सेंटीमीटर की कथित कमी के चलते भर्ती से कर दिया था बाहर
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि यदि किसी उम्मीदवार की हाइट पर संदेह हो और किसी सक्षम मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट उम्मीदवार के पक्ष में आती है तो उम्मीदवार को नियुक्ति के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।
जस्टिस जगमोहन बंसल की एकल पीठ ने हरियाणा सरकार के 20 फरवरी 2019 के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसके कारण याची ललिता को केवल 1.1 सेंटीमीटर की कथित कमी के चलते भर्ती से बाहर कर दिया गया था। 2018 में महिला कांस्टेबल पद के लिए फतेहाबाद निवासी ललिता ने सभी परीक्षण पार कर लिए थे लेकिन 20 फरवरी 2019 को हुए फिजिकल मेजरमेंट टेस्ट में उसकी हाइट 156.9 सेमी दर्ज कर दी गई जबकि न्यूनतम मानक 158 सेमी था। ललिता का कहना था कि उसकी वास्तविक हाइट इससे अधिक है लेकिन भर्ती बोर्ड ने इसे स्वीकार नहीं किया। ललिता ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने 10 मई 2019 को आदेश दिया कि उसकी हाइट पीजीआई चंडीगढ़ में सेंसर मशीन से मापी जाए। पीजीआई के तीन विशेषज्ञ डाक्टरों की मेडिकल बोर्ड ने 28 मई 2019 को उसकी हाइट 158.1 सेमी दर्ज की जो आवश्यक न्यूनतम हाइट से अधिक है। कोर्ट ने इस रिपोर्ट को विश्वसनीय मानते हुए कहा कि देश के शीर्ष मेडिकल संस्थान के निष्कर्ष को अनदेखा नहीं किया जा सकता। राज्य की ओर से कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और याची ने मौके पर आपत्ति नहीं उठाई। कोर्ट ने यह साफ किया कि जब स्वयं कोर्ट के आदेश पर विशेषज्ञ बोर्ड ने हाइट निर्धारित मानक से ऊपर पाई, तब प्रशासन इसका लाभ देने से इनकार नहीं कर सकता। कोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार याची को चार सप्ताह के भीतर नियुक्ति–पत्र जारी करे व सेवा लाभ के लिए जाइनिंग की तारीख को ही नियुक्ति तिथि माना जाएगा।
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जस्टिस जगमोहन बंसल की एकल पीठ ने हरियाणा सरकार के 20 फरवरी 2019 के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसके कारण याची ललिता को केवल 1.1 सेंटीमीटर की कथित कमी के चलते भर्ती से बाहर कर दिया गया था। 2018 में महिला कांस्टेबल पद के लिए फतेहाबाद निवासी ललिता ने सभी परीक्षण पार कर लिए थे लेकिन 20 फरवरी 2019 को हुए फिजिकल मेजरमेंट टेस्ट में उसकी हाइट 156.9 सेमी दर्ज कर दी गई जबकि न्यूनतम मानक 158 सेमी था। ललिता का कहना था कि उसकी वास्तविक हाइट इससे अधिक है लेकिन भर्ती बोर्ड ने इसे स्वीकार नहीं किया। ललिता ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने 10 मई 2019 को आदेश दिया कि उसकी हाइट पीजीआई चंडीगढ़ में सेंसर मशीन से मापी जाए। पीजीआई के तीन विशेषज्ञ डाक्टरों की मेडिकल बोर्ड ने 28 मई 2019 को उसकी हाइट 158.1 सेमी दर्ज की जो आवश्यक न्यूनतम हाइट से अधिक है। कोर्ट ने इस रिपोर्ट को विश्वसनीय मानते हुए कहा कि देश के शीर्ष मेडिकल संस्थान के निष्कर्ष को अनदेखा नहीं किया जा सकता। राज्य की ओर से कहा गया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और याची ने मौके पर आपत्ति नहीं उठाई। कोर्ट ने यह साफ किया कि जब स्वयं कोर्ट के आदेश पर विशेषज्ञ बोर्ड ने हाइट निर्धारित मानक से ऊपर पाई, तब प्रशासन इसका लाभ देने से इनकार नहीं कर सकता। कोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार याची को चार सप्ताह के भीतर नियुक्ति–पत्र जारी करे व सेवा लाभ के लिए जाइनिंग की तारीख को ही नियुक्ति तिथि माना जाएगा।
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