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Supermoon: इस साल की अंतिम पूर्णिमा के चांद का दीदार रहेगा बेहद खास, जानें कब देख सकेंगे सुपरमून
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Wed, 03 Dec 2025 06:17 PM IST
सार
4 दिसंबर को साल का अंतिम सुपरमून दिखाई देगा, जब चंद्रमा पृथ्वी के करीब आकर 14% बड़ा और 30% ज्यादा चमकीला नजर आएगा। ‘कोल्ड मून’ कहलाने वाला यह चांद बिना किसी उपकरण के देखा जा सकेगा। चांद और पृथ्वी की दूरी मात्र 3 लाख 57 हजार 218 किलोमीटर होगी।
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सुपरमून 5 दिसंबर को दिखेगा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
इस साल का अंतिम सुपरमून गुरुवार, 4 दिसंबर को आसमान में अपना अद्भुत नज़ारा दिखाएगा। पूर्णिमा का चांद सामान्य दिनों की तुलना में अधिक बड़ा और चमकीला दिखाई देगा। नेशनल अवॉर्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के अनुसार, इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के बेहद नजदीक रहेगा और उसकी दूरी मात्र 3 लाख 57 हजार 218 किलोमीटर होगी। पूर्णिमा के इस विशेष चांद को ‘कोल्ड मून’ नाम दिया गया है।
सारिका घारू ने बताया कि चंद्रमा के उदित होते समय ‘मून इल्यूजन’ के कारण यह वास्तविक आकार से भी ज्यादा बड़ा दिखाई देगा। रातभर पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए सुपरमून 5 दिसंबर अलसुबह 4 बजकर 44 मिनट पर पृथ्वी के सबसे नजदीकी बिंदु पेरिजी पर पहुंच जाएगा। इस खगोलीय घटना को देखने के लिए किसी विशेष दूरबीन या उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी। साफ मौसम में इसे खुले आसमान में आसानी से देखा जा सकता है।
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30% तक ज्यादा चमकीला
उन्होंने बताया कि सुपरमून वह घटना है, जब पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चंद्रमा अपने कक्ष के सबसे नजदीकी बिंदु पेरिजी पर पहुंचता है और उसी दिन पूर्णिमा भी होती है। दूरी घटने से चांद का आकार सामान्य पूर्णिमा की तुलना में लगभग 14% बड़ा और 30% तक ज्यादा चमकीला महसूस होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि शहर की तेज रोशनी सुपरमून की चमक को कम कर देती है। इसलिए यदि आप इस अनोखे नज़ारे को और अधिक स्पष्ट व सुंदर तरीके से देखना चाहते हैं, तो शहर की रोशनी से दूर खुले मैदान या छत जैसे स्थान चुनें, जहां प्रकाश-प्रदूषण कम हो। दिसंबर की ठिठुरती ठंड में आसमान में चमकता ‘कोल्ड मून’ देखने का यह सुनहरा अवसर साल 2025 का अंतिम सुपरमून होगा।
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सारिका घारू ने बताया कि चंद्रमा के उदित होते समय ‘मून इल्यूजन’ के कारण यह वास्तविक आकार से भी ज्यादा बड़ा दिखाई देगा। रातभर पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए सुपरमून 5 दिसंबर अलसुबह 4 बजकर 44 मिनट पर पृथ्वी के सबसे नजदीकी बिंदु पेरिजी पर पहुंच जाएगा। इस खगोलीय घटना को देखने के लिए किसी विशेष दूरबीन या उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी। साफ मौसम में इसे खुले आसमान में आसानी से देखा जा सकता है।
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30% तक ज्यादा चमकीला
उन्होंने बताया कि सुपरमून वह घटना है, जब पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चंद्रमा अपने कक्ष के सबसे नजदीकी बिंदु पेरिजी पर पहुंचता है और उसी दिन पूर्णिमा भी होती है। दूरी घटने से चांद का आकार सामान्य पूर्णिमा की तुलना में लगभग 14% बड़ा और 30% तक ज्यादा चमकीला महसूस होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि शहर की तेज रोशनी सुपरमून की चमक को कम कर देती है। इसलिए यदि आप इस अनोखे नज़ारे को और अधिक स्पष्ट व सुंदर तरीके से देखना चाहते हैं, तो शहर की रोशनी से दूर खुले मैदान या छत जैसे स्थान चुनें, जहां प्रकाश-प्रदूषण कम हो। दिसंबर की ठिठुरती ठंड में आसमान में चमकता ‘कोल्ड मून’ देखने का यह सुनहरा अवसर साल 2025 का अंतिम सुपरमून होगा।