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MP News: BU में छात्रों को मिलेगा ग्लोबल एक्सपोजर,उद्यमिता का नया मंच, फ्यूचर्ड इनोवेशंस स्टूडियो के साथ MOU
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Wed, 03 Dec 2025 04:19 PM IST
सार
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने फ्यूचर्ड इनोवेशंस स्टूडियो के साथ MOU कर शोध, नवाचार और छात्रों को वैश्विक अवसरों से जोड़ने की बड़ी पहल की है। इस समझौते के तहत पेटेंट्स का औद्योगिक उपयोग बढ़ाने, उद्योगों से सहयोग स्थापित करने और छात्रों को विदेशों में एक्सचेंज प्रोग्राम, स्कॉलरशिप व करियर अवसर उपलब्ध कराने पर काम होगा।
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एमओयू
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने बुधवार को फ्यूचर्ड इनोवेशंस स्टूडियो के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए। विश्वविद्यालय की ओर से कुलगुरु प्रोफेसर एस.के. जैन और फ्यूचर्ड इनोवेशंस स्टूडियो की ओर से डॉ. मनीष मल्होत्रा ने MOU पर हस्ताक्षर किए। इस MOU के बाद छात्रों को देसी रोजगार के साथ विदेशी संस्थानों में काम करने और पढ़ाई करने की संभावनाएँ भी बढ़ेंगी। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें वर्किंग वीज़ा प्राप्त करने में भी सहूलियत होगी।
देशी और विदेशी विश्वविद्यालयों के बीच सेतु
डॉ. मल्होत्रा ने MOU की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह समझौता देशी और विदेशी विश्वविद्यालयों के बीच सेतु का कार्य करेगा। इससे विद्यार्थियों में उद्यमिता कौशल, नवाचार क्षमता और वैश्विक चुनौतियों से निपटने की योग्यता विकसित होगी। उन्होंने कहा कि देश में कई महत्वपूर्ण शोध कार्य और पेटेंट मौजूद हैं, लेकिन उनका औद्योगिक उपयोग सीमित है। यह MOU शोध और पेटेंट को प्रयोगशालाओं से निकालकर बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगा।
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तीन चरणों में होगा सहयोग
1. पेटेंट और शोध के औद्योगिक मूल्य, समसामयिक उपयोगिता और मार्केट पोटेंशियल का आकलन।
2. उद्योगों से संपर्क कर उत्पादों में सुधार और व्यावहारिक उपयोग की दिशा में काम।
3. छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय एक्सपोज़र सहित स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, ग्लोबल स्कॉलरशिप और विदेशी विश्वविद्यालयों में अध्ययन के अवसर।
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शिक्षकों और छात्रों से अधिकतम लाभ उठाने की अपील
कुलगुरु प्रोफेसर सुरेश कुमार जैन ने शिक्षकों और छात्रों से इस समझौते का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने छात्रों को वैश्विक चुनौतियों से अपडेट रहने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से अपनी बौद्धिक क्षमता को आगे बढ़ाने की सलाह दी। कुलगुरु ने कहा कि यह MOU विश्वविद्यालय को वैश्विक समाज, अंतरराष्ट्रीय गवर्नेंस मॉडल, एकेडमिक एक्सीलेंस फ्रेमवर्क और बेस्ट प्रैक्टिसेज से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।
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देशी और विदेशी विश्वविद्यालयों के बीच सेतु
डॉ. मल्होत्रा ने MOU की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह समझौता देशी और विदेशी विश्वविद्यालयों के बीच सेतु का कार्य करेगा। इससे विद्यार्थियों में उद्यमिता कौशल, नवाचार क्षमता और वैश्विक चुनौतियों से निपटने की योग्यता विकसित होगी। उन्होंने कहा कि देश में कई महत्वपूर्ण शोध कार्य और पेटेंट मौजूद हैं, लेकिन उनका औद्योगिक उपयोग सीमित है। यह MOU शोध और पेटेंट को प्रयोगशालाओं से निकालकर बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगा।
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तीन चरणों में होगा सहयोग
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2. उद्योगों से संपर्क कर उत्पादों में सुधार और व्यावहारिक उपयोग की दिशा में काम।
3. छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय एक्सपोज़र सहित स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, ग्लोबल स्कॉलरशिप और विदेशी विश्वविद्यालयों में अध्ययन के अवसर।
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शिक्षकों और छात्रों से अधिकतम लाभ उठाने की अपील
कुलगुरु प्रोफेसर सुरेश कुमार जैन ने शिक्षकों और छात्रों से इस समझौते का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने छात्रों को वैश्विक चुनौतियों से अपडेट रहने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से अपनी बौद्धिक क्षमता को आगे बढ़ाने की सलाह दी। कुलगुरु ने कहा कि यह MOU विश्वविद्यालय को वैश्विक समाज, अंतरराष्ट्रीय गवर्नेंस मॉडल, एकेडमिक एक्सीलेंस फ्रेमवर्क और बेस्ट प्रैक्टिसेज से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।