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Fatehabad News: हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम शायरी से उभरा बबली का दर्द
संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहाबाद
Updated Wed, 31 Dec 2025 12:17 AM IST
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कार्यक्रम के दौरान मंच पर उपस्थित पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली व अन्य। संवाद
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टोहाना। किसान विश्राम गृह में मंगलवार को आयोजित अटल स्मृति सम्मेलन में पहुंचे पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली का 2024 विधानसभा चुनाव में हुई हार का दर्द उभरा। उन्होंने अपनी हार का ठीकरा बिना नाम लिए राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला पर फोड़ा।
अपने संबोधन में बबली ने शेरो-शायरी के माध्यम से कटाक्ष करते हुए कहा, हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था, मेरी कश्ती वहां डूबी जहां पानी कम था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्हें एक लाख से अधिक वोट मिले थे, जबकि 2024 में उन्हें करीब 80 हजार वोट प्राप्त हुए, यानी पहले से मिले वोटों में से भी 20 हजार ज्यादा वोट कम हो गए।
बबली ने कहा कि टोहाना की जनता 2015 से 2019 के बीच के विधायक कार्यकाल और 2019 से 2024 के बीच के कार्यकाल का फर्क भली-भांति समझती है। उन्होंने दावा किया कि पंचायत मंत्री रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सहयोग से उन्होंने हरियाणा के पंचायत विभाग में भ्रष्टाचार पर प्रभावी रोक लगाई।
बबली ने कहा कि उनके कार्यकाल में टोहाना में किसी अधिकारी की जेब काटने की हिम्मत नहीं होती थी। पूर्व मंत्री ने कहा कि अब कुछ लोग फिर से पैर पसारने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जब तक वह हैं, किसी को गलत काम नहीं करने देंगे। उन्होंने सुशासन दिवस के अवसर पर सभी से गलत के खिलाफ आवाज उठाने और दबने नहीं का संकल्प लेने की अपील की।
उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है, इसलिए किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को सहन नहीं किया जाना चाहिए और इसकी तुरंत सूचना दी जानी चाहिए। वहीं सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के बारे में बबली ने कहा कि वह सोशल मीडिया ज्यादा नहीं देखते, लेकिन इतना जरूर कहना चाहते हैं कि बबली जहां है, वहीं रहेगा, कहीं नहीं जाएगा।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सोशल मीडिया पर उनके भाजपा छोड़ने के बारे में अटकलें लगाई जा रही थी। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रवीण जोड़ा और चेयरमैन भारत भूषण मिड्ढा भी मंच पर मौजूद रहे।
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फ्लेक्स पर फोटो पर कार्यक्रम से नदारद रहे दादा
रिश्ते में बबली के दादा लगने वाले राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। कार्यक्रम के संयोजक देवेंद्र बबली हैं। कार्यक्रम में पहुंचे जिलाध्यक्ष प्रवीण रहे। उन्होंने मंच पर बबली के संबोधन को सुना और वे उन्हें देखते रहे। कार्यक्रम में बराला का नहीं आना चर्चा का विषय रहा।
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अपने संबोधन में बबली ने शेरो-शायरी के माध्यम से कटाक्ष करते हुए कहा, हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था, मेरी कश्ती वहां डूबी जहां पानी कम था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्हें एक लाख से अधिक वोट मिले थे, जबकि 2024 में उन्हें करीब 80 हजार वोट प्राप्त हुए, यानी पहले से मिले वोटों में से भी 20 हजार ज्यादा वोट कम हो गए।
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बबली ने कहा कि टोहाना की जनता 2015 से 2019 के बीच के विधायक कार्यकाल और 2019 से 2024 के बीच के कार्यकाल का फर्क भली-भांति समझती है। उन्होंने दावा किया कि पंचायत मंत्री रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सहयोग से उन्होंने हरियाणा के पंचायत विभाग में भ्रष्टाचार पर प्रभावी रोक लगाई।
बबली ने कहा कि उनके कार्यकाल में टोहाना में किसी अधिकारी की जेब काटने की हिम्मत नहीं होती थी। पूर्व मंत्री ने कहा कि अब कुछ लोग फिर से पैर पसारने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जब तक वह हैं, किसी को गलत काम नहीं करने देंगे। उन्होंने सुशासन दिवस के अवसर पर सभी से गलत के खिलाफ आवाज उठाने और दबने नहीं का संकल्प लेने की अपील की।
उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है, इसलिए किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को सहन नहीं किया जाना चाहिए और इसकी तुरंत सूचना दी जानी चाहिए। वहीं सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के बारे में बबली ने कहा कि वह सोशल मीडिया ज्यादा नहीं देखते, लेकिन इतना जरूर कहना चाहते हैं कि बबली जहां है, वहीं रहेगा, कहीं नहीं जाएगा।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सोशल मीडिया पर उनके भाजपा छोड़ने के बारे में अटकलें लगाई जा रही थी। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रवीण जोड़ा और चेयरमैन भारत भूषण मिड्ढा भी मंच पर मौजूद रहे।
फ्लेक्स पर फोटो पर कार्यक्रम से नदारद रहे दादा
रिश्ते में बबली के दादा लगने वाले राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। कार्यक्रम के संयोजक देवेंद्र बबली हैं। कार्यक्रम में पहुंचे जिलाध्यक्ष प्रवीण रहे। उन्होंने मंच पर बबली के संबोधन को सुना और वे उन्हें देखते रहे। कार्यक्रम में बराला का नहीं आना चर्चा का विषय रहा।