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Jind News: पराली जलाने पर तीन किसान गिरफ्तार, 10 पर एफआईआर
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संवाद न्यूज एजेंसी
जींद। जहां एक तरफ प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकलीफ हो रही है वहीं पराली का धुआं हवा को और जहरीली बना रहा है। जिले में पराली जलाने के मामलों पर अंकुश की बजाय बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को विभिन्न क्षेत्रों से कुल 17 जगह धान के अवशेष जलाने की पुष्टि हुई है। वहीं तीन किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किसानों में हिसार जिले के गांव किन्नर निवासी सोनू, नरवाना क्षेत्र के गांव अमरगढ़ निवासी सुरेंद्र और सफीदों के गांव मुआना निवासी प्रदीप कुमार शामिल हैं। इन्होंने करीब पांच एकड़ में धान के अवशेष जलाए हैं। मामले में एफआईआर पहले दर्ज हुई थी।
वहीं पराली जलाने के आरोप में दस किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस के अनुसार इनमें गतौली गांव के विजयंत, निडाना गांव के महेंद्र, किलाजफरगढ़ के राजेश, पौली गांव के श्रीभगवान, मालवी गांव के धर्मवीर और सुरेंद्र, खरैटी गांव के सुनील और देशखेड़ा गांव के नसीब शामिल हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
जिले में अब तक 101 मामलों में पराली जलाने की शिकायत दर्ज हो चुकी है जिनसे कुल 3.70 लाख रुपये का जुर्माना वसूला चुका है। मंगलवार की बात करें तो उचाना और नरवाना में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। पिछले सप्ताह से एक्यूआई में भारी बढ़ोतरी हुई है खांसी, सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसे स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही है।
क्षेत्र में धान अवशेष जलाने के मामले
क्षेत्र मामले
उचाना : 55
नरवाना : 40
जुलाना : 22
सफीदों : 13
जींद : 19
अलेवा : 11
पिल्लूखेड़ा : 6
गेहूं की बिजाई के चक्कर में लगा रहे आग
फिलहाल गेहूं की बिजाई का समय चल रहा है। ऐसे में किसान गेहूं की बिजाई लेट न हो इसको लेकर खेत खाली करने के चक्कर में धान के अवशेषों को आग लगा देते हैं। विभागीय टीमों ने जिन स्थानों पर पराली जलाने की घटनाएं दर्ज कीं वहां जाकर किसानों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है।
वर्जन
किसानों से आह्वान है कि वह धान के अवशेषों को आग न लगाएं बल्कि उनसे आमदनी बढ़ाएं। कृषि विभाग सब्सिडी पर गाठं बनाने की मशीनें दे रहा है जिससे किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
-डॉ. गिरीश नागपाल, उप निदेशक, कृषि विभाग जींद।
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जींद। जहां एक तरफ प्रदूषण के कारण सांस लेने में तकलीफ हो रही है वहीं पराली का धुआं हवा को और जहरीली बना रहा है। जिले में पराली जलाने के मामलों पर अंकुश की बजाय बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को विभिन्न क्षेत्रों से कुल 17 जगह धान के अवशेष जलाने की पुष्टि हुई है। वहीं तीन किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किसानों में हिसार जिले के गांव किन्नर निवासी सोनू, नरवाना क्षेत्र के गांव अमरगढ़ निवासी सुरेंद्र और सफीदों के गांव मुआना निवासी प्रदीप कुमार शामिल हैं। इन्होंने करीब पांच एकड़ में धान के अवशेष जलाए हैं। मामले में एफआईआर पहले दर्ज हुई थी।
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वहीं पराली जलाने के आरोप में दस किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस के अनुसार इनमें गतौली गांव के विजयंत, निडाना गांव के महेंद्र, किलाजफरगढ़ के राजेश, पौली गांव के श्रीभगवान, मालवी गांव के धर्मवीर और सुरेंद्र, खरैटी गांव के सुनील और देशखेड़ा गांव के नसीब शामिल हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
जिले में अब तक 101 मामलों में पराली जलाने की शिकायत दर्ज हो चुकी है जिनसे कुल 3.70 लाख रुपये का जुर्माना वसूला चुका है। मंगलवार की बात करें तो उचाना और नरवाना में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। पिछले सप्ताह से एक्यूआई में भारी बढ़ोतरी हुई है खांसी, सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसे स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही है।
क्षेत्र में धान अवशेष जलाने के मामले
क्षेत्र मामले
उचाना : 55
नरवाना : 40
जुलाना : 22
सफीदों : 13
जींद : 19
अलेवा : 11
पिल्लूखेड़ा : 6
गेहूं की बिजाई के चक्कर में लगा रहे आग
फिलहाल गेहूं की बिजाई का समय चल रहा है। ऐसे में किसान गेहूं की बिजाई लेट न हो इसको लेकर खेत खाली करने के चक्कर में धान के अवशेषों को आग लगा देते हैं। विभागीय टीमों ने जिन स्थानों पर पराली जलाने की घटनाएं दर्ज कीं वहां जाकर किसानों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है।
वर्जन
किसानों से आह्वान है कि वह धान के अवशेषों को आग न लगाएं बल्कि उनसे आमदनी बढ़ाएं। कृषि विभाग सब्सिडी पर गाठं बनाने की मशीनें दे रहा है जिससे किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
-डॉ. गिरीश नागपाल, उप निदेशक, कृषि विभाग जींद।