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Kaithal News: आधी रात को हुई धान खरीद, छह दिन बाद भी जांच ठप
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Thu, 27 Nov 2025 01:10 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल। अरनौली मंडी में 15 नवंबर की आधी रात को धान खरीदने के मामले की जांच छह दिन बाद भी धरातल पर नहीं पहुंची है। इससे मिलीभगत की आशंका और मजबूत हो रही है। डीसी ने एसडीएम गुहला को जांच के निर्देश दिए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
भाकियू का आरोप है कि सरकारी खरीद बंद होने के एक सप्ताह पहले तक अरनौली मंडी में पीआर धान का दाना नहीं आ रहा था। फिर अचानक रात को करीब चार हजार क्विंटल धान कहां से आया और उसी रात खरीद क्यों की गई? अरनौली एक छोटा खरीद केंद्र है और पहले से धान आ भी नहीं रहा था। 15 नवंबर के आसपास खेतों में पीआर धान न के बराबर थी।
दूसरी ओर डीएफएससी का कहना है कि उस शाम गेटपास पोर्टल में तकनीकी खराबी थी, इसलिए गेटपास देर तक नहीं कट पाए। इस वजह से खरीद में विलंब हुआ। हालांकि, डीएफएससी ने पुष्टि की है कि सभी खरीद नियमानुसार की गई और वीडियोग्राफी उपलब्ध है।
भाकियू का आरोप : भारतीय किसान यूनियन चढूनी के युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने कहा कि चीका और अरनौली मंडी में जांच शुरू न होना पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। मामले के उजागर होने के छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन जांच लचर है।
विक्रम का कहना है कि प्रशासन घोटाले में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों को बचाने का प्रयास कर रहा है या नहीं, यह संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिले की सभी मंडियों में इसी तरह फर्जीवाड़ा किया गया।
15 नवंबर को सरकारी खरीद बंद होने के बाद भी रात 11 बजे चीका से 48 और अरनौली से 68 गेट पास जारी किए गए। जबकि गत एक सप्ताह से अमोली में कोई आवक नहीं हुई थी।
उस रात अरनौली मंडी में करीब चार हजार क्विंटल धान खरीदा गया। पोर्टल में तकनीकी खराबी के कारण गेटपास देर से कट पाए। सभी खरीद नियमानुसार की गई और वीडियोग्राफी उपलब्ध है। भुगतान रोक दिया गया है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। -निशांत राठी, डीएफएससी
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कैथल। अरनौली मंडी में 15 नवंबर की आधी रात को धान खरीदने के मामले की जांच छह दिन बाद भी धरातल पर नहीं पहुंची है। इससे मिलीभगत की आशंका और मजबूत हो रही है। डीसी ने एसडीएम गुहला को जांच के निर्देश दिए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
भाकियू का आरोप है कि सरकारी खरीद बंद होने के एक सप्ताह पहले तक अरनौली मंडी में पीआर धान का दाना नहीं आ रहा था। फिर अचानक रात को करीब चार हजार क्विंटल धान कहां से आया और उसी रात खरीद क्यों की गई? अरनौली एक छोटा खरीद केंद्र है और पहले से धान आ भी नहीं रहा था। 15 नवंबर के आसपास खेतों में पीआर धान न के बराबर थी।
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दूसरी ओर डीएफएससी का कहना है कि उस शाम गेटपास पोर्टल में तकनीकी खराबी थी, इसलिए गेटपास देर तक नहीं कट पाए। इस वजह से खरीद में विलंब हुआ। हालांकि, डीएफएससी ने पुष्टि की है कि सभी खरीद नियमानुसार की गई और वीडियोग्राफी उपलब्ध है।
भाकियू का आरोप : भारतीय किसान यूनियन चढूनी के युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने कहा कि चीका और अरनौली मंडी में जांच शुरू न होना पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। मामले के उजागर होने के छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन जांच लचर है।
विक्रम का कहना है कि प्रशासन घोटाले में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों को बचाने का प्रयास कर रहा है या नहीं, यह संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिले की सभी मंडियों में इसी तरह फर्जीवाड़ा किया गया।
15 नवंबर को सरकारी खरीद बंद होने के बाद भी रात 11 बजे चीका से 48 और अरनौली से 68 गेट पास जारी किए गए। जबकि गत एक सप्ताह से अमोली में कोई आवक नहीं हुई थी।
उस रात अरनौली मंडी में करीब चार हजार क्विंटल धान खरीदा गया। पोर्टल में तकनीकी खराबी के कारण गेटपास देर से कट पाए। सभी खरीद नियमानुसार की गई और वीडियोग्राफी उपलब्ध है। भुगतान रोक दिया गया है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। -निशांत राठी, डीएफएससी