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Kaithal News: हांसी-बुटाना नहर की पटरी से मिट्टी उठाने पर ग्रामीण भड़के
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Wed, 17 Sep 2025 01:31 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल। हांसी-बुटाना नहर की पटरी से सफाई के नाम पर मिट्टी निकालकर खुले में बेचने के आरोपों को लेकर क्योड़क गांव के ग्रामीणों ने कड़ा विरोध जताया। मंगलवार को सरपंच जसबीर के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मिट्टी उठाते ठेकेदार के आदमियों को घेर लिया। सूचना मिलने पर थाना सदर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और ठेकेदार व कर्मचारियों को नाराज ग्रामीणों से छुड़वाया।
एसएचओ सुरेश कुमार ने बताया कि सोमवार को चौकी इंचार्ज क्योड़क को सूचना मिली थी कि ग्रामीणों ने ठेकेदार की जेसीबी जब्त कर गांव के अड्डे पर बने पेट्रोल पंप पर खड़ी कर दी है। सरपंच व ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि मिट्टी घोटाले में ठेकेदार व संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे ग्राम सभा का प्रस्ताव पास कर गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात करेंगे।
सरपंच जसबीर ने आरोप लगाया कि गांव की सीमा में करीब दो किलोमीटर लंबाई तक तीन से तीस फुट चौड़ी पटरी से मिट्टी उठाई गई है। सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता, कार्यकारी अभियंता और उपमंडल स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार ने दिन-रात हजारों डंपर मिट्टी निकालकर बेच दी। ग्रामीणों का कहना है कि यह वही मिट्टी है, जिसे उन्होंने पहले बाढ़ से गांव को बचाने के लिए अपने खेतों से डालकर पटरी को मजबूत किया था।
ग्रामीणों के अनुसार उपायुक्त ने भी आदेश दिए थे कि नहर की पटरी मजबूत की जाए ताकि पानी गांव में न घुस सके। आरोप है कि निविदा शर्तों के अनुसार ठेकेदार को मिट्टी एक जगह इकट्ठा करनी थी, लेकिन उसने इसे बेचकर मुनाफा कमाया। किसानों का कहना है कि गांव की आबादी लगभग 50 हजार है और यहां से करोड़ों रुपये की मिट्टी उठाना गंभीर नुकसानदायक साबित हो सकता है।
लोगों ने बताया कि बरसात में घग्गर नदी भारी मात्रा में मिट्टी और रेत बहाकर लाती है। पिछले साल आई बाढ़ के दौरान रिंग बांध टूटने पर प्रशासन को दूर-दराज से मिट्टी मंगवानी पड़ी थी। समय पर मिट्टी न मिलने से कटाव बंद नहीं हो सका और क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ था। ग्रामीणों का आरोप है कि सब कुछ जानते हुए भी अभी तक ठेकेदार और अधिकारियों के खिलाफ प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

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कैथल। हांसी-बुटाना नहर की पटरी से सफाई के नाम पर मिट्टी निकालकर खुले में बेचने के आरोपों को लेकर क्योड़क गांव के ग्रामीणों ने कड़ा विरोध जताया। मंगलवार को सरपंच जसबीर के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मिट्टी उठाते ठेकेदार के आदमियों को घेर लिया। सूचना मिलने पर थाना सदर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और ठेकेदार व कर्मचारियों को नाराज ग्रामीणों से छुड़वाया।
एसएचओ सुरेश कुमार ने बताया कि सोमवार को चौकी इंचार्ज क्योड़क को सूचना मिली थी कि ग्रामीणों ने ठेकेदार की जेसीबी जब्त कर गांव के अड्डे पर बने पेट्रोल पंप पर खड़ी कर दी है। सरपंच व ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि मिट्टी घोटाले में ठेकेदार व संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे ग्राम सभा का प्रस्ताव पास कर गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात करेंगे।
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सरपंच जसबीर ने आरोप लगाया कि गांव की सीमा में करीब दो किलोमीटर लंबाई तक तीन से तीस फुट चौड़ी पटरी से मिट्टी उठाई गई है। सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता, कार्यकारी अभियंता और उपमंडल स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार ने दिन-रात हजारों डंपर मिट्टी निकालकर बेच दी। ग्रामीणों का कहना है कि यह वही मिट्टी है, जिसे उन्होंने पहले बाढ़ से गांव को बचाने के लिए अपने खेतों से डालकर पटरी को मजबूत किया था।
ग्रामीणों के अनुसार उपायुक्त ने भी आदेश दिए थे कि नहर की पटरी मजबूत की जाए ताकि पानी गांव में न घुस सके। आरोप है कि निविदा शर्तों के अनुसार ठेकेदार को मिट्टी एक जगह इकट्ठा करनी थी, लेकिन उसने इसे बेचकर मुनाफा कमाया। किसानों का कहना है कि गांव की आबादी लगभग 50 हजार है और यहां से करोड़ों रुपये की मिट्टी उठाना गंभीर नुकसानदायक साबित हो सकता है।
लोगों ने बताया कि बरसात में घग्गर नदी भारी मात्रा में मिट्टी और रेत बहाकर लाती है। पिछले साल आई बाढ़ के दौरान रिंग बांध टूटने पर प्रशासन को दूर-दराज से मिट्टी मंगवानी पड़ी थी। समय पर मिट्टी न मिलने से कटाव बंद नहीं हो सका और क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ था। ग्रामीणों का आरोप है कि सब कुछ जानते हुए भी अभी तक ठेकेदार और अधिकारियों के खिलाफ प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है।