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करनाल : एनएच-44 और शहर का घटेगा ट्रैफिक लोड
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शहर को जाम फ्री करने और नेशनल हाईवे-44 का ट्रैफिक लोड कम करने के लिए आवर्धन नहर के किनारे भी बाईपास बनने जा रहा है। पश्चिमी यमुना बाईपास की तर्ज पर आवर्धन नहर के किनारे नेवल से मधुबन तक यह बाईपास बनेगा। 15 किलोमीटर के बाईपास के प्रोजेक्ट पर करीब 102 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने प्रोजेक्ट का एस्टीमेट बनाकर मुख्यालय भेज दिया है। यहां से अप्रूवल मिलते ही इस प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू हो जाएगा।
सात मीटर चौड़ी होगी टू लेन सड़क
पश्चिमी यमुना बाईपास की तरह इस बाईपास की भी चौड़ाई सात मीटर रखी जाएगी, ताकि दो लेन होने से ट्रैफिक स्मूथली निकल सके। रात के समय में लोगों को सफर में कोई दिक्कत न आए, नेवल से मधुबन तक पूरा सफर लाइटों से रोशन होगा। बाईपास की दोनों साइडों में क्रैश बैरियर भी लगाए जाएंगे, ताकि गाड़ी अनियंत्रित होने पर ना तो नहर में गिरने का जोखिम हो और ना नीचे खदानों में ढहे।
बाईपास की इसलिए है जरूरत
1. जाम से मिलेगी राहत
कुंजपुरा और इंद्री की तरफ से आने वाले और दिल्ली की तरफ जाने वाले सभी वाहन अभी आईटीआई चौक से होकर निकलते हैं। इसी रोड पर आईटीआई के अलावा स्कूल भी हैं। चौक पर रेड लाइट होने से हर वक्त वाहनों की कतार लगी रहती है। वहीं ऐसे वाहन जिन्हें मेरठ रोड व शुगर मिल जाना है। वे भी इसी रोड से होकर निकलते हैं। नई रोड के बनने से यहां का ट्रैफिक लोड घटने से जाम कम लगेगा।
2. शहर में बाहरी वाहनों का प्रवेश होगा कम
अभी हालात यह है कि इंद्री, कुंजपुरा के रास्ते यमुनानगर और उत्तर प्रदेश की तरफ से आने वाले वाहन जिन्हें पानीपत या दिल्ली जाना है। वे इस रूट से होकर निकलते हैं। दिनभर यहां बाहरी वाहनों की भी कतारें लगी रहती है। करनाल से कुंजपुरा तक करीब 15 गांवों और कॉलोनियों की 60 हजार की आबादी को इससे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आवर्धन नहर पर बाईपास बनने से ऐसे वाहनो का रूट शहर में प्रवेश से पहले ही डायवर्ट हो जाएगा।
3. हादसों में आएगी कमी
आईटीआई चौक से कुंजपुरा की ओर जाने वाली सड़क पर ओवरलोड वाहन भी काफी दौड़ते हैं। सड़क पर गन्ने से लदी ट्रालियों व रेत के ओवरलोड वाहनों की चपेट में आने से कई बार हादसे हो चुके हैं। कुछ माह पहले भी इसी रोड पर डंपर की चपेट में आने से स्कूटी सवार दो मौसेरे भाइयों की मौत हुई थी। इससे पहले भी कई लोग यहां हादसों का शिकार हो चुके हैं।
इन गांवों को होगा लाभ
पक्का पुल से नेवल गांव तक दोनों ओर करीब 11 गांव लगते हैं। जिसमें ऊंचा समाना, कंबोपुरा, रांवर, कटा बाग, शेखपुरा, सुहाना, शुगर मिल, रसूलपुर, छपरा, सुभरी, कलवेहड़ी व नेवल गांव हैं। बाईपास बनने से इन गांव के अलावा आसपास के गांवों को फायदा होगा।
सुगम सफर मिलेगा
रांवर गांव निवासी बलजीत का कहना है कि अभी कई दोपहिया वाहन भी नहर की पटरी-पटरी जाते हैं। बाईपास बनने से सुगम सफर मिलेगा।
रसूलपुर निवासी सूरजमल का कहना है कि नेवल व आसपास के किसानों को गन्ना लेकर करनाल से होकर शुगर मिल जाना पड़ता है। बाईपास बनने से उनका रूट भी छोटा होगा
आवर्धन नहर पर नेवल से मधुबन तक बनने वाले बाईपास का 102 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार कर मुख्यालय भेजा है। वहां से अप्रूवल मिलते ही बाईपास के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। - दलेल सिंह, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी करनाल
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सात मीटर चौड़ी होगी टू लेन सड़क
पश्चिमी यमुना बाईपास की तरह इस बाईपास की भी चौड़ाई सात मीटर रखी जाएगी, ताकि दो लेन होने से ट्रैफिक स्मूथली निकल सके। रात के समय में लोगों को सफर में कोई दिक्कत न आए, नेवल से मधुबन तक पूरा सफर लाइटों से रोशन होगा। बाईपास की दोनों साइडों में क्रैश बैरियर भी लगाए जाएंगे, ताकि गाड़ी अनियंत्रित होने पर ना तो नहर में गिरने का जोखिम हो और ना नीचे खदानों में ढहे।
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बाईपास की इसलिए है जरूरत
1. जाम से मिलेगी राहत
कुंजपुरा और इंद्री की तरफ से आने वाले और दिल्ली की तरफ जाने वाले सभी वाहन अभी आईटीआई चौक से होकर निकलते हैं। इसी रोड पर आईटीआई के अलावा स्कूल भी हैं। चौक पर रेड लाइट होने से हर वक्त वाहनों की कतार लगी रहती है। वहीं ऐसे वाहन जिन्हें मेरठ रोड व शुगर मिल जाना है। वे भी इसी रोड से होकर निकलते हैं। नई रोड के बनने से यहां का ट्रैफिक लोड घटने से जाम कम लगेगा।
2. शहर में बाहरी वाहनों का प्रवेश होगा कम
अभी हालात यह है कि इंद्री, कुंजपुरा के रास्ते यमुनानगर और उत्तर प्रदेश की तरफ से आने वाले वाहन जिन्हें पानीपत या दिल्ली जाना है। वे इस रूट से होकर निकलते हैं। दिनभर यहां बाहरी वाहनों की भी कतारें लगी रहती है। करनाल से कुंजपुरा तक करीब 15 गांवों और कॉलोनियों की 60 हजार की आबादी को इससे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आवर्धन नहर पर बाईपास बनने से ऐसे वाहनो का रूट शहर में प्रवेश से पहले ही डायवर्ट हो जाएगा।
3. हादसों में आएगी कमी
आईटीआई चौक से कुंजपुरा की ओर जाने वाली सड़क पर ओवरलोड वाहन भी काफी दौड़ते हैं। सड़क पर गन्ने से लदी ट्रालियों व रेत के ओवरलोड वाहनों की चपेट में आने से कई बार हादसे हो चुके हैं। कुछ माह पहले भी इसी रोड पर डंपर की चपेट में आने से स्कूटी सवार दो मौसेरे भाइयों की मौत हुई थी। इससे पहले भी कई लोग यहां हादसों का शिकार हो चुके हैं।
इन गांवों को होगा लाभ
पक्का पुल से नेवल गांव तक दोनों ओर करीब 11 गांव लगते हैं। जिसमें ऊंचा समाना, कंबोपुरा, रांवर, कटा बाग, शेखपुरा, सुहाना, शुगर मिल, रसूलपुर, छपरा, सुभरी, कलवेहड़ी व नेवल गांव हैं। बाईपास बनने से इन गांव के अलावा आसपास के गांवों को फायदा होगा।
सुगम सफर मिलेगा
रांवर गांव निवासी बलजीत का कहना है कि अभी कई दोपहिया वाहन भी नहर की पटरी-पटरी जाते हैं। बाईपास बनने से सुगम सफर मिलेगा।
रसूलपुर निवासी सूरजमल का कहना है कि नेवल व आसपास के किसानों को गन्ना लेकर करनाल से होकर शुगर मिल जाना पड़ता है। बाईपास बनने से उनका रूट भी छोटा होगा
आवर्धन नहर पर नेवल से मधुबन तक बनने वाले बाईपास का 102 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार कर मुख्यालय भेजा है। वहां से अप्रूवल मिलते ही बाईपास के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। - दलेल सिंह, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी करनाल