{"_id":"69236c8e892231ac8e051e8c","slug":"dry-bread-was-available-once-in-five-days-the-body-would-become-numb-due-to-cold-kurukshetra-news-c-45-1-kur1007-145825-2025-11-24","type":"story","status":"publish","title_hn":"Kurukshetra News: पांच दिन में एक बार मिलती थी सूखी ब्रेड, ठंड से सुन्न हो जाता था शरीर","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Kurukshetra News: पांच दिन में एक बार मिलती थी सूखी ब्रेड, ठंड से सुन्न हो जाता था शरीर
विज्ञापन
विज्ञापन
कुरुक्षेत्र। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई व गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को 18 नवंबर को डिपोर्ट किया गया था। उसके साथ डंकी रास्ते से अमेरिका जाने वाला बारना गांव का नयन आर्य उर्फ सोनू (26) को भी डिपोर्ट किया गया था। वह दो साल पहले 75 लाख रुपये खर्च कर घर से निकला था। सोनू ने बताया कि सर्बिया के जंगलों में माइनस दो डिग्री तापमान था। डोंकर पासपोर्ट, फोन, पैसे सब छीन लेते थे। पांच दिन में एक बार सूखी ब्रेड मिलती थी। आग जलाने की इजाजत नहीं थी, क्योंकि धुआं देखकर पुलिस आ जाती। रात में ठंड से शरीर सुन्न हो जाता था। कपड़े गीले रहते थे। डोंकर आपस में एक-दूसरे के बंधकों को छीनने के लिए फायरिंग करते थे।
सोनू को भी गैंगस्टर के साथ उसी की तरह हाथ-पांव में बेड़ियां डालकर विशेष विमान से भारत लाया गया। दिल्ली पहुंचते ही अनमोल बिश्नोई को एनआईए ने हिरासत में ले लिया और सोनू को 20 नवंबर को छोड़ दिया। वह शनिवार रात अपने गांव पहुंचा तो परिवार से मिलकर दर्द फूटा। पिता सत्यवान आर्य ने कहा कि जमीन बेचकर बेटे को भेजा था। सही-सलामत लौट आया, इसके लिए भगवान का शुक्र है लेकिन 75 लाख डूब गए। वहीं सोनू ने बताया कि साल 2023 में कैथल के नोच गांव के एजेंट राजीव से संपर्क किया था। एजेंट ने सीधे अमेरिका भेजने का वादा किया और 31 लाख रुपये लिए। परिवार ने इसके लिए करीब दो एकड़ जमीन बेची। कुल 75 लाख रुपये खर्च हुए लेकिन एजेंट ने उसे स्पेन में उतार दिया। वहां से डंकी रूट से अमेरिका की यात्रा शुरू हुई।
फायरिंग के बीच पार किया बाॅर्डर, दीवार फांदी तो छिल गए हाथ
लगभग एक महीने बाद जब ग्रुप ने सर्बिया का बॉर्डर पार किया तो आर्मी ने फायरिंग शुरू कर दी। डोंकरों ने जवाबी फायरिंग की। किसी तरह जान बचाकर बॉर्डर पार हुआ। आर्मेनिया पहुंचते ही पुलिस ने पकड़ लिया, मारपीट की और फिर रिश्वत लेकर छोड़ दिया। वहां से पैदल चलते हुए अमेरिका की दीवार पार की। दीवार फांदते वक्त हाथ छिल गए। एक साल बाद अमेरिकी जमीन पर कदम रखा लेकिन वहां भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अमेरिका में पहले डिटेंशन कैंप, फिर वकील की मदद से कुछ महीने जीनेवा में काम किया लेकिन छह महीने पहले कोर्ट की तारिख रद्द होने के बाद हिंसा का आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया।
जहाज में हाथ-पांव में बेड़ियां
सोनू ने बताया कि हवाई जहाज में हाथ-पांव में लोहे की बेड़ियां थीं। दो दिन तक बेड़ियां नहीं खोली गईं। बाथरूम भी बेड़ियों में जाना पड़ता था। सिर्फ ब्रेड दी जाती थी और किसी को आपस में बात नहीं करने दी गई। सोनू ने बताया कि उनके बगल में कुख्यात गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई भी बेड़ियों में जकड़ा हुआ बैठा था।
पहले भी जिले के कई युवा हो चुके हैं डिपोर्ट
सोनू की इस खतरनाक यात्रा और अनमोल बिश्नोई के साथ डिपोर्ट होने की घटना से हर कोई हैरात में है। डंकी के जरिये विदेश जाने का सपना दिखाने वाले एजेंटों पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं। जिले में पहले भी कई युवा अमेरिका से डिपोर्ट किए जा चुके हैं। सोनू के मामले में परिजन आरोपी एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की सोच रहे हैं। ज्योतिसर चौकी प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि मामले में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है।
Trending Videos
सोनू को भी गैंगस्टर के साथ उसी की तरह हाथ-पांव में बेड़ियां डालकर विशेष विमान से भारत लाया गया। दिल्ली पहुंचते ही अनमोल बिश्नोई को एनआईए ने हिरासत में ले लिया और सोनू को 20 नवंबर को छोड़ दिया। वह शनिवार रात अपने गांव पहुंचा तो परिवार से मिलकर दर्द फूटा। पिता सत्यवान आर्य ने कहा कि जमीन बेचकर बेटे को भेजा था। सही-सलामत लौट आया, इसके लिए भगवान का शुक्र है लेकिन 75 लाख डूब गए। वहीं सोनू ने बताया कि साल 2023 में कैथल के नोच गांव के एजेंट राजीव से संपर्क किया था। एजेंट ने सीधे अमेरिका भेजने का वादा किया और 31 लाख रुपये लिए। परिवार ने इसके लिए करीब दो एकड़ जमीन बेची। कुल 75 लाख रुपये खर्च हुए लेकिन एजेंट ने उसे स्पेन में उतार दिया। वहां से डंकी रूट से अमेरिका की यात्रा शुरू हुई।
विज्ञापन
विज्ञापन
फायरिंग के बीच पार किया बाॅर्डर, दीवार फांदी तो छिल गए हाथ
लगभग एक महीने बाद जब ग्रुप ने सर्बिया का बॉर्डर पार किया तो आर्मी ने फायरिंग शुरू कर दी। डोंकरों ने जवाबी फायरिंग की। किसी तरह जान बचाकर बॉर्डर पार हुआ। आर्मेनिया पहुंचते ही पुलिस ने पकड़ लिया, मारपीट की और फिर रिश्वत लेकर छोड़ दिया। वहां से पैदल चलते हुए अमेरिका की दीवार पार की। दीवार फांदते वक्त हाथ छिल गए। एक साल बाद अमेरिकी जमीन पर कदम रखा लेकिन वहां भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अमेरिका में पहले डिटेंशन कैंप, फिर वकील की मदद से कुछ महीने जीनेवा में काम किया लेकिन छह महीने पहले कोर्ट की तारिख रद्द होने के बाद हिंसा का आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया।
जहाज में हाथ-पांव में बेड़ियां
सोनू ने बताया कि हवाई जहाज में हाथ-पांव में लोहे की बेड़ियां थीं। दो दिन तक बेड़ियां नहीं खोली गईं। बाथरूम भी बेड़ियों में जाना पड़ता था। सिर्फ ब्रेड दी जाती थी और किसी को आपस में बात नहीं करने दी गई। सोनू ने बताया कि उनके बगल में कुख्यात गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई भी बेड़ियों में जकड़ा हुआ बैठा था।
पहले भी जिले के कई युवा हो चुके हैं डिपोर्ट
सोनू की इस खतरनाक यात्रा और अनमोल बिश्नोई के साथ डिपोर्ट होने की घटना से हर कोई हैरात में है। डंकी के जरिये विदेश जाने का सपना दिखाने वाले एजेंटों पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं। जिले में पहले भी कई युवा अमेरिका से डिपोर्ट किए जा चुके हैं। सोनू के मामले में परिजन आरोपी एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की सोच रहे हैं। ज्योतिसर चौकी प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि मामले में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है।