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Kurukshetra News: लोक कलाकारों ने 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि पर बिखेरी संस्कृति की अद्भुत छटा
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कुरुक्षेत्र। हरियाणवी लोकनृत्य की प्रस्तुति देती कलाकार। स्वयं
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कुरुक्षेत्र। कलाकार सदैव अपने प्रदेश की संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। लोक कलाकार न केवल हमारी सांस्कृतिक की पहचान हैं बल्कि वे देश की अमूल्य धरोहर भी हैं, जिन्हें संरक्षित रखना हर नागरिक का दायित्व है। आधुनिक युग में जहां युवा पीढ़ी का पाश्चात्य संस्कृति की ओर झुकाव दिखा रही है, वहीं लोक कलाकार अपनी परंपरागत कला, रीति-रिवाज और लोक शैली को जीवंत रखते हुए लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर ऐसा ही मनोहारी दृश्य कुरुक्षेत्र की 48 कोस भूमि के तीर्थों पर देखने को मिल रहा है। हरियाणा कला परिषद की ओर से कुरुक्षेत्र और कैथल जिले के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रदेश की लोक कला, संगीत और नृत्य की बहार छाई हुई है। जिले में भूरिश्रवा तीर्थ भौर सैयदा पर विकास सातरोड़, विष्णुपद तीर्थ घराड़सी में निशांत शर्मा, मणिपुरक तीर्थ मुर्तजापुर में सुशील कुमार, सोमतीर्थ गुमथला गढ़ू में बससेर सिंह और त्रिपुरारि तीर्थ तिगरी में पुनीत कौर ने अपनी लोक शैली से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इसी प्रकार रेणुका तीर्थ अरणैचा में कृष्ण शर्मा, कुलोतारण तीर्थ किरमच में सुरेश कुमार तथा लोमश तीर्थ लोहारमाजरा में दिलावर शर्मा की प्रस्तुतियों ने समा बांध दिया।
कैथल जिले के सूर्यकुंड, सजूमा में सुमित कुमार, पवनहृदय तीर्थ पबनावा में अनिल भारती, गढ़रथेश्वर तीर्थ कौल में बलराज और इक्षुमति तीर्थ पोलड़ में तरुणा शर्मा तन्नू ने दर्शकों का दिल जीता। अन्य तीर्थों डयोडखेड़ी, प्यौदा, गुलडेहरा, साकरा, गुहना, रसीना और मांगना में भी कलाकारों ने अनुपम कला का प्रदर्शन किया। हरियाणा कला परिषद के निदेशक नागेंद्र शर्मा ने बताया कि 1 दिसंबर तक 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के विभिन्न तीर्थों बारणा, अमीन, संघोली, नरकातारी, फरल आदि पर सांस्कृतिक कार्यक्रम जारी रहेंगे। यह आयोजन न केवल लोक कलाकारों को मंच प्रदान कर रहा है बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊर्जा भी दे रहा है।
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अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर ऐसा ही मनोहारी दृश्य कुरुक्षेत्र की 48 कोस भूमि के तीर्थों पर देखने को मिल रहा है। हरियाणा कला परिषद की ओर से कुरुक्षेत्र और कैथल जिले के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रदेश की लोक कला, संगीत और नृत्य की बहार छाई हुई है। जिले में भूरिश्रवा तीर्थ भौर सैयदा पर विकास सातरोड़, विष्णुपद तीर्थ घराड़सी में निशांत शर्मा, मणिपुरक तीर्थ मुर्तजापुर में सुशील कुमार, सोमतीर्थ गुमथला गढ़ू में बससेर सिंह और त्रिपुरारि तीर्थ तिगरी में पुनीत कौर ने अपनी लोक शैली से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इसी प्रकार रेणुका तीर्थ अरणैचा में कृष्ण शर्मा, कुलोतारण तीर्थ किरमच में सुरेश कुमार तथा लोमश तीर्थ लोहारमाजरा में दिलावर शर्मा की प्रस्तुतियों ने समा बांध दिया।
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कैथल जिले के सूर्यकुंड, सजूमा में सुमित कुमार, पवनहृदय तीर्थ पबनावा में अनिल भारती, गढ़रथेश्वर तीर्थ कौल में बलराज और इक्षुमति तीर्थ पोलड़ में तरुणा शर्मा तन्नू ने दर्शकों का दिल जीता। अन्य तीर्थों डयोडखेड़ी, प्यौदा, गुलडेहरा, साकरा, गुहना, रसीना और मांगना में भी कलाकारों ने अनुपम कला का प्रदर्शन किया। हरियाणा कला परिषद के निदेशक नागेंद्र शर्मा ने बताया कि 1 दिसंबर तक 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के विभिन्न तीर्थों बारणा, अमीन, संघोली, नरकातारी, फरल आदि पर सांस्कृतिक कार्यक्रम जारी रहेंगे। यह आयोजन न केवल लोक कलाकारों को मंच प्रदान कर रहा है बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊर्जा भी दे रहा है।

कुरुक्षेत्र। हरियाणवी लोकनृत्य की प्रस्तुति देती कलाकार। स्वयं