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Kurukshetra News: 296 पहुंचा प्रदूषण का स्तर, लोगों को सांस लेने में होने लगी दिक्कत
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कुरुक्षेत्र। शहर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 296 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। इसके चलते आमजन को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन, गले में खराश और सिरदर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से सांस संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जिला अस्पताल के चेस्ट एंड टीबी रोग स्पेशिलिस्ट डॉ. गौरव चावला का कहना है कि इस स्तर के प्रदूषण में लंबे समय तक बाहर रहना नुकसानदायक हो सकता है। कई मरीजों को सुबह और शाम नियमित रूप से भांप लेने की सलाह दी है, ताकि श्वसन तंत्र को कुछ राहत मिल सके।
अस्पतालों और क्लीनिकों में सांस की तकलीफ, खांसी और एलर्जी के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हजारों की संख्या में मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। अकेले जिला अस्पताल में ही 300 से 400 मरीज पहुंच रहे हैं।
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ये है प्रदूषण बढ़ने की वजह
प्रदूषण बढ़ने के पीछे वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों से उड़ती धूल, कचरा जलाना और मौसम में ठंडक के कारण हवा की गति कम होना प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। हवा स्थिर होने से प्रदूषक कण वातावरण में ही फंसे रहते हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है। इस समय शहर में करीब चार हजार ऑटो चल रहे हैं। वहीं धर्मनगरी की सड़कों से करीब 15 हजार वाहन रोजाना गुजरते हैं।
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अभी नहीं कोई राहत की संभावना : डॉ. ममता
मौसम विशेषज्ञ डॉ. ममता ने कहा कि फिलहाल प्रदूषण से राहत की संभावना कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश होने के बाद ही हवा साफ हो सकेगी और प्रदूषण के स्तर में गिरावट आएगी। तब तक लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
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ये है प्रदूषण बढ़ने की वजह
प्रदूषण बढ़ने के पीछे वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों से उड़ती धूल, कचरा जलाना और मौसम में ठंडक के कारण हवा की गति कम होना प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। हवा स्थिर होने से प्रदूषक कण वातावरण में ही फंसे रहते हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है। इस समय शहर में करीब चार हजार ऑटो चल रहे हैं। वहीं धर्मनगरी की सड़कों से करीब 15 हजार वाहन रोजाना गुजरते हैं।
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अभी नहीं कोई राहत की संभावना : डॉ. ममता
मौसम विशेषज्ञ डॉ. ममता ने कहा कि फिलहाल प्रदूषण से राहत की संभावना कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश होने के बाद ही हवा साफ हो सकेगी और प्रदूषण के स्तर में गिरावट आएगी। तब तक लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।