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Panipat News: बच्चों में बढ़ रहा कुपोषण, इस साल 186 मिले कुपोषित

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Sat, 20 Dec 2025 03:05 AM IST
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Malnutrition is increasing among children, 186 were found malnourished this year.
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पानीपत। बदलती जीवनशैली और खानपान के चलते बच्चे छोटी उम्र में ही कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। इसका बड़ा कारण मां के दूध की बजाय पैकेट का खाना है। ऐसे में औद्योगिक नगरी में कुपोषित बच्चों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। पिछले साल आठ महीने में 135 बच्चे कुपोषण के चलते पंजीकृत किए गए थे। वहीं इस साल अब 186 बच्चे पंजीकृत हो चुके हैं। यानी पिछले साल से 51 बच्चे अधिक मिले हैं। इसका दूसरा मुख्य कारण अभिभावकों की अज्ञानता और जागरूकता का अभाव है।
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जिला नागरिक अस्पताल के तृतीय तल पर पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित है। यहां कुपोषित बच्चों का इलाज किया जाता है। अभिभावकों को भी बच्चे के लिए आवश्यक पोषणयुक्त आहार के बारे में बताया जाता है। अस्पताल में छह महीने से पांच साल के बच्चों तक को केंद्र में दाखिल किया जाता है। दो साल का आंकड़ा देखा जाए तो यह चिंताजनक है क्योंकि पिछले साल और इस साल के आठ माह में पंजीकृत बच्चों में 51 बच्चे इस साल अधिक पंजीकृत हुए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि बच्चे में कुपोषण का मुख्य कारण अभिभावकों में जागरूकता की कमी और अज्ञानता है जो बच्चों को पोषणयुक्त आहार न देकर पैकेट का खाना खाने देते हैं।
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कुपोषण के कारण-
- पोषण आहार का अभाव
-अस्वच्छ वातावरण, शिक्षा व ज्ञान की कमी
- अभिभावकों द्वारा लिंग भेद, बाल-विवाह और गरीबी

कुपोषण के लक्षण-
- मांसपेशियों का कमजोर होना
-हर समय थकान और कमजोरी महसूस होना
- बार-बार सर्दी जुकाम से परेशान होना
-लंबाई और वजन कम बढ़ना
-भूख न लगना और स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना
अभिभावकों को जागरूक होने की जरूरत-
न्यूट्रीशियन रिंपी ने बताया कि जन्म से छह माह तक बच्चे को केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। बच्चे के आहार में गेहूं, चावल, मेवा, घी, मूंगफली, सोयाबीन, पोहा, मुरमुरा, भुना हुआ चना, गुड़, मोटे अनाज की खिचड़ी, दलिया शामिल करना चाहिए। बच्चे को मौसम अनुसार फल व सब्जी खिलानी चाहिए। गुलगुले, मालुआ, हरी पत्तेदार सब्जियों को आहार में जरूर शामिल करना चाहिए।
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सितंबर 14 23
अक्तूबर 15 21
नवंबर 16 29
कुल 135 186
वर्जन :
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला नागरिक अस्पताल में तृतीय तल पर कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र चल रहा है जहां बच्चों को दाखिल कर उनका इलाज व अभिभावकों को उनके रख-रखाव व पोषण संबंधी जानकारी दी जाती है। चिकित्सकों के नेतृत्व में हर साल लगभग 98 प्रतिशत बच्चे केंद्र से ठीक होकर जा रहे हैं।
डॉ. विजय मलिक, सीएमओ।
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