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Panipat News: स्कूल से अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों को नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति
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पानीपत। राजकीय विद्यालयों में लगातार अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों को अब छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिलेगा। बिना बताए महीनों तक स्कूल से गैर-हाजिर रहने वाले विद्यार्थियों पर शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाते हुए सभी प्रकार की छात्रवृत्तियां रोकने के आदेश जारी किए हैं। छात्रवृत्ति की राशि अब केवल उन छात्रों को दी जाएगी जो समय पर उपस्थित रहेंगे। विभाग का मानना है कि यह कदम स्कूलों में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने, शिक्षा व्यवस्था मजबूत करने और ड्रॉपआउट दर कम करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और विद्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया है कि विद्यार्थियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड नियमित रूप से जांचा जाए। जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति निर्धारित सीमा से कम है या जो लगातार कई दिनों तक स्कूल नहीं आ रहे, उनके नाम की सूची कार्यालय में भेजनी होगी। इन्हीं सूचियों के आधार पर छात्रवृत्ति रोकने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूलों में लिखा उपस्थिति रजिस्टर और एमआईएस पोर्टल पर दर्ज उपस्थिति में समानता होनी चाहिए। यदि किसी स्कूल ने गलत या बढ़ाकर उपस्थिति दर्ज की, तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई तय है। विद्यालयों को ऐसे विद्यार्थियों को दोबारा मुख्यधारा में लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
अगर कोई छात्र बिना किसी वैध कारण के 10 दिन से अधिक समय तक स्कूल से अनुपस्थित रहता है तो उसका नाम ड्राॅपआउट रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। स्कूल प्रशासन को छात्रों की अनुपस्थिति की निगरानी करनी होगी। अगर कोई विद्यार्थी लगातार तीन दिन विद्यालय नहीं आता है तो कक्षा अध्यापक को तुरंत उसके माता-पिता से संपर्क कर अनुपस्थिति का कारण जानना होगा। सात दिन तक लगातार अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की सूचना एमआईएस पोर्टल पर दर्ज करनी होगी जिसकी साप्ताहिक समीक्षा विभाग की ओर से की जाएगी। अभिभावकों को विद्यालय के आधिकारिक व्हाट्सएप समूह में विद्यार्थियों की अनुपस्थिति की सूचना भेजना अनिवार्य होगा। बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने पर विद्यार्थी को गैरहाजिर दर्ज किया जाएगा।
बॉक्स
75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य
निर्देशों के अनुसार प्रत्येक विद्यालय को 75 प्रतिशत उपस्थिति मानक से कम उपस्थित विद्यार्थियों की सूची तैयार करनी होगी। पहले ऐसे विद्यार्थियों को नोटिस भेजा जाएगा और अभिभावकों को मीटिंग के माध्यम से अवगत कराया जाएगा। यदि सुधार नहीं हुआ तो छात्रवृत्ति अगले आदेश तक निलंबित कर दी जाएगी।
बॉक्स
विभाग की पड़ताल में बड़ा खुलासा
जांच में सामने आया है कि कई विद्यार्थी पूरे सत्र में सिर्फ कुछ दिनों के लिए स्कूल आते हैं, फिर भी पूरे वर्ष छात्रवृत्ति का लाभ ले जाते हैं। पोर्टल पर दर्ज उपस्थिति और निरीक्षण रिपोर्टों से यह तथ्य उजागर हुआ है। विभाग के अनुसार, यह प्रवृत्ति शिक्षा की गुणवत्ता और सरकारी संसाधनों दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने छात्रवृत्ति को उपस्थिति से जोड़कर छात्रों में जिम्मेदारी और अनुशासन सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी है।
वर्जन-
दिशा-निर्देशों से विद्यार्थियों की उपस्थिति में सुधार होगा। परिणाम बेहतर होंगे और विद्यालयों की समग्र शैक्षणिक गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
- राकेश बूरा, जिला शिक्षा अधिकारी, पानीपत।
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जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और विद्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया है कि विद्यार्थियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड नियमित रूप से जांचा जाए। जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति निर्धारित सीमा से कम है या जो लगातार कई दिनों तक स्कूल नहीं आ रहे, उनके नाम की सूची कार्यालय में भेजनी होगी। इन्हीं सूचियों के आधार पर छात्रवृत्ति रोकने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूलों में लिखा उपस्थिति रजिस्टर और एमआईएस पोर्टल पर दर्ज उपस्थिति में समानता होनी चाहिए। यदि किसी स्कूल ने गलत या बढ़ाकर उपस्थिति दर्ज की, तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई तय है। विद्यालयों को ऐसे विद्यार्थियों को दोबारा मुख्यधारा में लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
अगर कोई छात्र बिना किसी वैध कारण के 10 दिन से अधिक समय तक स्कूल से अनुपस्थित रहता है तो उसका नाम ड्राॅपआउट रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। स्कूल प्रशासन को छात्रों की अनुपस्थिति की निगरानी करनी होगी। अगर कोई विद्यार्थी लगातार तीन दिन विद्यालय नहीं आता है तो कक्षा अध्यापक को तुरंत उसके माता-पिता से संपर्क कर अनुपस्थिति का कारण जानना होगा। सात दिन तक लगातार अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की सूचना एमआईएस पोर्टल पर दर्ज करनी होगी जिसकी साप्ताहिक समीक्षा विभाग की ओर से की जाएगी। अभिभावकों को विद्यालय के आधिकारिक व्हाट्सएप समूह में विद्यार्थियों की अनुपस्थिति की सूचना भेजना अनिवार्य होगा। बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने पर विद्यार्थी को गैरहाजिर दर्ज किया जाएगा।
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75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य
निर्देशों के अनुसार प्रत्येक विद्यालय को 75 प्रतिशत उपस्थिति मानक से कम उपस्थित विद्यार्थियों की सूची तैयार करनी होगी। पहले ऐसे विद्यार्थियों को नोटिस भेजा जाएगा और अभिभावकों को मीटिंग के माध्यम से अवगत कराया जाएगा। यदि सुधार नहीं हुआ तो छात्रवृत्ति अगले आदेश तक निलंबित कर दी जाएगी।
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विभाग की पड़ताल में बड़ा खुलासा
जांच में सामने आया है कि कई विद्यार्थी पूरे सत्र में सिर्फ कुछ दिनों के लिए स्कूल आते हैं, फिर भी पूरे वर्ष छात्रवृत्ति का लाभ ले जाते हैं। पोर्टल पर दर्ज उपस्थिति और निरीक्षण रिपोर्टों से यह तथ्य उजागर हुआ है। विभाग के अनुसार, यह प्रवृत्ति शिक्षा की गुणवत्ता और सरकारी संसाधनों दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने छात्रवृत्ति को उपस्थिति से जोड़कर छात्रों में जिम्मेदारी और अनुशासन सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी है।
वर्जन-
दिशा-निर्देशों से विद्यार्थियों की उपस्थिति में सुधार होगा। परिणाम बेहतर होंगे और विद्यालयों की समग्र शैक्षणिक गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
- राकेश बूरा, जिला शिक्षा अधिकारी, पानीपत।