सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Haryana ›   Rewari News ›   68 PV malaria patients were found in eight years, not a single death

Rewari News: आठ वर्ष में पीवी मलेरिया 68 रोगी मिले, एक भी मौत नहीं

संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी Updated Tue, 16 Sep 2025 12:43 AM IST
विज्ञापन
68 PV malaria patients were found in eight years, not a single death
फोटो : 29लार्वा की जांच करते स्वास्थ्य कर्मी। संवाद - फोटो : credit
विज्ञापन
रेवाड़ी। जिले में पीवी मलेरिया (प्लास्मोडियम विवैक्स) ने आठ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब तक जिले में 14 मरीज पीवी मलेरिया से संक्रमित पाए गए हैं, जबकि इससे पहले 2018 में इस बीमारी के 13 मामले दर्ज किए गए थे।
loader

स्वास्थ्य विभाग ने बढ़ते मामलों को लेकर पंचायती राज विभाग को पत्र भेजकर समय पर फॉगिंग न होने की जानकारी दी है। विभाग ने कहा कि मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए समय पर फॉगिंग न होने के कारण संक्रमण फैल रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन

स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद हर साल मलेरिया के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। 8 वर्षों में 68 मलेरिया के केस मिले हैं। राहत की बात यह है कि एक भी मौत नहीं हुई है।
वर्ष 2021 में जिले में एक केस आया था। जवकि इसके बाद के सालों में लगातार केस मिलते रहे हैं। इस साल भी 2025 में अभी तक मलेरिया के 14 केस सामने आ चुके हैं।
2017 में 8, 2018 में 13, 2019 में 9, 2020 में 2, 2021 में 1, 2022 में 5, 2023 में 9, 2024 में 8 मलेरिया के केस मिले थे।
सरकार ने बीमारी खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के लक्ष्य का समय बढ़ा दिया है। इसको लेकर अब सरकार की ओर से मलेरिया को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य 2030 तक रखा गया है। इस पर काम भी किया जा रहा है।
बीमारी को खत्म नहीं कर पाने की सबसे बड़ी बजह यह रही है कि जिले में सभी जगहों पर जलभराव से मच्छर को पनपने से रोकने के प्रयास नहीं हो पाए हैं।
----------------
मलेरिया से बचाव के उपाय
मलेरिया के मच्छर अधिकतर शाम या रात को काटते हैं। इसलिए इस समय संभव हो तो घर में ही रहें। मलेरिया से बचने के लिए उन कपड़ों का उपयोग करें जो शरीर के अधिकांश हिस्से को ढक सके। घर के आसपास बारिश के पानी या गंदे पानी को जमा ना होने दें। बुखार आना, सिर दर्द होना, उल्टी होना, मन का मचलना, ठंड लगना, चक्कर आना, थकान होना, पेट दर्द, तेजी से सांस लेना मलेरिया के लक्षण हैं।
वर्जन
स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों में गम्बूजिया मछलियां छोड़ी हैं। मलेरिया एनोफिलीज मादा मच्छर के काटने से होता है। इस प्रजाति के मच्छर बारिश के मौसम में अधिक होते हैं। इनके काटने से मलेरिया हो जाता है। इससे बचाव के लिए अपने घरों के आसपास पानी नहीं जमा होने देना चाहिए। - डॉ. विरेंद्र यादव, डेंगू एवं मलेरिया इंस्पेक्टर रेवाड़ी।
--------------
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed