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Rewari News: बदहाली की कगार पर पहुंचा धारूहेड़ा खेल स्टेडियम
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फोटो: 24रेवाड़ी। धारूहेड़ा खेल स्टेडियम में उगी कंटीली झाड़ियां। संवाद
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रेवाड़ी। करीब 15 साल पहले लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया धारूहेड़ा का खेल स्टेडियम आज बदहाली की कगार पर पहुंच चुका है। अनदेखी और रखरखाव समय पर न करने के कारण चार एकड़ पंचायत भूमि पर बने इस स्टेडियम में अब जगह-जगह कंटीली घास और झाड़ियां उग आई हैं।
यहां अभ्यास करने आने वाले खिलाड़ियों को परेशानियों को सामना करना पड़ता है। समाजसेवी जेपी यादव ने बताया कि स्थानीय लोग प्रदेश के खेल मंत्री गौरव गौतम को पत्र लिखकर स्टेडियम की मरम्मत, सफाई व्यवस्था बहाल करने और यहां की रिक्त कोच पदों पर नियुक्ति की मांग कर चुके हैं।
मैदान की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि युवा अब मजबूरी में सड़क पर दौड़ लगाने को विवश हैं। करीब एक लाख आबादी वाले धारूहेड़ा कस्बे में यह स्टेडियम कभी खिलाड़ियों के अभ्यास का प्रमुख केंद्र हुआ करता था लेकिन अब यहां मूलभूत सुविधाएं हैं और न ही सफाई की व्यवस्था।
यहां अभ्यास करने वाले खिलाड़ी कहते हैं कि मैदान की सतह असमान होने और घास-झाड़ियों के कारण चोट लगने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा, स्टेडियम तक जाने वाला रास्ता भी टूट-फूट गया है जिससे बारिश के समय यहां पहुंचना और भी मुश्किल हो जाता है।
खिलाड़ियों ने स्वयं के खर्च पर कराई मैदान में सफाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले एक साल में स्वयं खिलाड़ी तीन बार अपने खर्च पर ट्रैक्टर और रोटावेटर से मैदान की सफाई करवा चुके हैं लेकिन स्थाई रखरखाव के अभाव में मैदान फिर से खराब हो जाता है। स्टेडियम को दोबारा व्यवस्थित किया जाए तो यह युवाओं को नशे की लत से दूर रखने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस स्टेडियम का निर्माण पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह ने कराया था।
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वर्जन:
खेल स्टेडियम में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए ताकि युवा सुरक्षित माहौल में अभ्यास कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि स्टेडियम के साथ बना डंप यार्ड यहां से हटाया जाए ताकि खिलाड़ियों को स्वच्छ वातावरण मिल सके और खेलों के प्रति रुचि और उत्साह दोबारा जागृत हो सके। -कवर सिंह, नगरपालिका चेयरमैन, धारूहेड़ा।
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यहां अभ्यास करने आने वाले खिलाड़ियों को परेशानियों को सामना करना पड़ता है। समाजसेवी जेपी यादव ने बताया कि स्थानीय लोग प्रदेश के खेल मंत्री गौरव गौतम को पत्र लिखकर स्टेडियम की मरम्मत, सफाई व्यवस्था बहाल करने और यहां की रिक्त कोच पदों पर नियुक्ति की मांग कर चुके हैं।
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मैदान की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि युवा अब मजबूरी में सड़क पर दौड़ लगाने को विवश हैं। करीब एक लाख आबादी वाले धारूहेड़ा कस्बे में यह स्टेडियम कभी खिलाड़ियों के अभ्यास का प्रमुख केंद्र हुआ करता था लेकिन अब यहां मूलभूत सुविधाएं हैं और न ही सफाई की व्यवस्था।
यहां अभ्यास करने वाले खिलाड़ी कहते हैं कि मैदान की सतह असमान होने और घास-झाड़ियों के कारण चोट लगने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा, स्टेडियम तक जाने वाला रास्ता भी टूट-फूट गया है जिससे बारिश के समय यहां पहुंचना और भी मुश्किल हो जाता है।
खिलाड़ियों ने स्वयं के खर्च पर कराई मैदान में सफाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले एक साल में स्वयं खिलाड़ी तीन बार अपने खर्च पर ट्रैक्टर और रोटावेटर से मैदान की सफाई करवा चुके हैं लेकिन स्थाई रखरखाव के अभाव में मैदान फिर से खराब हो जाता है। स्टेडियम को दोबारा व्यवस्थित किया जाए तो यह युवाओं को नशे की लत से दूर रखने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस स्टेडियम का निर्माण पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह ने कराया था।
वर्जन:
खेल स्टेडियम में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए ताकि युवा सुरक्षित माहौल में अभ्यास कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि स्टेडियम के साथ बना डंप यार्ड यहां से हटाया जाए ताकि खिलाड़ियों को स्वच्छ वातावरण मिल सके और खेलों के प्रति रुचि और उत्साह दोबारा जागृत हो सके। -कवर सिंह, नगरपालिका चेयरमैन, धारूहेड़ा।