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Rewari News: विद्यार्थियों के अनुपात में कमरों की कमी से दो शिफ्टों में खोला जाता है स्कूल

Rohtak Bureau रोहतक ब्यूरो
Updated Sat, 20 Dec 2025 12:42 AM IST
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Due to a shortage of rooms compared to the number of students, the school is operated in two shifts.
गांव ततारपुर इस्तमुरार स्थित राजकीय आदर्श संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई करते विद्
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रेवाड़ी। गांव ततारपुर इस्तमुरार स्थित राजकीय आदर्श संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय इन दिनों बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते चर्चा में है। विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में कमरों का अभाव होने से विद्यालय को दो शिफ्टों में संचालित किया जा रहा है जिससे बच्चों की पढ़ाई और दिनचर्या दोनों प्रभावित हो रही है।
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विद्यालय में अतिरिक्त कमरों की आवश्यकता महसूस की जा रही है लेकिन इस दिशा में अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। विद्यालय में कक्ष की कमी के कारण सुबह और दोपहर में अलग-अलग कक्षाएं लगाई जा रही हैं। ठंड के मौसम को देखते हुए कक्षा 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं सुबह 6 बजकर 55 मिनट से दोपहर साढ़े 12 बजे तक संचालित की जा रही हैं। वहीं कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से शाम सवा 6 बजे तक विद्यालय आना पड़ रहा है।
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छोटे बच्चों के लिए शाम तक पढ़ाई करना अभिभावकों को भी खटक रहा है। उनका कहना है कि सर्दी के मौसम में अंधेरा जल्दी हो जाता है, ऐसे में बच्चों को घर लौटने में परेशानी होती है। फिलहाल विद्यालय में कमरों की खिड़कियां और दरवाजे ठीक स्थिति में हैं जिससे ठंड हवा का सीधा असर कक्षाओं पर नहीं पड़ रहा है। इसके अलावा कक्षाओं में विद्यार्थियों के बैठने के लिए डेस्क और सीट दोनों उपलब्ध हैं। इससे पढ़ाई के दौरान बच्चों को जमीन पर बैठने जैसी समस्या नहीं झेलनी पड़ रही है।
इंसेट
कड़ाके की ठंड से सुबह की प्रार्थना स्थगित
मौसम को देखते हुए विद्यालय में इन दिनों सुबह की प्रार्थना भी नहीं कराई जा रही है। विद्यालय प्रशासन का कहना है कि अत्यधिक ठंड के कारण विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। खुले में खड़े होकर प्रार्थना करने से बच्चों के बीमार होने की आशंका बनी रहती है।
इंसेट
डेढ़ वर्ष से ठप है 22 कमरों का निर्माण
विद्यालय में 22 कमरों का निर्माण डेढ़ साल से ठप है। निर्माण कार्य अधूरा छोड़ देने से पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। यदि समय पर भवन का निर्माण कार्य पूरा हो जाता तो बच्चों को आज इस तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
इंसेट
बच्चों को गुनगुने पानी की जरूरत
मिड-डे मील में बच्चों को गुनगुना पानी अभी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। इस मौसम में बच्चों को गुनगुने पानी की जरूरत पड़ती है। इसे लेकर विद्यालय प्रशासन का कहना है कि निदेशालय से निर्देश नहीं मिले हैं। उच्च अधिकारियों का निर्देश मिलने पर पालन किया जाएगा।

इंसेट1039 विद्यार्थियों पर 19 कमरे
विद्यालय में वर्तमान में 1039 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं जबकि केवल 45 शिक्षक हैं। विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में विद्यालय में कम से कम 34 कक्षा की आवश्यकता है लेकिन मौजूदा समय में विद्यालय परिसर में केवल 19 कमरे ही उपलब्ध हैं। कक्षाओं की भारी कमी के चलते विद्यालय की कंप्यूटर लैब और विज्ञान प्रयोगशालाओं को अस्थायी कक्षाओं में परिवर्तित करना पड़ा है। इसका सीधा असर विद्यार्थियों की शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है। बच्चों को न तो निर्धारित समय पर प्रयोगशाला की सुविधा मिल पा रही है और न ही कंप्यूटर शिक्षा सुचारू रूप से संचालित हो पा रही है जिससे उनके व्यावहारिक ज्ञान और तकनीकी दक्षता प्रभावित हो रही है।
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वर्जन :



कमरों की कमी की वजह से अभी दो शिफ्टों में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। फिर भी बेहतर पढ़ाई करवाई जा रही है। वर्तमान स्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।-विनोद मेहता, प्राचार्य, राजकीय मॉडल संस्कृति विद्यालय, ततारपुर इस्तमुरार

गांव ततारपुर इस्तमुरार स्थित राजकीय आदर्श संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई करते विद्

गांव ततारपुर इस्तमुरार स्थित राजकीय आदर्श संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई करते विद्

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