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Rewari News: सिविल अस्पताल में नवजात की बिगड़ी हालत, परिजनों ने व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल
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फोटो: 28रेवाड़ी। नागरिक अस्पताल में नवजात के पिता भूपेंद्र और दादी अस्पताल परिसर में बिलख-बिल
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रेवाड़ी। नागरिक अस्पताल में बुधवार को शहर के नई आबादी निवासी एक मजदूर परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। 6 दिसंबर को जन्मे नवजात की हालत अचानक बिगड़ गई जिसके बाद परिजनों ने सिविल अस्पताल में डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया।
नवजात के पिता भूपेंद्र और दादी अस्पताल परिसर में बिलख-बिलख कर रोते नजर आए। परिजन बच्चे की खराब हालत के चलते रोहतक ले जाने की बजाय किसी निजी अस्पताल में ले जाने की बात कह रहे थे। इसके लिए वह एंबुलेंस की मांग कर रहे थे लेकिन अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को एंबुलेंस की मदद देने से इंकार कर दिया था।
इसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए। परिजनों का आरोप हैं कि डॉक्टरों ने बच्चे की दिल की धड़कन कम होने की बात कहकर ऑपरेशन के माध्यम से डिलीवरी करवाई लेकिन मंगलवार को नवजात को स्वस्थ बताकर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
घर पर बच्चे की तबियत बिगड़ने पर परिजन उसे बुधवार को सुबह वापस अस्पताल लेकर आए जहां डॉक्टरों ने कुछ देर जांच के बाद नवजात की हालत गंभीर बताई और तुरंत उसे रोहतक रेफर कर दिया।
परिजनों का कहना है कि अगर डॉक्टरों को प्रारंभ में ही बच्चे की गंभीर स्थिति का अंदेशा था तो उसे घर क्यों भेजा गया। उनके अनुसार डॉक्टर की लापरवाही से ही नवजात की हालत बिगड़ी।
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वर्जन
परिजन बच्चे को लेकर आए थे। उनको बताया गया था कि डिलीवरी के समय बच्चे का वजन कम था, इसलिए उसकी तबियत खराब हुई। बच्चे को रोहतक के लिए रेफर कर दिया गया था। -डॉ. इंद्रजीत यादव, उप चिकित्सा अधीक्षक, नागरिक अस्पताल
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नवजात के पिता भूपेंद्र और दादी अस्पताल परिसर में बिलख-बिलख कर रोते नजर आए। परिजन बच्चे की खराब हालत के चलते रोहतक ले जाने की बजाय किसी निजी अस्पताल में ले जाने की बात कह रहे थे। इसके लिए वह एंबुलेंस की मांग कर रहे थे लेकिन अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को एंबुलेंस की मदद देने से इंकार कर दिया था।
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इसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए। परिजनों का आरोप हैं कि डॉक्टरों ने बच्चे की दिल की धड़कन कम होने की बात कहकर ऑपरेशन के माध्यम से डिलीवरी करवाई लेकिन मंगलवार को नवजात को स्वस्थ बताकर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
घर पर बच्चे की तबियत बिगड़ने पर परिजन उसे बुधवार को सुबह वापस अस्पताल लेकर आए जहां डॉक्टरों ने कुछ देर जांच के बाद नवजात की हालत गंभीर बताई और तुरंत उसे रोहतक रेफर कर दिया।
परिजनों का कहना है कि अगर डॉक्टरों को प्रारंभ में ही बच्चे की गंभीर स्थिति का अंदेशा था तो उसे घर क्यों भेजा गया। उनके अनुसार डॉक्टर की लापरवाही से ही नवजात की हालत बिगड़ी।
वर्जन
परिजन बच्चे को लेकर आए थे। उनको बताया गया था कि डिलीवरी के समय बच्चे का वजन कम था, इसलिए उसकी तबियत खराब हुई। बच्चे को रोहतक के लिए रेफर कर दिया गया था। -डॉ. इंद्रजीत यादव, उप चिकित्सा अधीक्षक, नागरिक अस्पताल