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Rewari News: हास्य-व्यंग्य संवादों पर लोटपोट हुए दर्शक
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संवाद न्यूज एजेंसी
रेवाड़ी। बाल भवन में बीती शाम बंजारा सांस्कृतिक संस्था की ओर से हरियाण्वी हास्य नाटक जै सुख तै चाहवै जीवणा तो भोंदू बण के रह का मंचन किया गया। मुंबई में नाटक की हीरक जयंती (डायमंड जुबली) से पूर्व रेवाड़ी के दर्शकों के लिए इस नाटक का मंचन किया गया था।
मंच पर मुख्य पात्र के रूप में मास्टर और भोंदू की जुगलबंदी ने जहां दर्शकों को ठहाके लगाने पर मजबूर किया वहीं सहायक कलाकारों ने अपने अभिनय से सभी को अपना मुरीद बना लिया।
विजय भाटोटिया के लेखन व निर्देशन में तैयार किए गए इस नाटक में राजनीतिक घोटालों, जातिवाद, दिशाहीन शिक्षा व्यवस्था, मानसिक विकृति पर चुटीले अंदाजों ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया।
नाटक में सूत्रधार व मास्टर की भूमिका में वरिष्ठ रंगकर्मी गोपाल शर्मा वसिष्ठ, भोंदू (खूबराम सैनी) के दमदार अभिनय ने दर्शकों को जमकर हंसाया।
त्रिलोक शर्मा, श्याम सेवा समिति के चेयरमैन रामकिशन अग्रवाल, एमपी गोयल, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के संयोजक पुरेंद्र जगदीश गोयल, उद्योगपति एस के कालरा ने नाटक की सराहना की।
हरियाण्वी फिल्मों के वरिष्ठ हास्य कलाकार जनार्दन शर्मा, प्रसिद्ध नृत्यांगना लीला सैनी, फिल्म लेखक आनंद मोरे कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। संस्था के निदेशक विजय भाटोटिया ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
नाट्य प्रेमियों ने कलाकारों का किया उत्साहवर्धन :
विपिन सुनेजा व सत्यवीर नाहड़िया के गीत-संगीत के साथ-साथ मंच के पीछे से ध्वनि, प्रकाश व संगीत संयोजन में राजवीर राजू, विक्रांत सैनी व राघव की भूमिका रही। इस मौके पर सुधीर यादव , जगमोहन गुप्ता समेत अनेक नाट्य प्रेमियों ने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। 27 व 28 सितंबर को नाटक का 75वां, 76वां और 77वां मंचन मुंबई के अंधेरी क्षेत्र में स्थित प्रमुख थियेटर वेदा कुणबा तथा रंगशिला थियेटर में होगा।

रेवाड़ी। बाल भवन में बीती शाम बंजारा सांस्कृतिक संस्था की ओर से हरियाण्वी हास्य नाटक जै सुख तै चाहवै जीवणा तो भोंदू बण के रह का मंचन किया गया। मुंबई में नाटक की हीरक जयंती (डायमंड जुबली) से पूर्व रेवाड़ी के दर्शकों के लिए इस नाटक का मंचन किया गया था।
मंच पर मुख्य पात्र के रूप में मास्टर और भोंदू की जुगलबंदी ने जहां दर्शकों को ठहाके लगाने पर मजबूर किया वहीं सहायक कलाकारों ने अपने अभिनय से सभी को अपना मुरीद बना लिया।
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विजय भाटोटिया के लेखन व निर्देशन में तैयार किए गए इस नाटक में राजनीतिक घोटालों, जातिवाद, दिशाहीन शिक्षा व्यवस्था, मानसिक विकृति पर चुटीले अंदाजों ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया।
नाटक में सूत्रधार व मास्टर की भूमिका में वरिष्ठ रंगकर्मी गोपाल शर्मा वसिष्ठ, भोंदू (खूबराम सैनी) के दमदार अभिनय ने दर्शकों को जमकर हंसाया।
त्रिलोक शर्मा, श्याम सेवा समिति के चेयरमैन रामकिशन अग्रवाल, एमपी गोयल, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के संयोजक पुरेंद्र जगदीश गोयल, उद्योगपति एस के कालरा ने नाटक की सराहना की।
हरियाण्वी फिल्मों के वरिष्ठ हास्य कलाकार जनार्दन शर्मा, प्रसिद्ध नृत्यांगना लीला सैनी, फिल्म लेखक आनंद मोरे कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। संस्था के निदेशक विजय भाटोटिया ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
नाट्य प्रेमियों ने कलाकारों का किया उत्साहवर्धन :
विपिन सुनेजा व सत्यवीर नाहड़िया के गीत-संगीत के साथ-साथ मंच के पीछे से ध्वनि, प्रकाश व संगीत संयोजन में राजवीर राजू, विक्रांत सैनी व राघव की भूमिका रही। इस मौके पर सुधीर यादव , जगमोहन गुप्ता समेत अनेक नाट्य प्रेमियों ने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। 27 व 28 सितंबर को नाटक का 75वां, 76वां और 77वां मंचन मुंबई के अंधेरी क्षेत्र में स्थित प्रमुख थियेटर वेदा कुणबा तथा रंगशिला थियेटर में होगा।