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Rewari News: औद्योगिक शहर भिवाड़ी और धारूहेड़ा में जहरीली हवा का कहर
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भिवाड़ी में दोपहर के समय छाया प्रदूषण। संवाद
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भिवाड़ी। औद्योगिक शहर भिवाड़ी और धारूहेड़ा में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक होता जा रहा है। बीते एक महीने से शहर की हवा बेहद जहरीली बनी हुई है जिससे निवासियों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शहर में लगे दो मॉनिटरिंग स्टेशनों में से एक (अजंता चौक इंडस्ट्रियल एरिया) ने एक्यूआई 332 दर्ज किया जबकि वसुंधरा नगर (आवासीय क्षेत्र) में यह 265 के करीब रहा। शाम ढलते ही एक्यूआई 300 के पार पहुंच जाता है जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।
हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि भिवाड़ी का एक्यूआई कई बार 400-600 के बीच पहुंच चुका है जो दिल्ली-एनसीआर के अन्य क्षेत्रों से भी बदतर स्थिति दर्शाता है। धारूहेड़ा में रविवार को एक्यूआई 361 दर्ज किया गया।
कस्बा की शाम होते ही सड़कें सूनी हो जाती हैं, क्योंकि प्रदूषण की मोटी चादर पूरे शहर को घेर लेती है। अरावली विहार निवासी मीनाक्षी शर्मा ने बताया कि हम घर से बाहर निकलना बंद कर चुके हैं। बाहर जाते ही आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होती है। बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर लगता है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत उपाय करने की मांग की।
शाम की सैर करने निकलीं नेहा झा ने कहा कि हवा इतनी जहरीली हो गई है कि बच्चों की आंखों में जलन, बुजुर्गों को सांस की तकलीफ हो रही है। शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर जलते रहते हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं देता।
बच्चे अब स्कूल जाने से कतराने लगे हैं। उन्हें खुजली, चर्म रोग और बुखार हो रहा है। हम घर से बाहर निकलना बंद कर चुके हैं। प्रदूषण का मुख्य कारण शहर में जगह-जगह जलते कूड़े के ढेर बताए जा रहे हैं।
अरावली विहार मेला ग्राउंड के सामने दिनभर कचरा जलता रहा
अरावली विहार मेला ग्राउंड के सामने दिनभर कचरा जलता रहा लेकिन प्रशासन की ओर से आग बुझाने कोई नहीं पहुंचा। इससे निकलने वाला जहरीला धुआं पूरे शहर में फैल गया। भारी वाहनों की आवाजाही से सड़कों पर धूल उड़ना भी एक बड़ा कारण है। हालांकि कुछ मुख्य सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है लेकिन अन्य क्षेत्रों में कोई ठोस इंतजाम नहीं दिखते। शहर की कॉलोनी और मुख्य सड़कों पर जगह-जगह भारी कूड़े के ढेर लगे हैं जिनसे दुर्गंध आती रहती है। इन पर आवारा पशु मुंह मारते रहते हैं लेकिन शहर में सफाई व्यवस्था भी बदहाल है।
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बीते दिनों का एक्यूआई स्तर इस प्रकार रहा
1 दिसंबर: 314
2 दिसंबर: 340
3 दिसंबर: 310
4 दिसंबर: 295
5 दिसंबर: 290
6 दिसंबर: 294
7 दिसंबर: 216
8 दिसंबर: 227
9 दिसंबर: 208
10 दिसंबर: 218
11 दिसंबर: 237
12 दिसंबर: 277
13 दिसंबर: 321
14 दिसंबर: 351
15 दिसंबर: 300
16 दिसंबर: 265
17 दिसंबर: 219
18 दिसंबर: 278
19 दिसंबर:301
20 दिसंबर: 332
21 दिसंबर: 270
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हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि भिवाड़ी का एक्यूआई कई बार 400-600 के बीच पहुंच चुका है जो दिल्ली-एनसीआर के अन्य क्षेत्रों से भी बदतर स्थिति दर्शाता है। धारूहेड़ा में रविवार को एक्यूआई 361 दर्ज किया गया।
कस्बा की शाम होते ही सड़कें सूनी हो जाती हैं, क्योंकि प्रदूषण की मोटी चादर पूरे शहर को घेर लेती है। अरावली विहार निवासी मीनाक्षी शर्मा ने बताया कि हम घर से बाहर निकलना बंद कर चुके हैं। बाहर जाते ही आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होती है। बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर लगता है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत उपाय करने की मांग की।
शाम की सैर करने निकलीं नेहा झा ने कहा कि हवा इतनी जहरीली हो गई है कि बच्चों की आंखों में जलन, बुजुर्गों को सांस की तकलीफ हो रही है। शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर जलते रहते हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं देता।
बच्चे अब स्कूल जाने से कतराने लगे हैं। उन्हें खुजली, चर्म रोग और बुखार हो रहा है। हम घर से बाहर निकलना बंद कर चुके हैं। प्रदूषण का मुख्य कारण शहर में जगह-जगह जलते कूड़े के ढेर बताए जा रहे हैं।
अरावली विहार मेला ग्राउंड के सामने दिनभर कचरा जलता रहा
अरावली विहार मेला ग्राउंड के सामने दिनभर कचरा जलता रहा लेकिन प्रशासन की ओर से आग बुझाने कोई नहीं पहुंचा। इससे निकलने वाला जहरीला धुआं पूरे शहर में फैल गया। भारी वाहनों की आवाजाही से सड़कों पर धूल उड़ना भी एक बड़ा कारण है। हालांकि कुछ मुख्य सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है लेकिन अन्य क्षेत्रों में कोई ठोस इंतजाम नहीं दिखते। शहर की कॉलोनी और मुख्य सड़कों पर जगह-जगह भारी कूड़े के ढेर लगे हैं जिनसे दुर्गंध आती रहती है। इन पर आवारा पशु मुंह मारते रहते हैं लेकिन शहर में सफाई व्यवस्था भी बदहाल है।
बीते दिनों का एक्यूआई स्तर इस प्रकार रहा
1 दिसंबर: 314
2 दिसंबर: 340
3 दिसंबर: 310
4 दिसंबर: 295
5 दिसंबर: 290
6 दिसंबर: 294
7 दिसंबर: 216
8 दिसंबर: 227
9 दिसंबर: 208
10 दिसंबर: 218
11 दिसंबर: 237
12 दिसंबर: 277
13 दिसंबर: 321
14 दिसंबर: 351
15 दिसंबर: 300
16 दिसंबर: 265
17 दिसंबर: 219
18 दिसंबर: 278
19 दिसंबर:301
20 दिसंबर: 332
21 दिसंबर: 270