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Rewari News: सपोर्ट फॉर स्टैटिस्टिकल स्ट्रेंथनिंग योजना के तहत दिया प्रशिक्षण
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फोटो: 22रेवाड़ी। लघु सचिवालय में आयाअेजति प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित अर्थ एवं सांख्यिक
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रेवाड़ी। जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा सांख्यिकीय प्रणाली को मजबूत करने के उद्देश्य से ‘सपोर्ट फॉर स्टैटिस्टिकल स्ट्रेंथनिंग’ योजना के तहत बुधवार को लघु सचिवालय रेवाड़ी में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
अर्थ एवं सांख्यिकीय कार्य विभाग के उपनिदेशक डाॅ. महेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का सांख्यिकीय कर्मचारियों की क्षमता को डेटा संग्रहण, संकलन, सत्यापन एवं रिपोर्टिंग के क्षेत्र में सुदृढ़ करना था ताकि जिला स्तर की सांख्यिकीय जानकारी अधिक सटीक एवं विश्वसनीय बन सके।
उपनिदेशक डाॅ. महेंद्र सिंह ने प्रभावी योजना निर्माण, नीतिगत निर्णय और विकास योजनाओं की निगरानी के लिए सटीक एवं समयबद्ध सांख्यिकीय आंकड़ों के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने डेटा संग्रह की मानक प्रक्रियाओं, सामान्य त्रुटियों, सत्यापन तकनीकों और सपोर्ट फॉर स्टैटिस्टिकल स्ट्रेंथनिंग योजना के अंतर्गत रिपोर्टिंग प्रारूपों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए सभी विभागों से सांख्यिकीय रिपोर्टिंग में अनुशासन, पारदर्शिता एवं समयबद्धता बनाए रखने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षणों से कर्मचारियों का क्षमता विकास एवं कौशल संवर्धन होता है। कोई भी डाटा भविष्य में जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग होता है जिसके आधार पर बड़ी योजनाएं तैयार होती हैं और यही डाटा भारत के वर्ष 2047 तक विकसित देश बनने के सपने को पूरा करने में मुख्य भूमिका अदा करेगा।
उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि तय समय सीमा में मांगी आंकड़ों संबंधित सूचना जिला सांख्यिकीय कार्यालय को उपलब्ध करवाएं।
इस अवसर पर केएलपी कॉलेज की सहायक प्रोफेसर पारुल मित्तल ने उपस्थित कर्मचारियों को डेटा संग्रहण, संकलन, सत्यापन एवं रिपोर्टिंग आदि के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर जिला सांख्यिकी अधिकारी डाॅ. देवी दास ने भी कर्मचारियों को विभिन्न कार्यालयों से प्राप्त हो रही रिपोर्ट की कमियों के बारे में अवगत करवाकर उन्हें दूर करने का आह्वान किया।
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अर्थ एवं सांख्यिकीय कार्य विभाग के उपनिदेशक डाॅ. महेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का सांख्यिकीय कर्मचारियों की क्षमता को डेटा संग्रहण, संकलन, सत्यापन एवं रिपोर्टिंग के क्षेत्र में सुदृढ़ करना था ताकि जिला स्तर की सांख्यिकीय जानकारी अधिक सटीक एवं विश्वसनीय बन सके।
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उपनिदेशक डाॅ. महेंद्र सिंह ने प्रभावी योजना निर्माण, नीतिगत निर्णय और विकास योजनाओं की निगरानी के लिए सटीक एवं समयबद्ध सांख्यिकीय आंकड़ों के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने डेटा संग्रह की मानक प्रक्रियाओं, सामान्य त्रुटियों, सत्यापन तकनीकों और सपोर्ट फॉर स्टैटिस्टिकल स्ट्रेंथनिंग योजना के अंतर्गत रिपोर्टिंग प्रारूपों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए सभी विभागों से सांख्यिकीय रिपोर्टिंग में अनुशासन, पारदर्शिता एवं समयबद्धता बनाए रखने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षणों से कर्मचारियों का क्षमता विकास एवं कौशल संवर्धन होता है। कोई भी डाटा भविष्य में जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग होता है जिसके आधार पर बड़ी योजनाएं तैयार होती हैं और यही डाटा भारत के वर्ष 2047 तक विकसित देश बनने के सपने को पूरा करने में मुख्य भूमिका अदा करेगा।
उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि तय समय सीमा में मांगी आंकड़ों संबंधित सूचना जिला सांख्यिकीय कार्यालय को उपलब्ध करवाएं।
इस अवसर पर केएलपी कॉलेज की सहायक प्रोफेसर पारुल मित्तल ने उपस्थित कर्मचारियों को डेटा संग्रहण, संकलन, सत्यापन एवं रिपोर्टिंग आदि के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर जिला सांख्यिकी अधिकारी डाॅ. देवी दास ने भी कर्मचारियों को विभिन्न कार्यालयों से प्राप्त हो रही रिपोर्ट की कमियों के बारे में अवगत करवाकर उन्हें दूर करने का आह्वान किया।