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Rohtak News: स्टेडियम में वजन कम करने गई थीं रुड़की की भारती, बन गईं अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर
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बॉक्सर भारती।
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रोहतक। रुड़की की उभरती हुईं मुक्केबाज भारती की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। यह कहानी है वजन कम करने की साधारण इच्छा से शुरू होकर देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदम जीतने के जुनून तक पहुंचने की।
भारती ने बताया कि साल 2015 में खेलना शुरू किया था। बचपन से ही उनका वजन ज्यादा था। माता-पिता ने कहा कि वह अपनी मौसी की लड़की मोनिका के साथ स्टेडियम जाएं। इससे उनका वजन कम हो जाएगा।
कहती हैं कि उसका वजन कम होना शुरू हुआ लेकिन साथ में बॉक्सिंग में रुचि बन गई। इसके बाद ट्रेनिंग शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि वह आगे दिसंबर में खेलों इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में भाग लूंगी।
जनवरी 2026 में सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में भाग लूंगी। 2026 में होने वाले एशियन गेम्स व कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी भी शुरू कर दी है। भारती का कहना है कि उसका लक्ष्य ओलंपिक में पदक जीतना है। बॉक्सिंग को अपना कॅरिअर की बात जब घर में बताई तो उसे विरोध का सामना करना पड़ा।
भारती ने अपनी मेहनत जारी रखी और जब उन्होंने एक प्रतियोगिता में पदक जीत लिया, तब परिवार का रवैया पूरी तरह से बदल गया और उन्हें पूरा सहयोग मिलना शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसके कारण उसे अपनी डाइट, पहनने के लिए कपड़े और जूतों की कमी महसूस हुई।
ज्यादा दिक्कत डाइट के लिए होती थी, क्योंकि एक खिलाड़ी के लिए डाइट और अभ्यास सबसे जरूरी होता है। उनके माता-पिता ने जितना हो सका उतना सहयोग किया। इन सभी मुश्किलों के बीच भारती को शहीद बैतून सिंह स्टेडियम में कोच विजय हुड्डा का मार्गदर्शन मिला। भारती ने बताया कि उनके कोच ने खेलने में उनकी काफी मदद की और उन्हें स्टेडियम में ही डाइट भी उपलब्ध कराते थे। पिता दिलबाग लेबर का काम करते हैं, मां सुदेश गृहिणी हैं व दो भाई हैं। संवाद
भारती की उपलब्धियां
2018 जूनियर इंटरनेशनल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। 2019 में यूथ नेशनल चैंपियन रही व स्टेट चैंपियन रही। 2019 में यूथ इंटरनेशनल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता। 2024 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में कांस्य पदक जीता। तीन बार खेलों इंडिया यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में भाग लिया है। 2024 में आरएससी कंबाइन प्रतियोगिता में रजत व आरएससी ओपन प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता।
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भारती ने बताया कि साल 2015 में खेलना शुरू किया था। बचपन से ही उनका वजन ज्यादा था। माता-पिता ने कहा कि वह अपनी मौसी की लड़की मोनिका के साथ स्टेडियम जाएं। इससे उनका वजन कम हो जाएगा।
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कहती हैं कि उसका वजन कम होना शुरू हुआ लेकिन साथ में बॉक्सिंग में रुचि बन गई। इसके बाद ट्रेनिंग शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि वह आगे दिसंबर में खेलों इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में भाग लूंगी।
जनवरी 2026 में सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में भाग लूंगी। 2026 में होने वाले एशियन गेम्स व कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी भी शुरू कर दी है। भारती का कहना है कि उसका लक्ष्य ओलंपिक में पदक जीतना है। बॉक्सिंग को अपना कॅरिअर की बात जब घर में बताई तो उसे विरोध का सामना करना पड़ा।
भारती ने अपनी मेहनत जारी रखी और जब उन्होंने एक प्रतियोगिता में पदक जीत लिया, तब परिवार का रवैया पूरी तरह से बदल गया और उन्हें पूरा सहयोग मिलना शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसके कारण उसे अपनी डाइट, पहनने के लिए कपड़े और जूतों की कमी महसूस हुई।
ज्यादा दिक्कत डाइट के लिए होती थी, क्योंकि एक खिलाड़ी के लिए डाइट और अभ्यास सबसे जरूरी होता है। उनके माता-पिता ने जितना हो सका उतना सहयोग किया। इन सभी मुश्किलों के बीच भारती को शहीद बैतून सिंह स्टेडियम में कोच विजय हुड्डा का मार्गदर्शन मिला। भारती ने बताया कि उनके कोच ने खेलने में उनकी काफी मदद की और उन्हें स्टेडियम में ही डाइट भी उपलब्ध कराते थे। पिता दिलबाग लेबर का काम करते हैं, मां सुदेश गृहिणी हैं व दो भाई हैं। संवाद
भारती की उपलब्धियां
2018 जूनियर इंटरनेशनल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। 2019 में यूथ नेशनल चैंपियन रही व स्टेट चैंपियन रही। 2019 में यूथ इंटरनेशनल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता। 2024 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी में कांस्य पदक जीता। तीन बार खेलों इंडिया यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में भाग लिया है। 2024 में आरएससी कंबाइन प्रतियोगिता में रजत व आरएससी ओपन प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता।