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नशे से पूरा परिवार व समाज होता है प्रभावित : सतीश कौशिक
संवाद न्यूज एजेंसी, रोहतक
Updated Thu, 18 Dec 2025 02:39 AM IST
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16...बाल विवाह व नशे के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम एडवोकेट सतीश कौशिक साथ में संरक्षण एवं बाल विव
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संवाद न्यूज एजेंसी
रोहतक। संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने बुधवार को राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बोहर में एमडीडी ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बाल विवाह व नशे के खिलाफ जागरूक किया। एडवाेकेट सतीश कौशिक अध्यक्ष बाल कल्याण समिति ने कहा कि नशा एक गंभीर बुराई है। इसका दुष्प्रभाव केवल नशा करने वाले व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता, पूरा परिवार व समाज इससे प्रभावित होता है।
उन्होंने कहा कि आज का युवा वर्ग तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रहा है। छोटे बच्चे बड़ों को देखकर नशे की ओर बढ़ रहे हैं और लड़कियों में भी नशे के मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। नशा बेचने वाले असामाजिक तत्व बच्चों को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं। उन्होंने छात्राओं से अपील की है कि ऐसे लोगों की पहचान करें और उनसे दूर रहें।
बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर ने कहा कि यदि कोई सहपाठी 10वीं या 12वीं के दौरान स्कूल छोड़ती है तो उस पर विशेष ध्यान दें। कई मामलों में स्कूल छोड़ने के बाद बाल विवाह कर दिया जाता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह अपराध है। कार्यक्रम के बाद छात्राओं ने बाल विवाह और नशे के खिलाफ जागरूकता रैली भी निकाली।
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रोहतक। संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने बुधवार को राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बोहर में एमडीडी ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बाल विवाह व नशे के खिलाफ जागरूक किया। एडवाेकेट सतीश कौशिक अध्यक्ष बाल कल्याण समिति ने कहा कि नशा एक गंभीर बुराई है। इसका दुष्प्रभाव केवल नशा करने वाले व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता, पूरा परिवार व समाज इससे प्रभावित होता है।
उन्होंने कहा कि आज का युवा वर्ग तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रहा है। छोटे बच्चे बड़ों को देखकर नशे की ओर बढ़ रहे हैं और लड़कियों में भी नशे के मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। नशा बेचने वाले असामाजिक तत्व बच्चों को आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं। उन्होंने छात्राओं से अपील की है कि ऐसे लोगों की पहचान करें और उनसे दूर रहें।
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बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर ने कहा कि यदि कोई सहपाठी 10वीं या 12वीं के दौरान स्कूल छोड़ती है तो उस पर विशेष ध्यान दें। कई मामलों में स्कूल छोड़ने के बाद बाल विवाह कर दिया जाता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह अपराध है। कार्यक्रम के बाद छात्राओं ने बाल विवाह और नशे के खिलाफ जागरूकता रैली भी निकाली।