Haryana: IIM रोहतक में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के नए बैच का आगाज, मनु भाकर ने शुरू की पढ़ाई
IIM द्वारा संचालित स्पोर्ट्स मैनेजमेंट डिप्लोमा के नए बैच की औपचारिक शुरुआत हो गई है। इसमें दो बार की ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और विश्व चैंपियनशिप पदकधारी निशानेबाज़ मनु भाकर भी प्रतिभागी के रूप में शामिल हैं।
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भारत में खेलों के समग्र विकास के लिए सिर्फ प्रतिभा नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण और संरचित स्पोर्ट्स मैनेजमेंट शिक्षा की भी उतनी ही आवश्यकता है। यह बात IIM रोहतक में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के सातवें बैच के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि सांसद श्याम सिंह यादव ने कही। उन्होंने छात्रों से जीवन से सीखने, अनुशासन अपनाने और नैतिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने खेल प्रशासन में पूर्व खिलाड़ियों की सीमित भागीदारी, बुनियादी ढांचे की कमी और नौकरशाही अड़चनों जैसी चुनौतियों पर भी खुलकर बात की।
भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रोहतक में 18 दिसंबर 2025 को आयोजित इस समारोह के साथ देश के इकलौते IIM द्वारा संचालित स्पोर्ट्स मैनेजमेंट डिप्लोमा के नए बैच की औपचारिक शुरुआत हुई। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक, फैकल्टी सदस्य और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। नए बैच की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इसमें दो बार की ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और विश्व चैंपियनशिप पदकधारी निशानेबाज़ मनु भाकर भी प्रतिभागी के रूप में शामिल हैं। उनके साथ कई अन्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने हैं।
कार्यक्रम में स्वागत संबोधन देते हुए IIM रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने कहा कि स्पोर्ट्स मैनेजमेंट का यह कार्यक्रम भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को पेशेवर और संगठित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने बताया कि यह डिप्लोमा खेल विपणन, वित्त, इवेंट मैनेजमेंट, खेल कानून और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक और अकादमिक समझ विकसित करता है। प्रो. शर्मा के अनुसार भारत का खेल उद्योग लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का हो चुका है और आने वाले वर्षों में इसमें प्रशिक्षित स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की भारी मांग रहेगी।
मुख्य अतिथि श्याम सिंह यादव ने अपने संबोधन में छात्रों को स्पोर्ट्स मेंटलिटी अपनाने की सलाह दी और कहा कि नियमित व्यायाम, खेल और शारीरिक गतिविधियां न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि जीवन में अनुशासन और आत्मविश्वास भी बढ़ाती हैं। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि खेलों से मिली सीख ने उन्हें जीवन और सार्वजनिक सेवा में मजबूती प्रदान की। समारोह के अंत में IIM रोहतक ने दोहराया कि संस्थान भविष्य के ऐसे खेल नेतृत्वकर्ताओं को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो भारत के तेजी से बढ़ते खेल क्षेत्र को नई दिशा दे सकें।