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Sonipat News: कागज ने खा लिया मालिकाना हक प्लॉट सरिता का, रिकॉर्ड में निर्मला
संवाद न्यूज एजेंसी, सोनीपत
Updated Fri, 19 Sep 2025 02:28 AM IST
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सोनीपत। शिव काॅलोनी की सरिता देवी 70 गज के एक प्लॉट की मालकिन हैं। साल 2017 में उन्होंने यह प्लॉट पानीपत निवासी संतोष से खरीदा था। रुपयों की जरूरत पड़ी तो उन्होंने प्लाॅट बेचने का फैसला लिया। रजिस्ट्री के लिए कागजात तैयार कराने शुरू किए तो पता चला नगर निगम की आईडी में उनका प्लॉट निर्मला के नाम पर दर्ज है। दो माह से वह प्रॉपर्टी आईडी में बदलाव के लिए निगम के चक्कर काट रही हैं लेकिन मालिकाना हक नहीं मिल सका है।
सरिता देवी की तरह न जाने कितने लोग प्रॉपर्टी आईडी की त्रुटियों से परेशान हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें प्लॉट का मालिक कोई और है और प्रॉपर्टी आईडी किसी और के नाम दर्ज है। लोग अपना प्लॉट होकर भी उसे बेच नहीं पा रहे हैं।
सरिता देवी ने बताया कि नगर निगम में उनके 70 गज के प्लॉट को 100 गज में दिखाया गया है। उन्होंने नाम संशोधन कराने के लिए एक हजार रुपये राजकीय कोष में जमा कराकर ऑनलाइन आवेदन किया है लेकिन समाधान जस की तस बनी हुई है।
आरती भी लगा रहीं चक्कर, अधिकारियों के पास नहीं जवाब
सोनीपत के जीवन विहार की आरती ने देवनगर के संतोष कुमार से 122 गज का प्लाॅट खरीदा था। नियमानुसार अब प्लाॅट की आईडी आरती के नाम होनी चाहिए लेकिन इस प्रॉपर्टी की आईडी किसी और के नाम दर्ज है। आरती नगर निगम के चक्कर लगा रही हैं लेकिन निगम अधिकारी कोई ठोस जवाब नहीं दे रहे हैं।
शिविर में नहीं हल हो रहीं समस्याएं
प्रॉपर्टी आईडी में त्रुटि के मामले सुलझाने के लिए सप्ताह में तीन दिन समाधान कैंप लगता है। इसके बाद भी प्राॅपर्टी आईडी में समय से संशोधन नहीं हो पा रहा है। विशाल नगर निवासी मोहन रोहिला ने बताया कि नगर निगम के कर्मचारी व अधिकारी प्रॉपर्टी आईडी की त्रुटियां संज्ञान में आने के बाद भी संशोधन करने को लेकर गंभीर नहीं हैं। संशोधन कैंप में कर्मचारी मनमानी करते हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री के एक्स हैंडल पर कई शिकायतें हुईं। इनमें निगम के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
वर्जन-
समय-समय पर प्रॉपर्टी आईडी की त्रुटियों को ठीक कराने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। लोगों को भी इस दिशा में जागरूक होने की जरूरत है। जो शिकायतें आ रही हैं, उनको प्रॉपर्टी के सत्यापित अभिलेखों से मिलान कराने की बाद ठीक किया जा रहा है। ऑनलाइन शिकायतों को भी तय समय के भीतर निस्तारित करने करने की कोशिश की जा रही है।
-हरदीप सिंह. उप निगम आयुक्त सोनीपत।

सरिता देवी की तरह न जाने कितने लोग प्रॉपर्टी आईडी की त्रुटियों से परेशान हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें प्लॉट का मालिक कोई और है और प्रॉपर्टी आईडी किसी और के नाम दर्ज है। लोग अपना प्लॉट होकर भी उसे बेच नहीं पा रहे हैं।
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सरिता देवी ने बताया कि नगर निगम में उनके 70 गज के प्लॉट को 100 गज में दिखाया गया है। उन्होंने नाम संशोधन कराने के लिए एक हजार रुपये राजकीय कोष में जमा कराकर ऑनलाइन आवेदन किया है लेकिन समाधान जस की तस बनी हुई है।
आरती भी लगा रहीं चक्कर, अधिकारियों के पास नहीं जवाब
सोनीपत के जीवन विहार की आरती ने देवनगर के संतोष कुमार से 122 गज का प्लाॅट खरीदा था। नियमानुसार अब प्लाॅट की आईडी आरती के नाम होनी चाहिए लेकिन इस प्रॉपर्टी की आईडी किसी और के नाम दर्ज है। आरती नगर निगम के चक्कर लगा रही हैं लेकिन निगम अधिकारी कोई ठोस जवाब नहीं दे रहे हैं।
शिविर में नहीं हल हो रहीं समस्याएं
प्रॉपर्टी आईडी में त्रुटि के मामले सुलझाने के लिए सप्ताह में तीन दिन समाधान कैंप लगता है। इसके बाद भी प्राॅपर्टी आईडी में समय से संशोधन नहीं हो पा रहा है। विशाल नगर निवासी मोहन रोहिला ने बताया कि नगर निगम के कर्मचारी व अधिकारी प्रॉपर्टी आईडी की त्रुटियां संज्ञान में आने के बाद भी संशोधन करने को लेकर गंभीर नहीं हैं। संशोधन कैंप में कर्मचारी मनमानी करते हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री के एक्स हैंडल पर कई शिकायतें हुईं। इनमें निगम के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
वर्जन-
समय-समय पर प्रॉपर्टी आईडी की त्रुटियों को ठीक कराने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। लोगों को भी इस दिशा में जागरूक होने की जरूरत है। जो शिकायतें आ रही हैं, उनको प्रॉपर्टी के सत्यापित अभिलेखों से मिलान कराने की बाद ठीक किया जा रहा है। ऑनलाइन शिकायतों को भी तय समय के भीतर निस्तारित करने करने की कोशिश की जा रही है।
-हरदीप सिंह. उप निगम आयुक्त सोनीपत।