यमुनानगर: अस्पतालों को मिलेंगे 51 नए डाक्टर, मरीजों को आसानी से मिल सकेगा लाभ
11 एमबीबीएस व 6 विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ हैं। सिविल अस्पताल जगाधरी में 20 डॉक्टर नियुक्त होंगे। जिनमें 17 एमबीबीएस व 3 स्पेशलिस्ट हैं।
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सरकार ने प्रदेश में 847 नए डॉक्टरों की नियुक्ति की है। इनमें से यमुनानगर को कुल 51 डॉक्टर मिले हैं। नए डॉक्टरों के आने से लोगों को काफी फायदा होगा। इससे अस्पतालों में उन्हें पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। परंतु फायदा तभी मिलेगा जब सभी डॉक्टर ज्वाइन करेंगे और इसके बाद लोगों को अपनी सेवाएं देंगे।
क्योंकि पिछला रिकॉर्ड उठाकर देखें तो नियुक्ति होने के बाद ज्यादातर डॉक्टर ज्वाइन ही नहीं करते। वह ज्वाइनिंग से पहले या फिर कुछ दिन बाद ही डेपोटेशन पर तबादला करवाकर अपने घर के आसपास अस्पताल में काम करने लगते हैं।
शहर में 37 बाकी गांव में होंगे तैनात
सरकार ने जिले के लिए जिन 51 डॉक्टरों की नियुक्ति की है इनमें से 17 डॉक्टर सिविल अस्पताल यमुनानगर में आएंगे। जिनमें 11 एमबीबीएस व 6 विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ हैं। सिविल अस्पताल जगाधरी में 20 डॉक्टर नियुक्त होंगे। जिनमें 17 एमबीबीएस व 3 स्पेशलिस्ट हैं।
इसी तरह सीएचसी अकबरपुर में तीन एमबीबीएस, सीएचसी साढौरा में तीन एमबीबीएस, पीएचसी बूड़िया, पीएचसी रसूलपुर व सीएचसी रादौर में 1-1 डॉक्टर नियुक्त होगा। सीएचसी बिलासपुर में दो, पीएचसी मुगलवाली में एक, पीएचसी रणजीतपुर में एक व पीएचसी बिलासपुर में एक-एक डॉक्टर की नियुक्ति की गई है।
साढौरा में डॉक्टर दिशांत शर्मा, मोहित सैनी व विनीत मिश्रा द्वारा जल्दी ही यहां ज्वाइन किए जाने की संभावना है। एसएमओ डॉ. अमरीश मंगला ने बताया कि तीन डॉक्टरों के आने से डॉक्टरों की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी। सीएचसी के तहत कस्बे सहित 74 गांवों के लगभग 90 हजार लोग कवर होते हैं। इनके उपचार के लिए सीएचसी में एसएमओ व डेंटल के अलावा डॉक्टर के सात पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में एसएमओ व डेंटल सर्जन के अलावा केवल दो ही डॉक्टर हैं। डॉक्टरों की कमी को लेकर लोग गई बार सड़क पर उतर चुके हैं। कई दिन तक तो स्थानीय लोगों ने पीएचसी में अनशन भी किया था।
लोगों को झेलनी पड़ती है परेशानी
जिले में इस समय डॉक्टरों की बहुत कमी है। खासकर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के न होने से लोगों को अपना उपचार कराने के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। वहीं सप्ताह में एक बार मेडिकल होता है। मेडिकल के लिए डॉक्टर न होने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी सिविल अस्पताल यमुनानगर में आना पड़ता है। पूरा दिन लंबी लाइन में लगने के बाद भी उनका मेडिकल नहीं हो पाता। नए डॉक्टर आने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अब ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों को मेडिकल की सुविधा मिल सकेगी।
51 डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है : डॉ. मनजीत सिंह
सिविल सर्जन डॉक्टर मनजीत सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने जिले में 51 डॉक्टरों को नियुक्त किया है। डॉक्टर के आने से लोगों को काफी लाभ होगा। काफी समय से डॉक्टरों के पद रिक्त थे। अब अस्पताल का नया भवन भी बन रहा है। जिसके लिए डॉक्टरों की जरूरत है।
यमुनानगर अस्पताल में इनकी हुई नियुक्ति
सिविल अस्पताल यमुनानगर में डॉक्टर भारत शर्मा ऑर्थो, प्राची गर्ग डीएनबी पैथो, तरुण गहलावत एमडी डेरमा, निशा भूरा एमएस आई, डेविना सारस्वत एमडी पीड्स, मनप्रीत कौर एमएस ईएनटी, एमबीबीएस आकांक्षा सिंह, दिव्यांशी अग्रवाल, शुभम लग्यान, प्रशांत कमल, विक्रम सिंह, प्रवीण, प्रमोद, सुनील, विपिन कुमार, प्रियंका रानी, आरती की नियुक्ति हुई है। जबकि सिविल अस्पताल जगाधरी में डॉ. रमनीश कोहली एमडी ऑर्थो, आरती शर्मा एमडी पीएसएम, मनोज कुमार गोस्वामी एमडी अस्पताल एडमिन के अलावा एमबीबीएस सुरभि जैन, चित्रा गुप्ता, शिवांगी यादव, रिदम, नीरज कमार यादव, आशुतोष भारद्वाज, पुनीत गौतम, राहुल सिंह, अमरदीप सिंह, अनुभव गोयल, देवेंद्र, लवनेश, मनदीप, आशीष कौशिक, मनीष कुमार तंवर, वेद प्रकाश, आकाश सैनी की नियुक्ति हुई है। सीएचसी अकबरपुर में एमबीबीएस डॉ. गौरव, अभिनव सिंह, रजत कुमार, सीएचसी साढौरा में दिशांत शर्मा, मोहित सैनी, विनीत कुमार मिश्रा, पीएचसी बूड़िया में गौरव कुमार, पीएचसी रसूलपुर में प्रीति, सीएचसी रादौर में शाहनवाज हुसैन, सीएचसी बिलासपुर में अंकुश कुमार व विनय, पीएचसी मुगलवाली में दिनकर राणा, पीएचसी रणजीत पुर में वरुण सिंह, पीएचसी मोरनी में अंकुश राय की नियुक्ति हुई है।