शहादत को सलाम: राजकीय सम्मान के साथ शहीद नूर हसन सुपुर्द-ए-खाक, बेटे ने जताई सेना में जाने की इच्छा
छत्तीसगढ़ के बीजापुर क्षेत्र में नक्सली हमले में शहीद हुए नूर हसन को हरियाणा के यमुनानगर के गांव कल्याणपुर में राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया। सीआरपीएफ के निरीक्षक संजय श्रीवास के नेतृत्व में जवानों की टुकड़ी ने शहीद के पार्थिव शरीर को सशस्त्र सलामी दी।
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छत्तीसगढ़ के बीजापुर क्षेत्र में नक्सली हमले में शहीद हुए नूर हसन को हरियाणा के यमुनानगर के गांव कल्याणपुर में राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया। सीआरपीएफ के निरीक्षक संजय श्रीवास के नेतृत्व में जवानों की टुकड़ी ने शहीद के पार्थिव शरीर को सशस्त्र सलामी दी। वहीं गमगीन माहौल में हजारों ग्रामीणों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गश्त के दौरान नक्सलियों की गोलीबारी में 18 सितंबर को नूर हसन शहीद हो गए थे। दिल्ली होते हुए उनका शव मंगलवार को गांव कल्याणपुर पहुंचा। इससे पहले सरांवा पहुंचने पर सैकड़ों बाइक सवार युवकों ने हाथों में तिरंगा लिए और भारत माता की जय व शहीद नूर हसन अमर रहे के नारों के साथ शहीद के पार्थिव शरीर की अगुवानी की।
इसके बाद शहीद नूर हसन के पार्थिव शरीर को गांव कल्याणपुर ले जाया गया तो हजारों ग्रामीण वहां पहले से ही मौजूद थे। शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही उनकी मां शरीफन, पत्नी बलकीशा, बेटी मनीषा, बहनें सवाली, रोशनी, गलतान और बेटे मोइन की चित्कार से माहौल और अधिक गमगीन हो गया। ग्रामीणों द्वारा शहीद के अंतिम दर्शन करने के बाद मौलाना मोहम्मद नसीम ने गुसल की रस्म अदा करवाई।
इसके बाद कब्रिस्तान में जनाजे की नमाज के बाद शहीद के पार्थिव शरीर को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इससे पहले नपा अध्यक्ष शालिनी शर्मा, एसडीएम बिलासपुर जसपाल सिंह गिल, नायब तहसीलदार भारत भूषण, डीएसपी जितेंद्र सिंह, एसएचओ धर्मपाल, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा, पूर्व विधायक बलवंत सिंह, जजपा जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह, जजपा प्रदेश प्रवक्ता कुसुम शेरवाल, सुमंत जैन, नवीन भसीन, अनिल संधू व पंकज चुघ ने शहीद को श्रद्धा सुमन भेंट किए।
बेटे ने जताई सेना में जाने की इच्छा
शहीद के बेटे मोइन खान ने भी पिता की तरह सशस्त्र बलों में भर्ती होने की इच्छा जताई है। फिलहाल 12वीं में पढ़ रहे मोइन खान पढ़ाई के साथ-साथ रोजाना शारीरिक अभ्यास करके भर्ती की तैयारी कर रहा है। पिता की शहादत से उसके हौसले टूटने की बजाय और अधिक मजबूत हो गए हैं।
इस दौरान कल्याणपुर के पूर्व सैनिक गुलशेर खान, दिलशाद, जुल्फान, नूर हुसैन व दीन मोहम्मद ने सैनिक बहुल इस गांव में उप डाकघर खोले जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि सशस्त्र बलों से संबंधित अधिकतर काम डाकघर के माध्यम से ही होते हैं, इसलिए उनकी सुविधा के लिए गांव में उप डाकघर खोला जाना जरूरी है।