{"_id":"694850248d263d54c302c46b","slug":"if-a-minor-drives-a-vehicle-it-will-be-seized-and-the-parents-will-be-held-responsible-yamuna-nagar-news-c-246-1-sknl1023-148595-2025-12-22","type":"story","status":"publish","title_hn":"Yamuna Nagar News: नाबालिग ने वाहन चलाया तो होगा जब्त, माता-पिता होंगे जिम्मेदार","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Yamuna Nagar News: नाबालिग ने वाहन चलाया तो होगा जब्त, माता-पिता होंगे जिम्मेदार
संवाद न्यूज एजेंसी, यमुना नगर
Updated Mon, 22 Dec 2025 01:23 AM IST
विज्ञापन
शहर में एक्टिवा पर जाती किशोरियां। संवाद
विज्ञापन
संवाद न्यूज एजेंसी
यमुनानगर। जिले में नाबालिगों की ओर से वाहन चलाने के मामलों को लेकर पुलिस अब बेहद सख्त रुख अपनाने जा रही है। 18 वर्ष से कम उम्र में बिना ड्राइविंग लाइसेंस के बाइक या कार चलाने पर अब सिर्फ चालान काटकर मामला नहीं निपटाया जाएगा, बल्कि ऐसे किशोरों का वाहन मौके पर ही जब्त किया जाएगा।
इतना ही नहीं इस लापरवाही की जिम्मेदारी अब सीधे माता-पिता पर तय की जाएगी। यदि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके अभिभावकों को थाने बुलाया जाएगा। जब्त किया गया वाहन तब तक नहीं छोड़ा जाएगा, जब तक माता-पिता स्वयं उपस्थित होकर यह स्पष्ट नहीं करेंगे कि उन्होंने अपने बच्चे को वाहन क्यों दिया।
यदि पुलिस को कारण उचित नहीं लगा तो अभिभावकों की काउंसलिंग की जाएगी और उन्हें यातायात नियमों व बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त चेतावनी दी जाएगी। अब तक जिले में कम उम्र में वाहन चलाने के मामलों में पुलिस केवल चालान कर मामला निपटा देती थी, लेकिन इससे कोई खास असर नहीं पड़ रहा था।
लगातार मिल रही शिकायतों और सड़क हादसों की आशंका को देखते हुए पुलिस ने यह निर्णय लिया है। कई मामलों में नाबालिग तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाते हैं, जिससे न केवल उनकी जान खतरे में पड़ती है, बल्कि राहगीरों और अन्य वाहन चालकों की सुरक्षा भी प्रभावित होती है। यातायात पुलिस के आंकड़े भी स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं।
इस साल अक्तूबर में कम उम्र में वाहन चलाने के केवल चार चालान किए गए। नवंबर में यह संख्या महज तीन रही। यह आंकड़े वास्तविक मामलों से कहीं कम हैं, क्योंकि कई नाबालिग पुलिस को देखते ही इधर-उधर से बच निकलते हैं। दूसरा पुलिस भी इन्हें स्कूलों के विद्यार्थी समझ कर ज्यादा सख्ती नहीं करती। इसी वजह से अब स्कूलों, कॉलेजों के आसपास और प्रमुख चौराहों पर विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।
स्कूलों व कोचिंग सेंटर पर भी होगी कार्रवाई
अब ट्रैफिक पुलिस निजी स्कूलों व कोचिंग सेंटरों पर भी कार्रवाई करने जा रही है। क्योंकि स्कूलों व कोचिंग सेंटरों में सैकड़ों की संख्या में 18 साल से कम उम्र के किशोर बाइक व कार लेकर आ रहे हैं। कई किशोर तो ऐसे हैं जो बुलेंट बाइक व 150 से 250 सीसी की बाइक लेकर आ रहे हैं और सड़कों पर स्टंट भी करते हैं। इसलिए संचालकों को समझाया जाएगा कि कम उम्र में बाइक या कार लेकर आने वाले विद्यार्थियों को अपने यहां एंट्री न दें।
अभिभावकों से अपील है कि वे बच्चों की जिद या शौक के आगे कानून को नजरअंदाज न करें। नाबालिग को वाहन देना कानूनन अपराध है और दुर्घटना की स्थिति में इसकी पूरी जिम्मेदारी माता-पिता पर ही तय होगी। यह सख्ती दंड के लिए नहीं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने और लोगों की जान बचाने के उद्देश्य से की जा रही है। कम उम्र में वाहन चलाते मिले तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। - कुशलपाल राणा, थाना यातायात प्रभारी।
Trending Videos
यमुनानगर। जिले में नाबालिगों की ओर से वाहन चलाने के मामलों को लेकर पुलिस अब बेहद सख्त रुख अपनाने जा रही है। 18 वर्ष से कम उम्र में बिना ड्राइविंग लाइसेंस के बाइक या कार चलाने पर अब सिर्फ चालान काटकर मामला नहीं निपटाया जाएगा, बल्कि ऐसे किशोरों का वाहन मौके पर ही जब्त किया जाएगा।
इतना ही नहीं इस लापरवाही की जिम्मेदारी अब सीधे माता-पिता पर तय की जाएगी। यदि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके अभिभावकों को थाने बुलाया जाएगा। जब्त किया गया वाहन तब तक नहीं छोड़ा जाएगा, जब तक माता-पिता स्वयं उपस्थित होकर यह स्पष्ट नहीं करेंगे कि उन्होंने अपने बच्चे को वाहन क्यों दिया।
विज्ञापन
विज्ञापन
यदि पुलिस को कारण उचित नहीं लगा तो अभिभावकों की काउंसलिंग की जाएगी और उन्हें यातायात नियमों व बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त चेतावनी दी जाएगी। अब तक जिले में कम उम्र में वाहन चलाने के मामलों में पुलिस केवल चालान कर मामला निपटा देती थी, लेकिन इससे कोई खास असर नहीं पड़ रहा था।
लगातार मिल रही शिकायतों और सड़क हादसों की आशंका को देखते हुए पुलिस ने यह निर्णय लिया है। कई मामलों में नाबालिग तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाते हैं, जिससे न केवल उनकी जान खतरे में पड़ती है, बल्कि राहगीरों और अन्य वाहन चालकों की सुरक्षा भी प्रभावित होती है। यातायात पुलिस के आंकड़े भी स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं।
इस साल अक्तूबर में कम उम्र में वाहन चलाने के केवल चार चालान किए गए। नवंबर में यह संख्या महज तीन रही। यह आंकड़े वास्तविक मामलों से कहीं कम हैं, क्योंकि कई नाबालिग पुलिस को देखते ही इधर-उधर से बच निकलते हैं। दूसरा पुलिस भी इन्हें स्कूलों के विद्यार्थी समझ कर ज्यादा सख्ती नहीं करती। इसी वजह से अब स्कूलों, कॉलेजों के आसपास और प्रमुख चौराहों पर विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।
स्कूलों व कोचिंग सेंटर पर भी होगी कार्रवाई
अब ट्रैफिक पुलिस निजी स्कूलों व कोचिंग सेंटरों पर भी कार्रवाई करने जा रही है। क्योंकि स्कूलों व कोचिंग सेंटरों में सैकड़ों की संख्या में 18 साल से कम उम्र के किशोर बाइक व कार लेकर आ रहे हैं। कई किशोर तो ऐसे हैं जो बुलेंट बाइक व 150 से 250 सीसी की बाइक लेकर आ रहे हैं और सड़कों पर स्टंट भी करते हैं। इसलिए संचालकों को समझाया जाएगा कि कम उम्र में बाइक या कार लेकर आने वाले विद्यार्थियों को अपने यहां एंट्री न दें।
अभिभावकों से अपील है कि वे बच्चों की जिद या शौक के आगे कानून को नजरअंदाज न करें। नाबालिग को वाहन देना कानूनन अपराध है और दुर्घटना की स्थिति में इसकी पूरी जिम्मेदारी माता-पिता पर ही तय होगी। यह सख्ती दंड के लिए नहीं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने और लोगों की जान बचाने के उद्देश्य से की जा रही है। कम उम्र में वाहन चलाते मिले तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। - कुशलपाल राणा, थाना यातायात प्रभारी।

शहर में एक्टिवा पर जाती किशोरियां। संवाद