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Bilaspur News: लघट में हुई घटना के बाद महिलाओं के समर्थन में उतरे जनप्रतिनिधि
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Wed, 24 Dec 2025 11:50 PM IST
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बरमाणा थाना पहुंची महिला मंडल सदस्य व समर्थन के लिए पहुंचे जनप्रतिनिधि। स्रोत: महिला मंडल
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महिलाओं के साथ बरमाणा थाना पहुंचे पंचायत प्रधान, उप प्रधान
सदर विधायक ने भी महिलाओं का किया समर्थन
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। ग्राम पंचायत बरमाणा के लघट गांव में चिट्टा (हेरोइन) के खिलाफ पहरा दे रहीं महिलाओं पर दर्ज मामले के विरोध में बुधवार को महिलाओं के समर्थन में जनप्रतिनिधि खुलकर सामने आ गए। महिला मंडल की प्रधान पिंकी शर्मा के नेतृत्व में महिलाएं बरमाणा थाना पहुंचीं, जहां उन्हें पुलिस की ओर से बताया गया कि मामला अब न्यायालय में जाएगा। इस पर महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि वे कोर्ट तक लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और नशे के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा।
थाना परिसर में पंचायत प्रधान पूजा धीमान और उप प्रधान अवधेश भारद्वाज भी महिला मंडल के समर्थन में मौजूद रहे। हरनोड़ा बीडीसी सदस्य अशोक शर्मा ने भी महिला मंडल को समर्थन दिया है। इसके अलावा अन्य ग्रामीण भी महिलाओं के समर्थन के लिए वहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि गांव में नशे के बढ़ते खतरे के खिलाफ महिलाओं का प्रयास सराहनीय है और पंचायत उनके साथ मजबूती से खड़ी है। वहीं नगर सुधार समिति बिलासपुर के प्रधान दिनेश कुमार ने भी महिलाओं का समर्थन किया और उनके खिलाफ दर्ज मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। महिला मंडल की प्रधान पिंकी शर्मा ने कहा कि सरकार नशे के खिलाफ अभियान चला रही है, लेकिन जब महिलाएं जमीनी स्तर पर इसका विरोध कर रही हैं तो उन पर ही केस दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि थाना से उन्हें बताया गया है कि मामला कोर्ट में जाएगा, जिसके लिए वे तैयार हैं। इसके अलावा विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी महिलाओं का समर्थन किया है। बता दें कि लघट में महिला मंडल कई दिनों से चिट्टे के खिलाफ पहरा दे रहा है। इस दौरान यह घटना हुई।
इनसेट
सदर विधायक त्रिलोक जमवाल ने महिलाओं के पक्ष में बयान जारी करते हुए कहा कि लघट में महिला मंडल घातक जहर चिट्टे के खिलाफ साहस के साथ लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में महिलाओं पर मामला दर्ज होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई नारों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई और जनभागीदारी से जीती जाती है। सरकार का दायित्व है कि वह महिला मंडलों का मनोबल तोड़ने के बजाय उन्हें संरक्षण और सहयोग दें।
इनसेट
धर्मपुर नशा मुक्ति अभियान समिति ने दिया समर्थन
महिला मंडल पर दर्ज की गई एफआईआर की धर्मपुर नशा मुक्ति अभियान समिति ने निंदा की है और इसे तुरंत रद्द करने की मांग उठाई है। अभियान समिति के अध्यक्ष भूपिंदर भूप्पी, कैप्टन रमेश तपवाल, डॉ. बीना राठौर, रणताज राणा सहित अन्य ने कहा कि महिला मंडल लंबे समय से गांव और आसपास के क्षेत्रों में नशे की बढ़ती नशे की समस्या के खिलाफ जागरूकता और निगरानी कर रही थीं जिसका उद्देश्य युवाओं को नशे से दूर रखना और समाज को सुरक्षित बनाना है। जिसके लिए पुलिस और सरकार को उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए थी। उनके इस साहसिक कदम के लिए इनाम देना चाहिए था, लेकिन बड़े खेद और निंदनीय बात ये हुई कि पुलिस ने नशे की रोकथाम के लिए काम कर रही महिलाओं पर ही मामला दर्ज कर दिया।
कोट
नशे के खिलाफ महिलाओं का प्रयास सराहनीय है, लेकिन किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए। यदि कहीं संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलती है तो तुरंत पुलिस को अवगत कराएं, ताकि नियमानुसार कार्रवाई हो सके। 22 दिसंबर को यह घटना हुई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और महिलाओं के बयान दर्ज किए गए, जिसमें कहा गया था कि उन युवकों के पास कोई संदिग्ध पदार्थ नहीं मिला था, जिसके बाद नॉन रिकवरी मेमो बनाया गया। इसके बाद सन्नी महाजन निवासी पंजगाईं की ओर से महिलाओं के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कराया गया। मामले की जांच जारी है। - संदीप धवल, पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर
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सदर विधायक ने भी महिलाओं का किया समर्थन
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। ग्राम पंचायत बरमाणा के लघट गांव में चिट्टा (हेरोइन) के खिलाफ पहरा दे रहीं महिलाओं पर दर्ज मामले के विरोध में बुधवार को महिलाओं के समर्थन में जनप्रतिनिधि खुलकर सामने आ गए। महिला मंडल की प्रधान पिंकी शर्मा के नेतृत्व में महिलाएं बरमाणा थाना पहुंचीं, जहां उन्हें पुलिस की ओर से बताया गया कि मामला अब न्यायालय में जाएगा। इस पर महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि वे कोर्ट तक लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और नशे के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा।
थाना परिसर में पंचायत प्रधान पूजा धीमान और उप प्रधान अवधेश भारद्वाज भी महिला मंडल के समर्थन में मौजूद रहे। हरनोड़ा बीडीसी सदस्य अशोक शर्मा ने भी महिला मंडल को समर्थन दिया है। इसके अलावा अन्य ग्रामीण भी महिलाओं के समर्थन के लिए वहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि गांव में नशे के बढ़ते खतरे के खिलाफ महिलाओं का प्रयास सराहनीय है और पंचायत उनके साथ मजबूती से खड़ी है। वहीं नगर सुधार समिति बिलासपुर के प्रधान दिनेश कुमार ने भी महिलाओं का समर्थन किया और उनके खिलाफ दर्ज मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। महिला मंडल की प्रधान पिंकी शर्मा ने कहा कि सरकार नशे के खिलाफ अभियान चला रही है, लेकिन जब महिलाएं जमीनी स्तर पर इसका विरोध कर रही हैं तो उन पर ही केस दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि थाना से उन्हें बताया गया है कि मामला कोर्ट में जाएगा, जिसके लिए वे तैयार हैं। इसके अलावा विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी महिलाओं का समर्थन किया है। बता दें कि लघट में महिला मंडल कई दिनों से चिट्टे के खिलाफ पहरा दे रहा है। इस दौरान यह घटना हुई।
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सदर विधायक त्रिलोक जमवाल ने महिलाओं के पक्ष में बयान जारी करते हुए कहा कि लघट में महिला मंडल घातक जहर चिट्टे के खिलाफ साहस के साथ लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में महिलाओं पर मामला दर्ज होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई नारों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई और जनभागीदारी से जीती जाती है। सरकार का दायित्व है कि वह महिला मंडलों का मनोबल तोड़ने के बजाय उन्हें संरक्षण और सहयोग दें।
इनसेट
धर्मपुर नशा मुक्ति अभियान समिति ने दिया समर्थन
महिला मंडल पर दर्ज की गई एफआईआर की धर्मपुर नशा मुक्ति अभियान समिति ने निंदा की है और इसे तुरंत रद्द करने की मांग उठाई है। अभियान समिति के अध्यक्ष भूपिंदर भूप्पी, कैप्टन रमेश तपवाल, डॉ. बीना राठौर, रणताज राणा सहित अन्य ने कहा कि महिला मंडल लंबे समय से गांव और आसपास के क्षेत्रों में नशे की बढ़ती नशे की समस्या के खिलाफ जागरूकता और निगरानी कर रही थीं जिसका उद्देश्य युवाओं को नशे से दूर रखना और समाज को सुरक्षित बनाना है। जिसके लिए पुलिस और सरकार को उन्हें सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए थी। उनके इस साहसिक कदम के लिए इनाम देना चाहिए था, लेकिन बड़े खेद और निंदनीय बात ये हुई कि पुलिस ने नशे की रोकथाम के लिए काम कर रही महिलाओं पर ही मामला दर्ज कर दिया।
कोट
नशे के खिलाफ महिलाओं का प्रयास सराहनीय है, लेकिन किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए। यदि कहीं संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलती है तो तुरंत पुलिस को अवगत कराएं, ताकि नियमानुसार कार्रवाई हो सके। 22 दिसंबर को यह घटना हुई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और महिलाओं के बयान दर्ज किए गए, जिसमें कहा गया था कि उन युवकों के पास कोई संदिग्ध पदार्थ नहीं मिला था, जिसके बाद नॉन रिकवरी मेमो बनाया गया। इसके बाद सन्नी महाजन निवासी पंजगाईं की ओर से महिलाओं के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कराया गया। मामले की जांच जारी है। - संदीप धवल, पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर