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Bilaspur News: भाखड़ा विस्थापित ने 25 फरवरी को निकालेंगे रैली
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Tue, 16 Dec 2025 11:46 PM IST
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भाखड़ा विस्थापितों की बैठक में मौजूद पदाधिकारी और अन्य। स्रोत: विस्थापित
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कोटधार क्षेत्र के गाह-घोड़ी में हुई बैठक में अहम मुद्दों पर की चर्चा
रैली के बाद मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपने का लिया निर्णय
-कहा, विस्थापितों को उनके कब्जे वाली भूमि का दिया जाए मालिकाना हक
संवाद न्यूज एजेंसी
झंडूता(बिलासपुर)। जिला ग्रामीण भाखड़ा विस्थापित सुधार समिति की बैठक कोटधार क्षेत्र के गाह-घोड़ी में जिला उपाध्यक्ष बलदेव ठाकुर की अध्यक्षता में हुई, जिसमें भाखड़ा विस्थापित ग्रामीणों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि भाखड़ा विस्थापित 25 फरवरी को रैली निकालेंगे और अपनी मांगों से संबंधित मांग पत्र मुख्यमंत्री को प्रेषित करेंगे। यदि इसके बाद भी विस्थापितों की दीर्घकालिक समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो भविष्य की रणनीति तैयार कर निर्णायक संघर्ष शुरू किया जाएगा। बैठक को संबोधित करते हुए बलदेव ठाकुर ने कहा कि भाखड़ा परियोजना को बने 65 वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज भी अनेक विस्थापितों को भूखंड नहीं मिल पाए हैं। उन्होंने बताया कि उस समय अशिक्षा के कारण कई विस्थापितों ने मजबूरी में एक स्थान पर अपने घर बना लिए, जबकि उन्हें भूमि कहीं और आवंटित की गई थी। इससे आज वे दोबारा विस्थापन के खतरे का सामना कर रहे हैं। मांग की कि भाखड़ा विस्थापित बहुल क्षेत्रों में मिनी बंदोबस्त करवाकर विस्थापितों को उनके कब्जे वाली भूमि का मालिकाना हक दिया जाए। साथ ही कटे हुए बिजली और पानी के कनेक्शन बहाल किए जाएं तथा गोविंद सागर झील से सिंचाई व पेयजल की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।
अन्य प्रमुख मांगों में विस्थापितों व प्रभावितों के वारिसों को बीबीएमबी में नौकरी देने का प्रावधान, प्रदेश सरकार को रॉयल्टी के रूप में मिलने वाले 7.19 प्रतिशत हिस्से का 25 प्रतिशत भाखड़ा विस्थापितों की मूलभूत सुविधाओं पर खर्च करने, जिन विस्थापितों को अब तक प्लाट नहीं मिले हैं उन्हें प्लाट देने, गोविंद सागर झील पर ज्योरीपत्तन, बुखर-कोसरियां, बैरी-दड़ोलां और डेहण-नारल में पुलों का निर्माण, भूमिहीन विस्थापितों को भूमि उपलब्ध कराने, मछुआरों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाने तथा बिलासपुर जिले को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग शामिल रही। इसके अलावा भाखड़ा विस्थापितों को पौंग विस्थापितों की तर्ज पर सभी सुविधाएं देने की भी मांग की गई। बैठक में मलरांव पंचायत के प्रधान ओंकार सिंह, वार्ड सदस्य मनोज कुमार, सुखदेव सिंह, श्री राम चौधरी, पूर्व जिप सदस्य वीना देवी, राज कुमार, मलरांव समिति के अध्यक्ष हाकम सिंह, द्रौपदी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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रैली के बाद मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपने का लिया निर्णय
-कहा, विस्थापितों को उनके कब्जे वाली भूमि का दिया जाए मालिकाना हक
संवाद न्यूज एजेंसी
झंडूता(बिलासपुर)। जिला ग्रामीण भाखड़ा विस्थापित सुधार समिति की बैठक कोटधार क्षेत्र के गाह-घोड़ी में जिला उपाध्यक्ष बलदेव ठाकुर की अध्यक्षता में हुई, जिसमें भाखड़ा विस्थापित ग्रामीणों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि भाखड़ा विस्थापित 25 फरवरी को रैली निकालेंगे और अपनी मांगों से संबंधित मांग पत्र मुख्यमंत्री को प्रेषित करेंगे। यदि इसके बाद भी विस्थापितों की दीर्घकालिक समस्याओं का समाधान नहीं होता है, तो भविष्य की रणनीति तैयार कर निर्णायक संघर्ष शुरू किया जाएगा। बैठक को संबोधित करते हुए बलदेव ठाकुर ने कहा कि भाखड़ा परियोजना को बने 65 वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज भी अनेक विस्थापितों को भूखंड नहीं मिल पाए हैं। उन्होंने बताया कि उस समय अशिक्षा के कारण कई विस्थापितों ने मजबूरी में एक स्थान पर अपने घर बना लिए, जबकि उन्हें भूमि कहीं और आवंटित की गई थी। इससे आज वे दोबारा विस्थापन के खतरे का सामना कर रहे हैं। मांग की कि भाखड़ा विस्थापित बहुल क्षेत्रों में मिनी बंदोबस्त करवाकर विस्थापितों को उनके कब्जे वाली भूमि का मालिकाना हक दिया जाए। साथ ही कटे हुए बिजली और पानी के कनेक्शन बहाल किए जाएं तथा गोविंद सागर झील से सिंचाई व पेयजल की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।
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अन्य प्रमुख मांगों में विस्थापितों व प्रभावितों के वारिसों को बीबीएमबी में नौकरी देने का प्रावधान, प्रदेश सरकार को रॉयल्टी के रूप में मिलने वाले 7.19 प्रतिशत हिस्से का 25 प्रतिशत भाखड़ा विस्थापितों की मूलभूत सुविधाओं पर खर्च करने, जिन विस्थापितों को अब तक प्लाट नहीं मिले हैं उन्हें प्लाट देने, गोविंद सागर झील पर ज्योरीपत्तन, बुखर-कोसरियां, बैरी-दड़ोलां और डेहण-नारल में पुलों का निर्माण, भूमिहीन विस्थापितों को भूमि उपलब्ध कराने, मछुआरों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाने तथा बिलासपुर जिले को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग शामिल रही। इसके अलावा भाखड़ा विस्थापितों को पौंग विस्थापितों की तर्ज पर सभी सुविधाएं देने की भी मांग की गई। बैठक में मलरांव पंचायत के प्रधान ओंकार सिंह, वार्ड सदस्य मनोज कुमार, सुखदेव सिंह, श्री राम चौधरी, पूर्व जिप सदस्य वीना देवी, राज कुमार, मलरांव समिति के अध्यक्ष हाकम सिंह, द्रौपदी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।