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Bilaspur News: पेयजल योजना चलाने वाले कर्मचारी आर्थिक तंगी में
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Sun, 16 Nov 2025 11:50 PM IST
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चंगर उठाऊ सिंचाई योजना के कर्मचारियों ने जताया रोष
-बोले चार दिन में नहीं मिला पैसा तो योजना को कर देंगे बंद
संवाद न्यूज एजेंसी
श्री नयना देवी जी(बिलासपुर)। श्री नयना देवी जी की महत्वपूर्ण चंगर उठाऊ सिंचाई योजना पर ठेकेदार के माध्यम से रखे गए कर्मचारी अपनी सैलरी के लिए तरस रहे हैं। कई बार योजना को कर्मचारियों ने बंद किया, अधिकारियों, नेताओं के समक्ष अपना पक्ष रखा, लेकिन कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इन कर्मचारियों का करीब 30 लाख रुपये वेतन के रूप में फंसा हुआ है।
इस योजना पर पहले 32 कर्मचारी कार्यरत थे, लेकिन पैसा समय पर न मिलने के कारण अब 23 कर्मचारी रह गए हैं। करीब डेढ़ साल से कर्मचारियों को पैसा नहीं मिल रहा है। 2011 में 108 करोड़ रुपये की लागत से यह योजना तैयार हुई थी। यहां से 28 गांव की करीब 1600 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। साथ ही इसी योजना से कोट तक पानी पहुंचाया जाता है, जहां से पानी लिफ्ट कर नगर परिषद श्री नयना देवी जी सहित छह पंचायतों को पेयजल वितरित किया जाता है। कर्मचारियों का कहना है कि विभाग और ठेकेदार दोनों की उदासीनता के चलते उन्होंने मजबूर होकर कई बार स्कीम बंद की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अधिकारी हर बार आश्वासन देते हैं, लेकिन पैसा नहीं मिल रहा। कर्मचारियों में अजय कुमार, विजय कुमार, देवेंद्र, कुलवंत, शशिपाल, गुरुदेव, बलबीर, राकेश और अन्य ने बताया कि वे लगातार ठेकेदार से वेतन जारी करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने इस संबंध में कई बार कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता उपमंडल बस्सी को भी सूचित किया लेकिन विभाग ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र समाधान नहीं निकला तो वे अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी ठेकेदार और विभाग की होगी। उन्होंने बताया कि बुधवार को उन्हें वार्ता के लिए बुलाया है, यदि कोई हल नहीं निकला तो योजना बंद कर दी जाएगी।
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संवाद न्यूज एजेंसी
श्री नयना देवी जी(बिलासपुर)। श्री नयना देवी जी की महत्वपूर्ण चंगर उठाऊ सिंचाई योजना पर ठेकेदार के माध्यम से रखे गए कर्मचारी अपनी सैलरी के लिए तरस रहे हैं। कई बार योजना को कर्मचारियों ने बंद किया, अधिकारियों, नेताओं के समक्ष अपना पक्ष रखा, लेकिन कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इन कर्मचारियों का करीब 30 लाख रुपये वेतन के रूप में फंसा हुआ है।
इस योजना पर पहले 32 कर्मचारी कार्यरत थे, लेकिन पैसा समय पर न मिलने के कारण अब 23 कर्मचारी रह गए हैं। करीब डेढ़ साल से कर्मचारियों को पैसा नहीं मिल रहा है। 2011 में 108 करोड़ रुपये की लागत से यह योजना तैयार हुई थी। यहां से 28 गांव की करीब 1600 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। साथ ही इसी योजना से कोट तक पानी पहुंचाया जाता है, जहां से पानी लिफ्ट कर नगर परिषद श्री नयना देवी जी सहित छह पंचायतों को पेयजल वितरित किया जाता है। कर्मचारियों का कहना है कि विभाग और ठेकेदार दोनों की उदासीनता के चलते उन्होंने मजबूर होकर कई बार स्कीम बंद की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अधिकारी हर बार आश्वासन देते हैं, लेकिन पैसा नहीं मिल रहा। कर्मचारियों में अजय कुमार, विजय कुमार, देवेंद्र, कुलवंत, शशिपाल, गुरुदेव, बलबीर, राकेश और अन्य ने बताया कि वे लगातार ठेकेदार से वेतन जारी करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने इस संबंध में कई बार कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता उपमंडल बस्सी को भी सूचित किया लेकिन विभाग ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र समाधान नहीं निकला तो वे अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी ठेकेदार और विभाग की होगी। उन्होंने बताया कि बुधवार को उन्हें वार्ता के लिए बुलाया है, यदि कोई हल नहीं निकला तो योजना बंद कर दी जाएगी।
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