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कांग्रेस में जिलाध्यक्ष की जंग : नयना देवी-सदर में गुटबाजी चरम पर
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पर्यवेक्षक ने टटोली सदर, नयना देवी के कार्यकर्ताओं की नब्ज
सदर में सबसे ज्यादा दावेदार व गुटबाजी, कांग्रेस भवन बना जंग का मैदान
श्री नयना देवी में भी गुटबाजी के चलते अब आसान नहीं पूर्व मंत्री के बेटे की राह
झंडूता के कार्यकर्ताओं ने अभियान के दौरान दिया एकजुटता, शालीनता, अनुशासन का संदेश
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत जिले के सदर, नयना देवी में कांग्रेस की गुटबाजी जमकर सामने आई। वीरवार को जहां श्री नयना देवी और सदर क्षेत्र में गुटबाजी खुलकर सामने आई, वहीं बुधवार को झंडूता कांग्रेस ने एकजुटता, शालीनता का ऐसा नमूना पेश किया है कि हाईकमान को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अभी तक जिले से अध्यक्ष पद के लिए 14 ने आवेदन किया है।
वीरवार को श्री नयना देवी विधानसभा क्षेत्र में पर्यवेक्षक हिना कावरे कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने पहुंची, लेकिन मौके पर जो गुटबाजी सामने आई उसने साफ कर दिया कि पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर के बेटे विकास ठाकुर के लिए बड़ी चुनौती है। पहले विकास ठाकुर और अधिवक्ता सरपाल ठाकुर नयना देवी जी से जिला अध्यक्ष पद की दौड़ में थे, लेकिन जैसे ही हिना कावरे स्वारघाट पहुंचीं, अनिल ठाकुर उर्फ लक्की ठाकुर ने 300 से ज्यादा समर्थकों के साथ जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया। सबसे बड़ा ट्विस्ट यह है कि अनिल ठाकुर और सरपाल ठाकुर अब एक साथ दिख रहे हैं। दोनों ने गठजोड़ कर विकास ठाकुर को बैकफुट पर धकेलने की योजना बनाई है। कार्यक्रम में एंट्री को लेकर पहले अनिल ठाकुर के समर्थकों को रोका गया तो हंगामा हो गया। नारेबाजी और धक्का-मुक्की हुई। आखिरकार अनिल को अंदर बुलाया गया। इसके बाद तीनों दावेदारों ने हिना कावरे के सामने अपनी-अपनी उपलब्धियां गिनाईं, लेकिन बाहर सड़क पर जो मैसेज गया, वो साफ था कि अब विस क्षेत्र से अध्यक्ष पद के लिए दो बनाम एक की लड़ाई है।
वीरवार शाम को बिलासपुर सदर पहुंचते ही माहौल और गर्म हो गया। सदर में दावेदारों की भरमार है। बंबर ठाकुर, गौरव शर्मा, जितेंद्र चंदेल, आशीष ठाकुर सहित सभी दावेदारों ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस भवन को जंग का मैदान बना दिया। बंबर ठाकुर के समर्थकों ने सबसे जोरदार नारेबाजी की, बाकी भी पीछे नहीं रहे। सदर में गुटबाजी इतनी खुली कि हिना कावरे के सामने भी कार्यकर्ता संयम नहीं रख पाए। इसी के उलट बुधवार को झंडूता में जो नजारा था, वो बिल्कुल अलग था। वहां विवेक कुमार और वरिष्ठ नेता वीरू राम किशोर समेत सारे कार्यकर्ता एक मंच पर दिखे। कोई नारेबाजी नहीं, कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं, बस शालीनता और एकजुटता। झंडूता ने साफ संदेश दे दिया कि अगर जिलाध्यक्ष कोई विवाद-मुक्त, स्वच्छ छवि वाला और संगठन को एकजुट रखने वाला चेहरा चाहिए, तो हम तैयार हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हिना कावरे की रिपोर्ट में झंडूता की एकजुटता को खास तवज्जो मिल सकती है क्योंकि सदर और नयना देवी में जो गुटबाजी सामने आई है, उससे हाईकमान को डर है कि नया जिलाध्यक्ष अगर इनमें से किसी गुट का हुआ तो पार्टी 2027 से पहले ही दो टुकड़ों में बंट जाएगी।
इनसेट
जातीय समीकरण भी हैं अहम
बिलासपुर में ठाकुर, ब्राह्मण, एससी, ओबीसी वोट का बैलेंस बनाना जरूरी है। भाजपा ने जिला स्तर पर मजबूत संगठन खड़ा कर लिया है, ऐसे में कांग्रेस कोई रिस्क नहीं लेना चाहेगी। यही वजह है कि अब कयास ये लग रहे हैं कि जिलाध्यक्ष का नाम सदर या नयना देवी के इन बड़े दावेदारों में से नहीं, बल्कि झंडूता या घुमारवीं जैसे क्षेत्र से कोई सरप्राइज चेहरा हो सकता है। सूत्र बता रहे हैं कि हिना कावरे ने अपनी रिपोर्ट में कुछ नामों को हाईलाइट किया है जो अब तक रेस में पीछे माने जा रहे थे।
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श्री नयना देवी में भी गुटबाजी के चलते अब आसान नहीं पूर्व मंत्री के बेटे की राह
झंडूता के कार्यकर्ताओं ने अभियान के दौरान दिया एकजुटता, शालीनता, अनुशासन का संदेश
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत जिले के सदर, नयना देवी में कांग्रेस की गुटबाजी जमकर सामने आई। वीरवार को जहां श्री नयना देवी और सदर क्षेत्र में गुटबाजी खुलकर सामने आई, वहीं बुधवार को झंडूता कांग्रेस ने एकजुटता, शालीनता का ऐसा नमूना पेश किया है कि हाईकमान को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अभी तक जिले से अध्यक्ष पद के लिए 14 ने आवेदन किया है।
वीरवार को श्री नयना देवी विधानसभा क्षेत्र में पर्यवेक्षक हिना कावरे कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने पहुंची, लेकिन मौके पर जो गुटबाजी सामने आई उसने साफ कर दिया कि पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर के बेटे विकास ठाकुर के लिए बड़ी चुनौती है। पहले विकास ठाकुर और अधिवक्ता सरपाल ठाकुर नयना देवी जी से जिला अध्यक्ष पद की दौड़ में थे, लेकिन जैसे ही हिना कावरे स्वारघाट पहुंचीं, अनिल ठाकुर उर्फ लक्की ठाकुर ने 300 से ज्यादा समर्थकों के साथ जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया। सबसे बड़ा ट्विस्ट यह है कि अनिल ठाकुर और सरपाल ठाकुर अब एक साथ दिख रहे हैं। दोनों ने गठजोड़ कर विकास ठाकुर को बैकफुट पर धकेलने की योजना बनाई है। कार्यक्रम में एंट्री को लेकर पहले अनिल ठाकुर के समर्थकों को रोका गया तो हंगामा हो गया। नारेबाजी और धक्का-मुक्की हुई। आखिरकार अनिल को अंदर बुलाया गया। इसके बाद तीनों दावेदारों ने हिना कावरे के सामने अपनी-अपनी उपलब्धियां गिनाईं, लेकिन बाहर सड़क पर जो मैसेज गया, वो साफ था कि अब विस क्षेत्र से अध्यक्ष पद के लिए दो बनाम एक की लड़ाई है।
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वीरवार शाम को बिलासपुर सदर पहुंचते ही माहौल और गर्म हो गया। सदर में दावेदारों की भरमार है। बंबर ठाकुर, गौरव शर्मा, जितेंद्र चंदेल, आशीष ठाकुर सहित सभी दावेदारों ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस भवन को जंग का मैदान बना दिया। बंबर ठाकुर के समर्थकों ने सबसे जोरदार नारेबाजी की, बाकी भी पीछे नहीं रहे। सदर में गुटबाजी इतनी खुली कि हिना कावरे के सामने भी कार्यकर्ता संयम नहीं रख पाए। इसी के उलट बुधवार को झंडूता में जो नजारा था, वो बिल्कुल अलग था। वहां विवेक कुमार और वरिष्ठ नेता वीरू राम किशोर समेत सारे कार्यकर्ता एक मंच पर दिखे। कोई नारेबाजी नहीं, कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं, बस शालीनता और एकजुटता। झंडूता ने साफ संदेश दे दिया कि अगर जिलाध्यक्ष कोई विवाद-मुक्त, स्वच्छ छवि वाला और संगठन को एकजुट रखने वाला चेहरा चाहिए, तो हम तैयार हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हिना कावरे की रिपोर्ट में झंडूता की एकजुटता को खास तवज्जो मिल सकती है क्योंकि सदर और नयना देवी में जो गुटबाजी सामने आई है, उससे हाईकमान को डर है कि नया जिलाध्यक्ष अगर इनमें से किसी गुट का हुआ तो पार्टी 2027 से पहले ही दो टुकड़ों में बंट जाएगी।
इनसेट
जातीय समीकरण भी हैं अहम
बिलासपुर में ठाकुर, ब्राह्मण, एससी, ओबीसी वोट का बैलेंस बनाना जरूरी है। भाजपा ने जिला स्तर पर मजबूत संगठन खड़ा कर लिया है, ऐसे में कांग्रेस कोई रिस्क नहीं लेना चाहेगी। यही वजह है कि अब कयास ये लग रहे हैं कि जिलाध्यक्ष का नाम सदर या नयना देवी के इन बड़े दावेदारों में से नहीं, बल्कि झंडूता या घुमारवीं जैसे क्षेत्र से कोई सरप्राइज चेहरा हो सकता है। सूत्र बता रहे हैं कि हिना कावरे ने अपनी रिपोर्ट में कुछ नामों को हाईलाइट किया है जो अब तक रेस में पीछे माने जा रहे थे।