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Bilaspur News: सुबह-शाम बसों में ओवरलोडिंग से हादसों का खतरा, यात्री खड़े होकर सफर करने को मजबूर
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अभियान : बे-बस जिंदगी भाग-6
स्कूली समय में सबसे ज्यादा अव्यवस्था, यात्रियों की सुरक्षा पर संकट
- बसों की कमी से बढ़ी समस्या, कई रूटों पर रोजाना यात्रियों की भारी भीड़
संवाद न्यूज एजेंसी
भराड़ी (बिलासपुर)। जिले में बसों में ओवरलोडिंग की समस्या गंभीर होती जा रही है। कई रूटों पर रोज सुबह-शाम, विशेषकर स्कूली समय के दौरान सरकारी और निजी बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाया जा रहा है। हालात इतने बदतर हैं कि कई बसों में विद्यार्थी खड़े होकर सफर करने को मजबूर हैं।
ओवरलोडिंग की स्थिति में किसी भी समय बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है, इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि जिले के कई प्रमुख रूटों पर बसों की संख्या मांग के मुकाबले काफी कम है। घुमारवीं, भराड़ी, डंगार, लदरौर, कुठेड़ा, बरठीं, शातलाई, फोरलेन सहित दर्जनों रूटों पर रोजाना यात्री खड़े होकर सफर कर रहे हैं। खासकर सुबह स्कूल व कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने से बसें अपनी क्षमता से दोगुना तक भर ओवरलोड की जा रही हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों को परेशानी हो रही है बल्कि बसों पर अतिरिक्त बोझ पड़ने से हादसे का खतरा भी कई गुना बढ़ रहा है। बंदला बस हादसा, राहियां बस हादसा लोगों की यादों में ताजा हैं। इन घटनाओं में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। बावजूद इसके ओवरलोडिंग पर रोक लगाने के लिए न तो सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और न ही परिवहन विभाग कोई प्रभावी कार्रवाई कर रहा है। कई बस संचालक अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए यात्रियों को क्षमता से अधिक भरते हैं। हैरानी की बात यह है कि शिकायतों के बावजूद विभागीय स्तर पर कड़े कदम नहीं उठाए जा रहे।
ओवरलोडिंग वाले रूटों पर अतिरिक्त बसें चलाने की मांग
स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की ओर से लंबे समय से मांग उठ रही है कि जिन रूटों पर हमेशा ओवरलोडिंग रहती है, वहां अतिरिक्त बसें चलाई जाएं। घुमारवीं–लंझता, घुमारवीं–मोरसिंघी, घुमारवीं–करलोटी और घुमारवीं–हरलोग जैसे रूटों पर अकसर भारी भीड़ रहती है। इन रूटों पर एक या दो अतिरिक्त बसें लगाने से हजारों यात्रियों को राहत मिल सकती है। खासकर विद्यार्थियों को सुरक्षित और समय पर स्कूल पहुंचने में आसानी होगी।
घुमारवीं-बिलासपुर बस अड्डे पर दरवाजे खुले रख चल रहीं बसें
घुमारवीं और बिलासपुर बस अड्डे पर तो अकसर बसों के कंडक्टर दरवाजे खुले रखकर ही बसें चलाते दिख जाते हैं। इससे पैदल चलने वाले लोगों के लिए भी खतरा बढ़ जाता है। बसों के दरवाजे खुले रखना नियमों के खिलाफ है और इससे संतुलन बिगड़ने पर गंभीर हादसे हो सकते हैं। कुछ बसों में दरवाजे इस तरह संशोधित किए गए हैं, जो कानूनी तौर पर मान्य नहीं हैं। यह सिर्फ नियमों की अनदेखी नहीं है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी है।
ओवरलोडिंग रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई
ओवरलोडिंग रोकने के लिए समय-समय पर चालान किए जाते हैं। साथ ही बस चालकों और परिचालकों को जागरूक भी किया जा रहा है। शीघ्र ही अभियान चलाकर नियमों की अवहेलना पर शिकंजा कसा जाएगा।
राजेश कौशल, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, बिलासपुर
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स्कूली समय में सबसे ज्यादा अव्यवस्था, यात्रियों की सुरक्षा पर संकट
- बसों की कमी से बढ़ी समस्या, कई रूटों पर रोजाना यात्रियों की भारी भीड़
संवाद न्यूज एजेंसी
भराड़ी (बिलासपुर)। जिले में बसों में ओवरलोडिंग की समस्या गंभीर होती जा रही है। कई रूटों पर रोज सुबह-शाम, विशेषकर स्कूली समय के दौरान सरकारी और निजी बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाया जा रहा है। हालात इतने बदतर हैं कि कई बसों में विद्यार्थी खड़े होकर सफर करने को मजबूर हैं।
ओवरलोडिंग की स्थिति में किसी भी समय बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है, इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि जिले के कई प्रमुख रूटों पर बसों की संख्या मांग के मुकाबले काफी कम है। घुमारवीं, भराड़ी, डंगार, लदरौर, कुठेड़ा, बरठीं, शातलाई, फोरलेन सहित दर्जनों रूटों पर रोजाना यात्री खड़े होकर सफर कर रहे हैं। खासकर सुबह स्कूल व कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने से बसें अपनी क्षमता से दोगुना तक भर ओवरलोड की जा रही हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों को परेशानी हो रही है बल्कि बसों पर अतिरिक्त बोझ पड़ने से हादसे का खतरा भी कई गुना बढ़ रहा है। बंदला बस हादसा, राहियां बस हादसा लोगों की यादों में ताजा हैं। इन घटनाओं में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। बावजूद इसके ओवरलोडिंग पर रोक लगाने के लिए न तो सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और न ही परिवहन विभाग कोई प्रभावी कार्रवाई कर रहा है। कई बस संचालक अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए यात्रियों को क्षमता से अधिक भरते हैं। हैरानी की बात यह है कि शिकायतों के बावजूद विभागीय स्तर पर कड़े कदम नहीं उठाए जा रहे।
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ओवरलोडिंग वाले रूटों पर अतिरिक्त बसें चलाने की मांग
स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की ओर से लंबे समय से मांग उठ रही है कि जिन रूटों पर हमेशा ओवरलोडिंग रहती है, वहां अतिरिक्त बसें चलाई जाएं। घुमारवीं–लंझता, घुमारवीं–मोरसिंघी, घुमारवीं–करलोटी और घुमारवीं–हरलोग जैसे रूटों पर अकसर भारी भीड़ रहती है। इन रूटों पर एक या दो अतिरिक्त बसें लगाने से हजारों यात्रियों को राहत मिल सकती है। खासकर विद्यार्थियों को सुरक्षित और समय पर स्कूल पहुंचने में आसानी होगी।
घुमारवीं-बिलासपुर बस अड्डे पर दरवाजे खुले रख चल रहीं बसें
घुमारवीं और बिलासपुर बस अड्डे पर तो अकसर बसों के कंडक्टर दरवाजे खुले रखकर ही बसें चलाते दिख जाते हैं। इससे पैदल चलने वाले लोगों के लिए भी खतरा बढ़ जाता है। बसों के दरवाजे खुले रखना नियमों के खिलाफ है और इससे संतुलन बिगड़ने पर गंभीर हादसे हो सकते हैं। कुछ बसों में दरवाजे इस तरह संशोधित किए गए हैं, जो कानूनी तौर पर मान्य नहीं हैं। यह सिर्फ नियमों की अनदेखी नहीं है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी है।
ओवरलोडिंग रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई
ओवरलोडिंग रोकने के लिए समय-समय पर चालान किए जाते हैं। साथ ही बस चालकों और परिचालकों को जागरूक भी किया जा रहा है। शीघ्र ही अभियान चलाकर नियमों की अवहेलना पर शिकंजा कसा जाएगा।
राजेश कौशल, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, बिलासपुर