{"_id":"69382bbdd484a32d5d0bc6c3","slug":"triple-riding-on-bike-bilaspur-news-c-92-1-ssml1003-149860-2025-12-09","type":"story","status":"publish","title_hn":"Bilaspur News: ट्रिपल राइडिंग बना बड़ा खतरा, सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Bilaspur News: ट्रिपल राइडिंग बना बड़ा खतरा, सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल
विज्ञापन
घुमारवीं में ट्रिपल राइडिंग। संवाद
विज्ञापन
यातायात नियमों की खुलेआम उड़ाई जा रहीं धज्जियां
अभियानों का असर संस्थानों की चारदीवारी से बाहर खत्म
संवाद न्यूज एजेंसी
घुमारवीं (बिलासपुर)। घुमारवीं शहर और आसपास के क्षेत्रों में यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि ट्रिपल राइडिंग आम दृश्य बन चुका है। स्कूल व कॉलेज के छात्र बिना किसी भय के दोपहिया वाहनों पर तीन-चार सवार होकर सड़कों पर तेज रफ्तार जाते हुए देते हैं। इस लापरवाही ने न केवल आम जनता की सुरक्षा को जोखिम में डाल दिया है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी कई गुना बढ़ा दिया है।
नाबालिग चालक बिना हेलमेट, बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाहन चला रहे हैं और इस बात का उन्हें कोई डर नहीं दिख रहा कि इससे न केवल उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है बल्कि उनकी और अन्य लोगों की जान भी जोखिम में पड़ सकती है। कई छात्र हेलमेट इसलिए नहीं पहनते क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनका हेयर स्टाइल खराब हो जाएगा। वहीं ट्रिपल राइडिंग मानो इनके लिए किसी विशेष अनुमति की तरह बन गई है, जबकि यह नियमों के तहत स्पष्ट रूप से दंडनीय अपराध है। दोपहिया वाहनों के साथ-साथ निजी बस और अन्य वाहन चालक भी नियम तोड़ने में पीछे नहीं हैं। चलती बस में मोबाइल पर बात करना, तेज गति से गलत ओवरटेक, यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ ये सब आम बातें हो चुकी हैं। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि क्या क्षेत्र में पुलिस का खौफ समाप्त हो गया है। यातायात का लगातार बढ़ता दबाव पुलिस के सामने चुनौती जरूर है, लेकिन नियमों की अनदेखी का यह स्तर चिंताजनक है। सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान पुलिस की ओर से स्कूलों, कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम जरूर चलाए जाते हैं, लेकिन इन अभियानों का असर संस्थानों की चारदीवारी से बाहर निकलते ही खत्म होता दिख रहा है। इससे भी अधिक खेद की बात यह है कि अभिभावक स्वयं अपने बच्चों को रोकने–टोकने में असफल साबित हो रहे हैं। जबकि सभी जानते हैं कि तीन–चार छात्रों का एक बाइक पर बैठकर नियम तोड़ना किस कदर खतरनाक है। पुलिस के डर से कुछ युवक शहर के प्रमुख चौक-चौराहों से गुजरते समय एक सवारी उतार देते हैं, लेकिन आगे निकलते ही फिर से ट्रिपल राइडिंग शुरू हो जाती है। यह दोहरी मानसिकता न केवल कानून के प्रति लापरवाही दर्शाती है बल्कि दुर्घटनाओं को निमंत्रण भी देती है।
कोट
यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके लिए जल्द ही नाके लगाए जाएंगे। उम्मीद है कि सख्ती और जागरूकता से क्षेत्र में ट्रिपल राइडिंग और अन्य यातायात नियमों की उल्लंघना पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा। लोगों से अपील है कि अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने के लिए न दें और यातायात नियमों का पालन करते हुए पुलिस का सहयोग करें।
-विशाल वर्मा, डीएसपी, घुमारवीं
Trending Videos
अभियानों का असर संस्थानों की चारदीवारी से बाहर खत्म
संवाद न्यूज एजेंसी
घुमारवीं (बिलासपुर)। घुमारवीं शहर और आसपास के क्षेत्रों में यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि ट्रिपल राइडिंग आम दृश्य बन चुका है। स्कूल व कॉलेज के छात्र बिना किसी भय के दोपहिया वाहनों पर तीन-चार सवार होकर सड़कों पर तेज रफ्तार जाते हुए देते हैं। इस लापरवाही ने न केवल आम जनता की सुरक्षा को जोखिम में डाल दिया है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी कई गुना बढ़ा दिया है।
नाबालिग चालक बिना हेलमेट, बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाहन चला रहे हैं और इस बात का उन्हें कोई डर नहीं दिख रहा कि इससे न केवल उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है बल्कि उनकी और अन्य लोगों की जान भी जोखिम में पड़ सकती है। कई छात्र हेलमेट इसलिए नहीं पहनते क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनका हेयर स्टाइल खराब हो जाएगा। वहीं ट्रिपल राइडिंग मानो इनके लिए किसी विशेष अनुमति की तरह बन गई है, जबकि यह नियमों के तहत स्पष्ट रूप से दंडनीय अपराध है। दोपहिया वाहनों के साथ-साथ निजी बस और अन्य वाहन चालक भी नियम तोड़ने में पीछे नहीं हैं। चलती बस में मोबाइल पर बात करना, तेज गति से गलत ओवरटेक, यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ ये सब आम बातें हो चुकी हैं। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि क्या क्षेत्र में पुलिस का खौफ समाप्त हो गया है। यातायात का लगातार बढ़ता दबाव पुलिस के सामने चुनौती जरूर है, लेकिन नियमों की अनदेखी का यह स्तर चिंताजनक है। सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान पुलिस की ओर से स्कूलों, कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम जरूर चलाए जाते हैं, लेकिन इन अभियानों का असर संस्थानों की चारदीवारी से बाहर निकलते ही खत्म होता दिख रहा है। इससे भी अधिक खेद की बात यह है कि अभिभावक स्वयं अपने बच्चों को रोकने–टोकने में असफल साबित हो रहे हैं। जबकि सभी जानते हैं कि तीन–चार छात्रों का एक बाइक पर बैठकर नियम तोड़ना किस कदर खतरनाक है। पुलिस के डर से कुछ युवक शहर के प्रमुख चौक-चौराहों से गुजरते समय एक सवारी उतार देते हैं, लेकिन आगे निकलते ही फिर से ट्रिपल राइडिंग शुरू हो जाती है। यह दोहरी मानसिकता न केवल कानून के प्रति लापरवाही दर्शाती है बल्कि दुर्घटनाओं को निमंत्रण भी देती है।
विज्ञापन
विज्ञापन
कोट
यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके लिए जल्द ही नाके लगाए जाएंगे। उम्मीद है कि सख्ती और जागरूकता से क्षेत्र में ट्रिपल राइडिंग और अन्य यातायात नियमों की उल्लंघना पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा। लोगों से अपील है कि अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने के लिए न दें और यातायात नियमों का पालन करते हुए पुलिस का सहयोग करें।
-विशाल वर्मा, डीएसपी, घुमारवीं