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Bilaspur News: डुप्लीकेट दिव्यांग प्रमाण पत्रों की पहचान के लिए बनेंगे यूडी आईडी
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Thu, 11 Dec 2025 11:49 PM IST
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दिव्यांगों को ई मित्र पर ऑनलाइन करना होगा आवेदन
स्थायी प्रमाण पत्र बनने से दिव्यांगजनों को नहीं होगी परेशानी
जिले में अभी तक 4383 दिवांजनों ने किया है आवेदन
4213 दिव्यांगजनों के बन चुके है यूडी आईडी
धमेंद्र सिंह बोज्ञाटो
बिलासपुर। सरकार की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर में यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड और विकलांग प्रमाण पत्रों का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। यह कदम प्रमाण पत्रों के दुरूपयोग, डुप्लीकेट और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
डुप्लीकेट दिव्यांग प्रमाण पत्रों की पहचान के लिए सरकार ने ऑनलाइन बनाए गए पुराने दिव्यांग पत्रों को फिर से बनाने की कवायद शुरू की है। दिव्यांगजनों को अब अपने विकलांगता प्रमाण पत्रों को रिन्यू करते समय अब ऑनलाइन ई मित्र पर आवेदन करना पड़ेगा। इसके बाद उन्हें यूडी आईडी कार्ड दिए जाएंगे। बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। यूडीआईडी कार्ड बनाने के बाद कार्ड उनके पते पर पहुंच जाएगा। जिन दिव्यांगजनों ने यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड पहले ही बनाया है उन्हें दोबारा बनाने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा जिन दिव्यांगजनों ने यह कार्ड नहीं बनाया है उन्हें फिर से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह प्रमाण पत्र स्थायी होगा और कहीं भी ऑनलाइन अपना कार्ड देख सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर में अभी तक 4383 दिव्यांगजनों ने आवेदन किया था, जिनमें से अभी तक 4213 के यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बन चुके हैं। इसके अलावा 12 रद्द और अभी तक 152 पेंडिंग हैं। उधर, सीएमओ बिलासपुर शशि दत्त शर्मा ने बताया कि दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए दिव्यांगजनों को अब ऑनलाइन आवेदन ई मित्र पर करना होगा। इसके बाद उन्हें यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड दिए जाएंगे जो उनके स्थाई पते पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के विकलांगता की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर शुक्रवार का दिन तय है। अस्पताल में दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में विकलांगता जांची जाएगी। संवाद
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स्थायी प्रमाण पत्र बनने से दिव्यांगजनों को नहीं होगी परेशानी
जिले में अभी तक 4383 दिवांजनों ने किया है आवेदन
4213 दिव्यांगजनों के बन चुके है यूडी आईडी
धमेंद्र सिंह बोज्ञाटो
बिलासपुर। सरकार की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर में यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड और विकलांग प्रमाण पत्रों का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। यह कदम प्रमाण पत्रों के दुरूपयोग, डुप्लीकेट और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
डुप्लीकेट दिव्यांग प्रमाण पत्रों की पहचान के लिए सरकार ने ऑनलाइन बनाए गए पुराने दिव्यांग पत्रों को फिर से बनाने की कवायद शुरू की है। दिव्यांगजनों को अब अपने विकलांगता प्रमाण पत्रों को रिन्यू करते समय अब ऑनलाइन ई मित्र पर आवेदन करना पड़ेगा। इसके बाद उन्हें यूडी आईडी कार्ड दिए जाएंगे। बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। यूडीआईडी कार्ड बनाने के बाद कार्ड उनके पते पर पहुंच जाएगा। जिन दिव्यांगजनों ने यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड पहले ही बनाया है उन्हें दोबारा बनाने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा जिन दिव्यांगजनों ने यह कार्ड नहीं बनाया है उन्हें फिर से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह प्रमाण पत्र स्थायी होगा और कहीं भी ऑनलाइन अपना कार्ड देख सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर में अभी तक 4383 दिव्यांगजनों ने आवेदन किया था, जिनमें से अभी तक 4213 के यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड बन चुके हैं। इसके अलावा 12 रद्द और अभी तक 152 पेंडिंग हैं। उधर, सीएमओ बिलासपुर शशि दत्त शर्मा ने बताया कि दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए दिव्यांगजनों को अब ऑनलाइन आवेदन ई मित्र पर करना होगा। इसके बाद उन्हें यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड दिए जाएंगे जो उनके स्थाई पते पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के विकलांगता की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर शुक्रवार का दिन तय है। अस्पताल में दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में विकलांगता जांची जाएगी। संवाद
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