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Chamba News: जन संकल्प सम्मेलन में भेजी बसें, सड़क पर यात्री, मीलों पैदल सफर कर घर पहुंचे लोग
संवाद न्यूज एजेंसी, चम्बा
Updated Fri, 12 Dec 2025 08:56 AM IST
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चंबा। स्थान : चंबा बस स्टैंड, दिन : वीरवार, समय : सुबह 10 बजे, बसों के इंतजार में बैठे लोग....। दिन भर यात्री एचआरटीसी की बसें नहीं मिलने से परेशान होते रहे। दरअसल, चंबा डिपो से 11 बसें मंडी में होने वाले प्रदेश सरकार के जन संकल्प सम्मेलन के लिए भेजी गई। इससे जिले भर में ग्रामीण रूट प्रभावित हुए। दिन भर लोगों को बसें न मिलने से परेशान होना पड़ा। मजबूरन कई लोग पैदल ही अपने घरों की ओर रवाना हो गए। इसमें दो पठानकोट के रूट भी शमिल हैं।
यात्रियों ने बताया कि सुबह से बस का इंतजार कर रहे थे लेकिन कोई बस नहीं आई। परिवहन निगम ने कई रूट मर्ज किए हैं। यात्रियों ने बताया कि निजी टैक्सियों में उन्हें भारी भरकम किराया देना पड़ेगा। इतना ही नहीं, निजी बसों में भी अधिक भीड़ देखी गई क्योंकि लोग सरकारी बसों के इंतजार में थे। इस घटना ने पूरे जिले में एचआरटीसी के ग्रामीण रूट संचालन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवहन निगम की करीब 120 बसें हैं। जिसमें 11 बसें सम्मेलन के लिए भेजी गईं। पांच रूट मर्ज किए गए। मंगलेरा, बैरागढ़, सलूणी के एकमात्र रूटों पर बसें नहीं गई। जहां दो बसें जा रही थीं, वहां एक ही बस भेजी गई। पूरा दिन यात्री बस स्टैंड में यात्री भटकते रहे। इतना ही नहीं, बस स्टैंड में कोई बस भी सरकारी खड़ी दिखाई नहीं दी। एचआरटीसी के डीडीएम शुगल सिंह का कहना है कि मंडी जन संकल्प सम्मेलन के लिए बसें तो भेजी है लेकिन कई रूट मर्ज किए हैं।
हरिद्वार के लिए जा रही थी लेकिन दो बजे तक बस नहीं आई। इंतजार में पूरा दिन निकल गया। बसों का इंतजार करते-करते टैक्सी का ही सहारा लेना पड़ा। किराया भी ज्यादा देना पड़ा, जो हम जैसे ग्रामीणों के लिए बोझ है।
-दर्शना देवी, यात्री
बच्चे का चेकअप करवाने के लिए चंबा आई थी लेकिन अब बस के जाने का इंतजार कर रहे हैं। सुनने में आया कि बस मंडी में जन संकल्प सम्मेलन के लिए भेजी गई है। बच्चे के साथ घर पहुंचना मुश्किल हो गया।
-अनीता देवी, यात्री
बहु के साथ बाजार आई थी। बस स्टैंड पहुंचने पर एक भी सरकारी बस देखने को नहीं मिली। टांग में भी दर्द है। कैसे घर पहुंचना है। निजी बस का ही सहारा लेना पड़ेगा।
-आत्मा देवी, यात्री
अगर परिवहन निगम ने बसों को जन सम्मेलन के लिए भेजा है तो यात्रियों के लिए भी अलग व्यवस्था करनी चाहिए। पूरा दिन बसें न चलने से परेशान हो रहे हैं। कभी यहां भटक रहे, कभी वहां।
-मीना देवी, यात्री
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यात्रियों ने बताया कि सुबह से बस का इंतजार कर रहे थे लेकिन कोई बस नहीं आई। परिवहन निगम ने कई रूट मर्ज किए हैं। यात्रियों ने बताया कि निजी टैक्सियों में उन्हें भारी भरकम किराया देना पड़ेगा। इतना ही नहीं, निजी बसों में भी अधिक भीड़ देखी गई क्योंकि लोग सरकारी बसों के इंतजार में थे। इस घटना ने पूरे जिले में एचआरटीसी के ग्रामीण रूट संचालन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवहन निगम की करीब 120 बसें हैं। जिसमें 11 बसें सम्मेलन के लिए भेजी गईं। पांच रूट मर्ज किए गए। मंगलेरा, बैरागढ़, सलूणी के एकमात्र रूटों पर बसें नहीं गई। जहां दो बसें जा रही थीं, वहां एक ही बस भेजी गई। पूरा दिन यात्री बस स्टैंड में यात्री भटकते रहे। इतना ही नहीं, बस स्टैंड में कोई बस भी सरकारी खड़ी दिखाई नहीं दी। एचआरटीसी के डीडीएम शुगल सिंह का कहना है कि मंडी जन संकल्प सम्मेलन के लिए बसें तो भेजी है लेकिन कई रूट मर्ज किए हैं।
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हरिद्वार के लिए जा रही थी लेकिन दो बजे तक बस नहीं आई। इंतजार में पूरा दिन निकल गया। बसों का इंतजार करते-करते टैक्सी का ही सहारा लेना पड़ा। किराया भी ज्यादा देना पड़ा, जो हम जैसे ग्रामीणों के लिए बोझ है।
-दर्शना देवी, यात्री
बच्चे का चेकअप करवाने के लिए चंबा आई थी लेकिन अब बस के जाने का इंतजार कर रहे हैं। सुनने में आया कि बस मंडी में जन संकल्प सम्मेलन के लिए भेजी गई है। बच्चे के साथ घर पहुंचना मुश्किल हो गया।
-अनीता देवी, यात्री
बहु के साथ बाजार आई थी। बस स्टैंड पहुंचने पर एक भी सरकारी बस देखने को नहीं मिली। टांग में भी दर्द है। कैसे घर पहुंचना है। निजी बस का ही सहारा लेना पड़ेगा।
-आत्मा देवी, यात्री
अगर परिवहन निगम ने बसों को जन सम्मेलन के लिए भेजा है तो यात्रियों के लिए भी अलग व्यवस्था करनी चाहिए। पूरा दिन बसें न चलने से परेशान हो रहे हैं। कभी यहां भटक रहे, कभी वहां।
-मीना देवी, यात्री