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Hamirpur (Himachal) News: चेक बाउंस के दो मामलों में आरोपी शिक्षक दोषी करार
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Wed, 10 Dec 2025 06:37 AM IST
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रंगस (हमीरपुर)। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नादौन अनुज बहल की अदालत ने चेक बाउंस के दो मामलों में आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। एक ही आरोपी के खिलाफ अदालत में दो चेक बाउंस के मामले चल रहे थे। आरोपी को दोषी करार देते हुए एक केस में 6 माह का साधारण कारावास और 2.20 लाख रुपये मुआवजा देने की सजा व दूसरे मामले में 1,80,000 रुपये का हर्जाना और छह माह की सजा सुनाई है।
रंगस स्थित पठानिया ज्वेलर्स फर्म ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि आरोपी संजय निवासी रंगस ने 22 अक्तूबर 2018 को लाकेट, लेडीज चेन, झुमके, रिंग आदि कुल 1,80,000 के सोने के आभूषण खरीदे थे। इस दौरान आरोपी ने चेक से भुगतान कर दिया। इसके बाद एक नवंबर 2018 को दोबारा 1,32,000 के गहने खरीदे और दोबारा चेक से भुगतान किया। दोनों चेक बाउंस हो गए और ज्वेलर्स फर्म ने आरोपी को नोटिस भेजे। कानूनी नोटिस भेजने के बावजूद आरोपी ने भुगतान नहीं किया। आरोपी ने न राशि चुकाई और न ही नोटिस का जवाब दिया। इसके बाद अदालत में मामला दायर किया गया। आरोपी ने आरोपों से इनकार किया लेकिन बचाव में कोई सबूत पेश नहीं कर सका। कोर्ट ने माना कि आरोपी ने अपनी देनदारी से बचने के लिए जानबूझकर चेक जारी किया जबकि खाते में धनराशि नहीं थी।
अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए कहा कि आरोपी एक परिपक्व व्यक्ति है और उसे इस कार्य के परिणाम का पूरा ज्ञान था। ऐसे में दोनों मामलों में आरोपी को कुल चार लाख हर्जाना चुकाने और छह-छह माह की कैद की सजा सुनाई गई है। दोषी करार व्यक्ति पेशे से सरकारी शिक्षक है।
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रंगस स्थित पठानिया ज्वेलर्स फर्म ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि आरोपी संजय निवासी रंगस ने 22 अक्तूबर 2018 को लाकेट, लेडीज चेन, झुमके, रिंग आदि कुल 1,80,000 के सोने के आभूषण खरीदे थे। इस दौरान आरोपी ने चेक से भुगतान कर दिया। इसके बाद एक नवंबर 2018 को दोबारा 1,32,000 के गहने खरीदे और दोबारा चेक से भुगतान किया। दोनों चेक बाउंस हो गए और ज्वेलर्स फर्म ने आरोपी को नोटिस भेजे। कानूनी नोटिस भेजने के बावजूद आरोपी ने भुगतान नहीं किया। आरोपी ने न राशि चुकाई और न ही नोटिस का जवाब दिया। इसके बाद अदालत में मामला दायर किया गया। आरोपी ने आरोपों से इनकार किया लेकिन बचाव में कोई सबूत पेश नहीं कर सका। कोर्ट ने माना कि आरोपी ने अपनी देनदारी से बचने के लिए जानबूझकर चेक जारी किया जबकि खाते में धनराशि नहीं थी।
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अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए कहा कि आरोपी एक परिपक्व व्यक्ति है और उसे इस कार्य के परिणाम का पूरा ज्ञान था। ऐसे में दोनों मामलों में आरोपी को कुल चार लाख हर्जाना चुकाने और छह-छह माह की कैद की सजा सुनाई गई है। दोषी करार व्यक्ति पेशे से सरकारी शिक्षक है।