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Hamirpur (Himachal) News: आपदा ने बेघर किए कई परिवार, ब्लासटिंग से थर्राई थी मसयाणा की पहाड़ी
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Thu, 25 Dec 2025 01:02 AM IST
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चबूतरा में जमींदोज हुआ मकान। फाइल फोटो।
- फोटो : सड़क खोदवाकर जांच करते लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता ।
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हमीरपुर। जिले में इस बार आपदा ने कहर बरपाया है। पहली सितंबर 2025 को चबूतरा गांव में जमीन धंसने से पांच परिवार बेघर हो गए थे। वहीं, शिमला-मटौर फोरलेन के चीलबाहल-कोहली टू लेन पैच के निर्माण के लिए जारी ब्लास्टिंग से मसयाणा की पहाड़ी थर्रा गई थी।
बरसात में नियमों के विपरित किए जा रहे इस निर्माण पर बड़े सवाल उठे थे, जिसके बाद वन विभाग ने यहां पर निर्माण कार्य को बंद करवा दिया था। यहां पर निर्माण कंपनी को जुर्माना भी लगाया गया था। चबूतरा में पहली सितंबर को जमीन धंसने से मची तबाही से पांच परिवार बेघर हुए। वहीं, अगले ही दिन नादौन विधानसभा क्षेत्र के पंचायत ग्वालपत्थर के गांव करड़ी के करीब दस घरों पर पहाड़ी दरकने का खतरा मंडरा गया था।
यहां पर कई घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए थे। चबूतरा गांव के प्रभावितों को मुआवजा प्रदेश सरकार की ओर से जारी किया गया है। यहां पर पांच प्रभावित परिवारों में से दो को तीन लाख से अधिक और तीन परिवार को एक लाख के लगभग फौरी राहत प्रदान की गई है। बाकी मुआवजा राशि और घर निर्माण के लिए जमीन आवंटित की जाना अभी बाकी है।
प्रभावित नरोतम चंद का कहना है कि चबूतरा गांव में शामलात भूमि है, इसे सरकार उन्हें आवंटित कर दे तो वह यहां पर घर बना सकेंगे। हालांकि जिला प्रशासन को एसडीएम सुजानपुर से प्रपोजल नहीं मिली है। हालांकि एसडीएम सुजानपुर विकास शुक्ला का कहना है कि तीन जगह पर जमीन प्रभावित परिवारों को दिखाई गई, लेकिन उन्हें पसंद नहीं आई है।
ग्वालपत्थर पंचायत में दो घर जमींदोज
ग्वालपत्थर पंचायत के प्रधान सुरजीत का कहना है कि अधिकारी गांव में पहुंचे थे। यहां पर 500 मीटर सड़क कई फुट धंस गई है। दस घरों को खतरा बना हुआ है। यहां पर भू गर्भ सर्वे की बात कही गई थी, लेकिन सर्वें नहीं हुआ है। पंचायत में दो परिवारों के मकान जमींदोज हुए हैं, जो कि बेघर हो गए हैं।
मनसाई, चबूतरा और पांडवीं में भू-गर्भ सर्वे
जिला के प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रभावित गांवों सदोह, मनसाई और करड़ी का 19 सितंबर 2025 को दौरा किया था। यहां पर भू-गर्भ सर्वे का आश्वासन दिया गया था, लेकिन मनसाई और चबूतरा गांव में भू-गर्भ सर्वे हो सका है। इसके अलावा पांडवीं पंचायत में जमीन धंसने पर कई घरों को खतरा पैदा हो गया था। यहां पर भू-गर्भ सर्वे किया गया है।
इस साल जिले में 400 करोड़ से अधिक का नुकसान
जिले में वर्ष 2025 में 400 करोड़ से अधिक सरकारी और निजी संपतियों का नुकसान हुआ है। 85 कच्चे मकान और 9 पक्का मकान ध्वस्त हुए हैं। 450 अन्य कच्चे मकानों और 45 पक्के मकानों को आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। इससे 2.84 करोड़ रुपये से अधिक का नुक्सान हुआ है। 55 अन्य भवनों को भी लगभग नुकसान पहुंचा है।
कोट
जिले में आपदा के दौरान सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में करोड़ों रुपये की संपत्ति तबाह हुई है। बेघर हुए लोगों को मुआवजा राशि नियमों के तहत आवंटित की जा रही है। दो गांव मनसाई और चबूतरा का भू-गर्भ सर्वे किया गया है। इसके अलावा चबूतरा के बेघर परिवारों के लिए जमीन भी तलाश की जा रही है।
-अमरजीत सिंह, डीसी हमीरपुर
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बरसात में नियमों के विपरित किए जा रहे इस निर्माण पर बड़े सवाल उठे थे, जिसके बाद वन विभाग ने यहां पर निर्माण कार्य को बंद करवा दिया था। यहां पर निर्माण कंपनी को जुर्माना भी लगाया गया था। चबूतरा में पहली सितंबर को जमीन धंसने से मची तबाही से पांच परिवार बेघर हुए। वहीं, अगले ही दिन नादौन विधानसभा क्षेत्र के पंचायत ग्वालपत्थर के गांव करड़ी के करीब दस घरों पर पहाड़ी दरकने का खतरा मंडरा गया था।
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यहां पर कई घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए थे। चबूतरा गांव के प्रभावितों को मुआवजा प्रदेश सरकार की ओर से जारी किया गया है। यहां पर पांच प्रभावित परिवारों में से दो को तीन लाख से अधिक और तीन परिवार को एक लाख के लगभग फौरी राहत प्रदान की गई है। बाकी मुआवजा राशि और घर निर्माण के लिए जमीन आवंटित की जाना अभी बाकी है।
प्रभावित नरोतम चंद का कहना है कि चबूतरा गांव में शामलात भूमि है, इसे सरकार उन्हें आवंटित कर दे तो वह यहां पर घर बना सकेंगे। हालांकि जिला प्रशासन को एसडीएम सुजानपुर से प्रपोजल नहीं मिली है। हालांकि एसडीएम सुजानपुर विकास शुक्ला का कहना है कि तीन जगह पर जमीन प्रभावित परिवारों को दिखाई गई, लेकिन उन्हें पसंद नहीं आई है।
ग्वालपत्थर पंचायत में दो घर जमींदोज
ग्वालपत्थर पंचायत के प्रधान सुरजीत का कहना है कि अधिकारी गांव में पहुंचे थे। यहां पर 500 मीटर सड़क कई फुट धंस गई है। दस घरों को खतरा बना हुआ है। यहां पर भू गर्भ सर्वे की बात कही गई थी, लेकिन सर्वें नहीं हुआ है। पंचायत में दो परिवारों के मकान जमींदोज हुए हैं, जो कि बेघर हो गए हैं।
मनसाई, चबूतरा और पांडवीं में भू-गर्भ सर्वे
जिला के प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रभावित गांवों सदोह, मनसाई और करड़ी का 19 सितंबर 2025 को दौरा किया था। यहां पर भू-गर्भ सर्वे का आश्वासन दिया गया था, लेकिन मनसाई और चबूतरा गांव में भू-गर्भ सर्वे हो सका है। इसके अलावा पांडवीं पंचायत में जमीन धंसने पर कई घरों को खतरा पैदा हो गया था। यहां पर भू-गर्भ सर्वे किया गया है।
इस साल जिले में 400 करोड़ से अधिक का नुकसान
जिले में वर्ष 2025 में 400 करोड़ से अधिक सरकारी और निजी संपतियों का नुकसान हुआ है। 85 कच्चे मकान और 9 पक्का मकान ध्वस्त हुए हैं। 450 अन्य कच्चे मकानों और 45 पक्के मकानों को आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। इससे 2.84 करोड़ रुपये से अधिक का नुक्सान हुआ है। 55 अन्य भवनों को भी लगभग नुकसान पहुंचा है।
कोट
जिले में आपदा के दौरान सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में करोड़ों रुपये की संपत्ति तबाह हुई है। बेघर हुए लोगों को मुआवजा राशि नियमों के तहत आवंटित की जा रही है। दो गांव मनसाई और चबूतरा का भू-गर्भ सर्वे किया गया है। इसके अलावा चबूतरा के बेघर परिवारों के लिए जमीन भी तलाश की जा रही है।
-अमरजीत सिंह, डीसी हमीरपुर