Himachal News: कर्ज में डूबे छोटे दुकानदारों के 10 लाख तक के लोन का एक लाख चुकाएगी हिमाचल सरकार
हिमाचल प्रदेश सरकार छोटे कारोबारियों को कर्ज से उबारेगी। दस लाख तक के कर्ज पर एक लाख रुपये प्रदेश सरकार चुकाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना लागू की गई है।
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हिमाचल प्रदेश सरकार अब छोटे कारोबारियों को कर्ज से उबारेगी। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में एनपीए घोषित बैंक खातों वाले छोटे दुकानदारों को आर्थिक मदद मिलेगी। दस लाख तक के कर्ज पर एक लाख रुपये प्रदेश सरकार चुकाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना लागू की गई है। जिन दुकानदारों का वार्षिक टर्नओवर 10 लाख रुपये से कम है और जिन्होंने अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2025 के बीच व्यापारिक ऋण लिया है, लेकिन भुगतान न कर पाने के कारण उनका खाता एनपीए घोषित हो गया है, वही इस योजना के पात्र होंगे।
सरकार ऐसे पात्र दुकानदारों को बैंकों के माध्यम से एकमुश्त समाधान के तहत अधिकतम 1 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस योजना की बजट में घोषणा की थी। शनिवार को प्रधान सचिव शहरी विकास देवेश कुमार ने अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के अनुसार प्रदेश के शहरी इलाकों में हजारों छोटे व्यापारी हैं। ये व्यापारी आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं और न ही उन्हें अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए कोई वित्तीय सहायता मिलती है।
इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2023 से हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना शुरू की। अब इस योजना का विस्तार शहरी क्षेत्रों तक किया गया है। इसके तहत दस लाख रुपये से कम वार्षिक टर्नओवर वाले छोटे दुकानदारों को बैंकों के माध्यम से 1 लाख रुपये तक की वन-टाइम सेटलमेंट सुविधा प्रदान की जाएगी, जिसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
अधिसूचना के अनुसार ओटीएस का उद्देश्य उधारकर्ताओं को अपना कर्ज चुकाने और आगे की कानूनी कार्रवाई को रोकने में मदद करना है। यदि किसी लाभार्थी पर एक लाख रुपये से अधिक बकाया है, तो शेष राशि उसे स्वयं जमा करनी होगी। हालांकि, योजना के तहत अधिकतम ऋण सीमा 10 लाख रुपये निर्धारित की गई है। जानबूझकर डिफॉल्ट, धोखाधड़ी और कदाचार के मामलों को योजना से बाहर रखा गया है।
आवेदन की प्रक्रिया शहरी स्थानीय निकायों के माध्यम से की जाएगी, जहां से सत्यापन के बाद मामला संबंधित बैंक को भेजा जाएगा। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य, जिला और शहरी स्थानीय निकाय स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया जाएगा और एकीकृत आईटी पोर्टल भी विकसित किया जाएगा।
कॉबलर की दुकानें, दर्जी की दुकानें, मोबाइल रिपेयरिंग की दुकानें, गैरेज मालिक, चाय की दुकान/ढाबा मालिक, कटलरी स्टोर मालिक, किराना स्टोर मालिक, बार्बर, सड़क किनारे विक्रेता (फल, सब्जी विक्रेता और अन्य सामान बेचने वाले), कोई अन्य छोटा दुकानदार जिसे मानदंडों के अनुसार सही समझा जाए।