कराहते पहाड़: मटर, लहसुन के लिए मशहूर गड़सा में बंजर होने लगी एक हजार बीघा जमीन, जानें क्या है वजह
जिला कुल्लू की प्रसिद्ध गड़सा घाटी में सिंचाई का कोई वैकल्पिक प्रबंध न होने से मटर और लहसुन की फसलें सूखे की चपेट में हैं। गड़सा घाटी के रोट और दलाशनी गांव के सैकड़ों परिवारों की आजीविका कृषि और बागवानी पर निर्भर है, लेकिन पानी की एक-एक बूंद के लिए किसान परेशान हैं। पढ़ें पूरी खबर...
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मटर, लहसुन और फलों के लिए प्रसिद्ध गड़सा घाटी के खेत-खलिहान इन दिनों पानी के लिए तरस गए हैं। पिछले ढाई माह से बारिश नहीं हुई है, जिससे किसान-बागवानों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है। सिंचाई का कोई वैकल्पिक प्रबंध न होने से मटर और लहसुन की फसलें सूखे की चपेट में हैं। करीब 25 प्रतिशत फसल पीली पड़ चुकी है। गड़सा घाटी के रोट और दलाशनी गांव के सैकड़ों परिवारों की आजीविका कृषि और बागवानी पर निर्भर है, लेकिन पानी की एक-एक बूंद के लिए किसान परेशान हैं। रबी फसलों की बिजाई नहीं हो पा रही है, जबकि बागवान नए बगीचे लगाने और तोलिए बनाने से वंचित हैं। किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं।
सरकार ने सूखे जैसे हालात से निपटने के लिए ब्यास नदी से भडेउली-पचेहू उठाऊ सिंचाई योजना का निर्माण किया है। करीब एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी यह योजना वर्ष 2018-19 में शुरू हुई थी और दो साल पहले पूरी हो चुकी है। हालांकि पिछले डेढ़ साल से जलशक्ति विभाग योजना की टेस्टिंग कर रहा है, लेकिन अब तक इसका संचालन शुरू नहीं हो पाया है।
योजना शुरू न होने से पचेहू, भडेउली, घोड़ाधर, रहतेर और शोगी गांव के किसानों की लगभग 1,000 बीघा भूमि बंजर होने के कगार पर पहुंच गई है। जलशक्ति विभाग द्वारा पंप हाउस, मुख्य पाइपलाइन, टैंक और खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाने का कार्य पूरा किया जा चुका है, इसके बावजूद किसान-बागवानों की बार-बार की गुहार अनसुनी की जा रही है। किसान बीनू शर्मा, विपिन गौतम, कश्मीर सिंह नेगी, राकू नेगी, चमन लाल, परमानंद ठाकुर, योगराज शर्मा, नीरज शर्मा और यशपाल ने बताया कि पिछले एक दशक से क्षेत्र में सूखे जैसे हालात बनते जा रहे हैं। उन्होंने जलशक्ति विभाग से भडेउली-पचेहू उठाऊ सिंचाई योजना को जल्द शुरू करने की मांग की है।