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Mandi News: क्षेत्रीय अस्पताल में दो हफ्ते से बायोकेमिस्ट्री मशीन खराब
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मंडी। क्षेत्रीय अस्पताल मंडी की प्रयोगशाला में स्थापित बायोकेमिस्ट्री मशीन दो सप्ताह बाद भी ठीक नहीं हो पाई है। अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को विभिन्न टेस्ट सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है। मशीन के खराब होने से मरीज अस्पताल में अधिकृत क्रस्ना लैब पहुंच कर टेस्ट सुविधा ले रहे हैं। ऐसे में क्रस्ना लैब पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
सरकारी बायोकेमिस्ट्री मशीन के खराब होने से लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी), किडनी फंक्शन टेस्ट (केएफटी), शुगर, कोलेस्ट्राल, यूरिक एसिड सहित अन्य टेस्ट नहीं हो पा रहे। क्रस्ना लैब में भारी भीड़ होने पर अधिकांश मरीज निजी अस्पतालों के कर्मचारियों के बहकावे में आकर निजी लैब और अस्पतालों में महंगे दाम चुका कर टेस्ट करवाने को विवश हैं। हालांकि सरकारी और क्रस्ना लैब में सभी तरह के आवश्यक टेस्ट निशुल्क किए जाते हैं।
क्षेत्रीय अस्पताल में रोजाना करीब 12 सौ लोगों की ओपीडी रहती है। इनमें करीब दो सौ लोगों को रोजाना आवश्यक टेस्ट लिखे जाते हैं। रेहड़धार से काजल, प्रकाश चंद, शिवाबदार से लज्जा देवी, पूर्णचंद, पंडोह से तीर्थ राम, कोटमोर्स से मीरा देवी आदि ने बताया कि चिकित्सकों की हड़ताल के चलते आपातकाल में दिखाने पर उन्हें कुछ आवश्यक टेस्ट लिखे गए हैं। सरकारी मशीन खराब होने पर उन्हें क्रस्ना लैब में कतारों में लग कर इंतजार करना पड़ रहा है। यहां लंबा इंतजार करने के बाद भी समय पर टेस्ट नहीं हो पा रहे। अस्पताल प्रबंधन को चाहिए कि मशीन को जल्द ठीक करवाएं।
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बायोकेमिस्ट्री मशीन में आई तकनीकी खराबी का मुख्य कारण यह बार कोड स्कैन नहीं कर पा रही है। कंपनी इंजीनियर ने मशीन की जांच कर इसके बार कोड में आई खराबी को दुरुस्त करने के लिए समय मांगा है। मंगलवार तक मशीन पूरी तरह से ठीक कर दी जाएगी। क्रस्ना लैब पर मरीजों को निशुल्क टेस्ट सुविधा दी जा रही है।
-डॉ. दीपाली शर्मा, सीएमओ मंडी
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सरकारी बायोकेमिस्ट्री मशीन के खराब होने से लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी), किडनी फंक्शन टेस्ट (केएफटी), शुगर, कोलेस्ट्राल, यूरिक एसिड सहित अन्य टेस्ट नहीं हो पा रहे। क्रस्ना लैब में भारी भीड़ होने पर अधिकांश मरीज निजी अस्पतालों के कर्मचारियों के बहकावे में आकर निजी लैब और अस्पतालों में महंगे दाम चुका कर टेस्ट करवाने को विवश हैं। हालांकि सरकारी और क्रस्ना लैब में सभी तरह के आवश्यक टेस्ट निशुल्क किए जाते हैं।
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क्षेत्रीय अस्पताल में रोजाना करीब 12 सौ लोगों की ओपीडी रहती है। इनमें करीब दो सौ लोगों को रोजाना आवश्यक टेस्ट लिखे जाते हैं। रेहड़धार से काजल, प्रकाश चंद, शिवाबदार से लज्जा देवी, पूर्णचंद, पंडोह से तीर्थ राम, कोटमोर्स से मीरा देवी आदि ने बताया कि चिकित्सकों की हड़ताल के चलते आपातकाल में दिखाने पर उन्हें कुछ आवश्यक टेस्ट लिखे गए हैं। सरकारी मशीन खराब होने पर उन्हें क्रस्ना लैब में कतारों में लग कर इंतजार करना पड़ रहा है। यहां लंबा इंतजार करने के बाद भी समय पर टेस्ट नहीं हो पा रहे। अस्पताल प्रबंधन को चाहिए कि मशीन को जल्द ठीक करवाएं।
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बायोकेमिस्ट्री मशीन में आई तकनीकी खराबी का मुख्य कारण यह बार कोड स्कैन नहीं कर पा रही है। कंपनी इंजीनियर ने मशीन की जांच कर इसके बार कोड में आई खराबी को दुरुस्त करने के लिए समय मांगा है। मंगलवार तक मशीन पूरी तरह से ठीक कर दी जाएगी। क्रस्ना लैब पर मरीजों को निशुल्क टेस्ट सुविधा दी जा रही है।
-डॉ. दीपाली शर्मा, सीएमओ मंडी
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