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Shimla Winter Carnival: रंग रूप तेरा बड़ा प्यारा और काला बासा कौआ गानों पर झूमे युवा, अरुण जस्टा ने जमाया रंग
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला।
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Fri, 26 Dec 2025 10:31 AM IST
सार
Shimla Winter Carnival: राजधानी शिमला में विंटर कार्निवल की धूम मची है। युवा नाटियों पर झूम रहे हैं और खाने से स्टाल लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। वीरवार को क्या कुछ हुआ विस्तार से जानें...
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विंटर कार्निवल के दूसरे दिन झूमते लोग।
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
ऐतिहासिक रिज मैदान पर विंटर कार्निवल की दूसरी सांस्कृतिक संध्या पूरी तरह पहाड़ी लोक गीतों से सराबोर रही। स्टार नाइट में अरुण जस्टा की नाटियों ने पूरे मैदान को उत्सव के रंग में रंग दिया। हर उम्र के लोग उनके गानों पर थिरकते नजर आए। उन्होंने रंग रूप तेरा बड़ा प्यारा और काला बाशा कौआ तेरे आंगने सहित कई पहाड़ी गीत गाए। रिज मैदान रात आठ बजे तक लोगों से पूरी तरह भर गया था। स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। शहर के मेयर सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर उमा कौशल ने उनका मंच पर स्वागत कर शाॅल देकर सम्मानित किया।
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने मंच से लोगों को कार्निवल की बधाई थी। इसके ठीक बाद रात 8:15 बजे के करीब प्रसिद्ध लोक गायक अरुण जस्टा मंच पर आए और रंग रूप तेरा बड़ा प्यारा, काला बाशा कौआ तेरे आंगने, चंद्रामनी, केवल रामा, टुनकी शुणू और जियो करे मुशेय जैसे लोकप्रिय पहाड़ी नाटी गीतों की प्रस्तुति दी। इन गीतों पर दर्शकों ने जमकर नाटी डाली और रिज मैदान तालियों से गूंज उठा। इसके बाद हमीरपुर की बेटी एवं बॉलीवुड सिंगर शिल्पा सरोज ने अपनी दमदार आवाज से समां बांधा। उन्होंने बणी ठणी, बदन पर सितारे लपेटे हुए, आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे और आजा-आजा मैं हूं प्यार तेरा जैसे गानों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
वहीं, मालरोड पर युवाओं ने मक्की की रोटी सरसों दा साग गाने पर नाटी डाली। इस दौरान पुलिस कंट्रोल रूम के सामने सैकड़ों की संख्या में लोगों ने एकत्रित होकर नाटी डाली। मालरोड पर डांस करने के लिए दोपहर करीब एक बजे के बाद युवाओं की संख्या जुटना शुरू हो गई थी। वहीं शाम तीन बजे के बाद पुलिस कंट्रोल रूम से लेकर टाउन हॉल तक पूरा मैदान लोगों से भर गया। इस दौरान तीन से चार घंटे तक युवाओं ने पहाड़ी गानों पर डांस किया। विंटर कार्निवल के चलते राजधानी के रिज मैदान और मालरोड को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। वहीं यहां पर बने सेल्फी प्वाइंट सैलानियों के मुख्य आकर्षण का केंद्र बने हैं। इसमें बर्फ से लिपटे शिमला को दर्शाया है।
लिट्टी चोखा और दाल बाटी चूरमा के कायल हुए लोग
राजधानी के रिज मैदान पर चल रहे विंटर कार्निवल के तहत पद्मदेव कांप्लेक्स में बिहार के लिट्टी चोखा लोगों को खूब पसंद आ रहा है। इसके साथ ही स्टॉलों में पाव भाजी, वड़ापाव और भेल पूरी लोगों महाराष्ट्र की गलियों का अनुभव दे रही है। इसके अलावा दाल बाटी चूरमा राजस्थान के व्यंजनों और परंपरा का अनुभव दे रहा है। इन स्टॉलों में भारत के विभिन्न राज्यों के व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए हैं जिनकी महक लोगों को इन राज्यों की संस्कृति और स्वाद का अनुभव दे रही है।
यह व्यंजन पद्मदेव कांप्लेक्स में प्रवेश करते ही लोगों को अपनी खुशबू से आकर्षित कर रहे हैं। यहां लोगों को सुबह से रात तक यह व्यंजन परोसे जाते हैं। यहां भले ही लोगों को ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं लेकिन वह स्वाद का अनुभव लेने से नहीं चूक रहे हैं। इसके साथ ही कार्निवल में लोगों और पर्यटकों को स्पेशल हिमाचली धाम, पहाड़ी सिड्डू, बिलासपुरी धाम, दिल्ली चाट, अमृतसरी कुल्चा, पिज्जा, बर्गग, चाउमिन-मोजोज, जलेबी और भी कई व्यंजन परोसे जा रहे हैं। इस दौरान लिट्टी चोखा खा रहे पंजाब से आए रितेश ने बताया कि इसका स्वाद बिहार के व्यंजनों और वहां के खान-पान का एहसास दिला रहा है। उन्होंने कहा कि वह पहली बार लिट्टी चोखा खा रहे हैं और इसका स्वाद अच्छा है। रुहानिका ने बताया कि कार्निवल में बहुत सारे खाने के स्टॉल लगे हैं जिससे हमें दूसरे राज्यों के व्यंजनों को चखने का मौका मिल रहा है।
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स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने मंच से लोगों को कार्निवल की बधाई थी। इसके ठीक बाद रात 8:15 बजे के करीब प्रसिद्ध लोक गायक अरुण जस्टा मंच पर आए और रंग रूप तेरा बड़ा प्यारा, काला बाशा कौआ तेरे आंगने, चंद्रामनी, केवल रामा, टुनकी शुणू और जियो करे मुशेय जैसे लोकप्रिय पहाड़ी नाटी गीतों की प्रस्तुति दी। इन गीतों पर दर्शकों ने जमकर नाटी डाली और रिज मैदान तालियों से गूंज उठा। इसके बाद हमीरपुर की बेटी एवं बॉलीवुड सिंगर शिल्पा सरोज ने अपनी दमदार आवाज से समां बांधा। उन्होंने बणी ठणी, बदन पर सितारे लपेटे हुए, आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे और आजा-आजा मैं हूं प्यार तेरा जैसे गानों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
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वहीं, मालरोड पर युवाओं ने मक्की की रोटी सरसों दा साग गाने पर नाटी डाली। इस दौरान पुलिस कंट्रोल रूम के सामने सैकड़ों की संख्या में लोगों ने एकत्रित होकर नाटी डाली। मालरोड पर डांस करने के लिए दोपहर करीब एक बजे के बाद युवाओं की संख्या जुटना शुरू हो गई थी। वहीं शाम तीन बजे के बाद पुलिस कंट्रोल रूम से लेकर टाउन हॉल तक पूरा मैदान लोगों से भर गया। इस दौरान तीन से चार घंटे तक युवाओं ने पहाड़ी गानों पर डांस किया। विंटर कार्निवल के चलते राजधानी के रिज मैदान और मालरोड को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। वहीं यहां पर बने सेल्फी प्वाइंट सैलानियों के मुख्य आकर्षण का केंद्र बने हैं। इसमें बर्फ से लिपटे शिमला को दर्शाया है।
लिट्टी चोखा और दाल बाटी चूरमा के कायल हुए लोग
राजधानी के रिज मैदान पर चल रहे विंटर कार्निवल के तहत पद्मदेव कांप्लेक्स में बिहार के लिट्टी चोखा लोगों को खूब पसंद आ रहा है। इसके साथ ही स्टॉलों में पाव भाजी, वड़ापाव और भेल पूरी लोगों महाराष्ट्र की गलियों का अनुभव दे रही है। इसके अलावा दाल बाटी चूरमा राजस्थान के व्यंजनों और परंपरा का अनुभव दे रहा है। इन स्टॉलों में भारत के विभिन्न राज्यों के व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए हैं जिनकी महक लोगों को इन राज्यों की संस्कृति और स्वाद का अनुभव दे रही है।
यह व्यंजन पद्मदेव कांप्लेक्स में प्रवेश करते ही लोगों को अपनी खुशबू से आकर्षित कर रहे हैं। यहां लोगों को सुबह से रात तक यह व्यंजन परोसे जाते हैं। यहां भले ही लोगों को ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं लेकिन वह स्वाद का अनुभव लेने से नहीं चूक रहे हैं। इसके साथ ही कार्निवल में लोगों और पर्यटकों को स्पेशल हिमाचली धाम, पहाड़ी सिड्डू, बिलासपुरी धाम, दिल्ली चाट, अमृतसरी कुल्चा, पिज्जा, बर्गग, चाउमिन-मोजोज, जलेबी और भी कई व्यंजन परोसे जा रहे हैं। इस दौरान लिट्टी चोखा खा रहे पंजाब से आए रितेश ने बताया कि इसका स्वाद बिहार के व्यंजनों और वहां के खान-पान का एहसास दिला रहा है। उन्होंने कहा कि वह पहली बार लिट्टी चोखा खा रहे हैं और इसका स्वाद अच्छा है। रुहानिका ने बताया कि कार्निवल में बहुत सारे खाने के स्टॉल लगे हैं जिससे हमें दूसरे राज्यों के व्यंजनों को चखने का मौका मिल रहा है।
खाने की कमी नहीं और जगह भी नहीं
विंटर कार्निवल में लोगों को खाने की कोई कमी नहीं है लेकिन यहां ज्यादा स्टॉल होने के चलते लोगों को न खड़े होने की जगह मिल रही है और न ही खाने के लिए। यहां लोगों को खड़े रहकर खाना पड़ रहा है और भीड़ ज्यादा होने यहां खाना भी आसान नहीं है। लोगों को आते जाते हुए धक्के लग रहे हैं जिससे कई बार लोगों का खाना गिर जाता है। इसके चलते स्टॉल के आसपास सफाई रखना भी मुश्किल हो रहा है। इससे स्थानीय लोगों और सैलानियों को काफी परेशानी हो रही है। दाक्षी और उनकी सहेलियों ने कहा कि यहां खाने के लिए अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।
विंटर कार्निवल में लोगों को खाने की कोई कमी नहीं है लेकिन यहां ज्यादा स्टॉल होने के चलते लोगों को न खड़े होने की जगह मिल रही है और न ही खाने के लिए। यहां लोगों को खड़े रहकर खाना पड़ रहा है और भीड़ ज्यादा होने यहां खाना भी आसान नहीं है। लोगों को आते जाते हुए धक्के लग रहे हैं जिससे कई बार लोगों का खाना गिर जाता है। इसके चलते स्टॉल के आसपास सफाई रखना भी मुश्किल हो रहा है। इससे स्थानीय लोगों और सैलानियों को काफी परेशानी हो रही है। दाक्षी और उनकी सहेलियों ने कहा कि यहां खाने के लिए अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।