{"_id":"694d3be94d301d39ba03ed39","slug":"dog-cat-and-monkey-bite-cases-on-the-rise-in-the-district-nahan-news-c-177-1-nhn1002-167894-2025-12-25","type":"story","status":"publish","title_hn":"Sirmour News: जिले में कुत्ते, बिल्ली और बंदरों को काटने के मामले बढ़े","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Sirmour News: जिले में कुत्ते, बिल्ली और बंदरों को काटने के मामले बढ़े
विज्ञापन
विज्ञापन
मेडिकल कॉलेज में दो महीनों में 414 मरीज पहुंचे
नाहन में आवारा कुत्तों और बंदरों का ज्यादा प्रकोप
चंद्र ठाकुर
नाहन (सिरमौर)। जिले में कुत्तों, बिल्लियों और बंदरों के काटने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। बीते दो महीनों के भीतर 414 मरीज उपचार के लिए डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन पहुंचे। इनमें सबसे अधिक मामले आवारा कुत्तों और बंदरों के काटने के सामने आए हैं।
जानकारी के अनुसार रोजाना सात से आठ मरीज इन पशुओं के काटने की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं अधिक शामिल हैं। ज्यादातर मामले नाहन शहर और आसपास के क्षेत्रों से सामने आए हैं। जिला मुख्यालय नाहन में आवारा कुत्तों और बंदरों का प्रकोप ज्यादा है। यहां बाजारों और स्कूलों के आसपास ये झुंडों में घूमते रहते हैं।
स्थानीय निवासी राम सिंह, रूप चंद, कृष्णा देवी, राजेश कुमार और ब्रह्मानंद शर्मा ने बताया कि सुबह, शाम और देर रात के समय घर से निकलना मुश्किल हो गया है। कई बार झुंड में घूम रहे कुत्ते राहगीरों पर अचानक हमला कर देते हैं, जबकि बंदर घरों में घुसकर भी लोगों को काट रहे हैं। इस बारे में कई मर्तबा स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद को अवगत करवाया गया है। बावजूद इसके अब तक समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है।
मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेणु चौहान ने बताया कि अक्तूबर और नवंबर महीने में 414 लोगों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बंदर, बिल्ली और कुत्ते के काटने पर समय पर उपचार और एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाना बेहद जरूरी है। घाव को तुरंत साबुन और साफ पानी से धोएं और मरीज को अस्पताल पहुंचाएं। देसी इलाज से बचें।
पशु अक्तूबर नवंबर
कुत्ते
161
120
बिल्ली
40
41
बंदर
38
14
Trending Videos
नाहन में आवारा कुत्तों और बंदरों का ज्यादा प्रकोप
चंद्र ठाकुर
नाहन (सिरमौर)। जिले में कुत्तों, बिल्लियों और बंदरों के काटने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। बीते दो महीनों के भीतर 414 मरीज उपचार के लिए डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन पहुंचे। इनमें सबसे अधिक मामले आवारा कुत्तों और बंदरों के काटने के सामने आए हैं।
जानकारी के अनुसार रोजाना सात से आठ मरीज इन पशुओं के काटने की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं अधिक शामिल हैं। ज्यादातर मामले नाहन शहर और आसपास के क्षेत्रों से सामने आए हैं। जिला मुख्यालय नाहन में आवारा कुत्तों और बंदरों का प्रकोप ज्यादा है। यहां बाजारों और स्कूलों के आसपास ये झुंडों में घूमते रहते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
स्थानीय निवासी राम सिंह, रूप चंद, कृष्णा देवी, राजेश कुमार और ब्रह्मानंद शर्मा ने बताया कि सुबह, शाम और देर रात के समय घर से निकलना मुश्किल हो गया है। कई बार झुंड में घूम रहे कुत्ते राहगीरों पर अचानक हमला कर देते हैं, जबकि बंदर घरों में घुसकर भी लोगों को काट रहे हैं। इस बारे में कई मर्तबा स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद को अवगत करवाया गया है। बावजूद इसके अब तक समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है।
मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रेणु चौहान ने बताया कि अक्तूबर और नवंबर महीने में 414 लोगों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बंदर, बिल्ली और कुत्ते के काटने पर समय पर उपचार और एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाना बेहद जरूरी है। घाव को तुरंत साबुन और साफ पानी से धोएं और मरीज को अस्पताल पहुंचाएं। देसी इलाज से बचें।
पशु अक्तूबर नवंबर
कुत्ते
161
120
बिल्ली
40
41
बंदर
38
14